विश्व प्रसिद्ध लेखक अनवर शेख ने इस्लाम के विषय में लिखा है कि यह हिंसा और संभोग से आगे कुछ नहीं सोचता। तलवार के बल पर मानवता का हत्यारा बनकर इस मजहब ने अब तक करोड़ों लोगों को मारने का अपराध किया है। यदि मोहम्मद साहब के समय की बात की जाए तो उन्होंने भी […]
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उगता भारत ब्यूरो हैदराबाद के बारे में 75 साल से अनजान हैं। आज जिस भारत में हम सांस ले रहे हैं वह सरदार पटेल के कारण हैं. एक कश्मीर ही हमारे लिए मुसीबत बना हुआ है. यदि इस तरह के कुछ और कश्मीर (हैदराबाद/ जूनागढ़) होते तो हमारी हालत क्या होती? दक्षिण भारत की रियासत […]
महाराजा फँस गए थे दुविधा में महाराजा हरि सिंह यह भली प्रकार जानते थे कि उनके नेतृत्व में यदि कश्मीर का विलय पाकिस्तान के साथ हो गया तो वहां पर हिंदुओं को बहुत शीघ्रता के साथ समाप्त कर दिया जाएगा । महाराजा यह भी जानते थे कि जिस कश्मीर को लेकर उनके पूर्वजों ने लंबे […]
रेनू तिवारी कहते हैं कि यह ज्ञान को संरक्षित और विकसित करने के लिए है। अगर यह किसी गलत हाथों में चली जाये तो यह मानवता के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। मौर्य सम्राट अशोक ने नौ अज्ञात लोगों को गुप्त ज्ञान की नौ पुस्तकों की रखवाली करने का काम सौंपा गया था। बात […]
उगता भारत ब्यूरो आज महर्षि मनु को नारी विरोधी बताया जा रहा है मुस्लिम उलेमा कहते हैं कि कुरआन में औरत का दर्जा ऊँचा है. आइए तुलनात्मक रूप से देखें. बाइबल और कुरआन दोनों ही महिला की कीमत पुरुष से लगभग आधी है. यहाँ बाइबल का क्या कहना है।(सन्दर्भ लैव्यव्यवस्था 27: 3-7 ) और तेरा […]
डा. राधे श्याम द्विवेदी प्राचीन समय में राम की पौढ़ी वाले स्थल पर सरयू बहती थीं, भगवान राम समेत चारों भाई यहीं स्नान करते थे। धीरे धीरे नदी और उत्तर को हटती चली गई और सारे पुराने घाट सूख गए। राम घाट ,जानकी घाट और बासुदेव घाट पर पहले कभी नदी सटकर बहती थी ।आज […]
स्वामी ओमानन्द सरस्वती पं. जगतराम का जन्म हरयाणा जिला होशियारपुर के नगमापरू नाम के कस्बे में हुआ। आप सदैव प्रसन्नवदन और मस्त रहते थे। मैट्रिक पास करके दयानन्द कालेज लाहौर में प्रविष्ट हुए , किन्तु परीक्षा देने से पूर्व आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने के विचार से अमेरिका पहुंच गए। वहां पहुंचने पर देशभक्त ला० […]
डॉ. राजेश कुमार मीणा यह जानना रोचक है कि छठी सदी में दो अवन्ति जनपद हुआ करती थी जिसमें उत्तर अवंति की राजधानी उज्जयिनी थी और दक्षिण अवंति की राजधानी महिष्मती हुआ करती थी। भण्डाकर का भी यही विचार है कि छठीं सदी ई.पू. दो अवन्ति जनपद थे। विक्रमादित्य ने भारत की भूमि को विदेशी […]
पंकज जायसवाल जब मुगल आक्रमणकारियों के शोषण, अन्याय, हमारी माताओं और बहनों पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार, प्राकृतिक संसाधनों को लूटने और हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को नष्ट करने के परिणामस्वरूप पूरा देश पीड़ित था। इस विनाशकारी अवधि के दौरान, एक गुलाम मानसिकता विकसित हुई जिसने कहा कि “कुछ नहीं किया जा सकता है।” […]
#डॉ_विवेक_आर्य 1920 के आरम्भ की बात है। महात्मा गाँधी ने देश के आज़ादी की लड़ाई के साथ मुसलमानों के खिलाफत आंदोलन को नत्थी कर दिया। यह मुसलमानों का निजी मामला था। गाँधी जी यह सोचते थे कि इससे भारतीय मुसलमान भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने लगेंगे। स्वामी श्रद्धानन्द भी उसी काल में राष्ट्रीय राजनीती […]