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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद, अध्याय 15 (ग ) भारत ने की सर्जिकल स्ट्राइक

भारत ने की सर्जिकल स्ट्राइक 18 सितंबर को जैश ए मोहम्मद के पाँच आतंकवादियों ने उरी में स्थित भारतीय सेना के ब्रिगेड हेड क्वार्टर पर हमला कर दिया । इन आतंकवादियों के इस हमले में भारत के 19 जवान बलिदान हो गए थे। भारतीय राष्ट्रवाद के लिए समर्पित रहे प्रधानमंत्री मोदी के लिए इस प्रकार […]

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इतिहास के पन्नों से

कल का चेदि देश आज की चंदेरी*

________________ हमारी दुर्बलता रही है कि हम ने अपने इतिहास ग्रंथ महाभारत में वर्णित राजा महाराजाओं उनके व्यक्तित्व कृतित्व व उनकी राजधानियों को मात्र पौराणिक स्थल ,पात्र व मनोरंजक कथा मानकर ही बौद्धिक तौर पर संतुष्ट हो गए हैं… बात यदि हम महाभारत की करें तो दमघोष पुत्र चेदि नरेश *शिशुपाल* का नाम आपने जरूर […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद, अध्याय ..15 ( ख) अमरनाथ श्राइन बोर्ड पर विवाद

अमरनाथ श्राइन बोर्ड पर विवाद आतंकवादियों ने अपनी आतंकी घटनाओं को निरंतर जारी रखा। वे स्थानीय हिंदुओं के अतिरिक्त देश के दूसरे प्रांतों से आने वाले हिन्दू यात्रियों पर भी हमला करने पर उतारू हो गए थे। ऐसा वह इसलिए कर रहे थे कि कश्मीर में देश के बाहर के हिंदू यात्रियों को बिना परमिट […]

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कश्मीर में आतंकवाद , अध्याय 15, स्वतंत्र भारत में कश्मीरी अलगाववाद की कहानी, भाग -2 क

अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रवादी चिंतन के प्रधानमंत्री थे , परंतु उनके साथ समस्या यह थी कि वे लगभग दो दर्जन दलों की सांझा सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। जिसका ‘न्यूनतम सांझा कार्यक्रम’ उन्हें कश्मीर के संबंध में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लेने से रोकता था। उनकी उदारता ‘गठबंधन धर्म’ के निर्वाह में उलझी रह […]

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इतिहास के पन्नों से

मुसलमानों को सैकड़ों साल तक धूल चटाते रहने वाले हिंदू राजा

हिमांशु शुक्ला आप सभी ने एनसीईआरटी या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिलेबस की किताबों में इतिहास अवश्य पढा होगा , जिसमे एनशियन्ट , मिडिल , मोर्डन करके बांटा गया , उसमे भी Pre , Post क्लासिफाइड हिस्ट्री पढ़ी होगी । वैसे तो एनशियन्ट हिस्ट्री पक्षपातपूर्ण रूप से लिखी गई है , लेकिन उस पर […]

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इतिहास के पन्नों से

हमने अपनी अतीत की दुर्दशा से आज भी कुछ नहीं सीखा

उगता भारत ब्यूरो कभी कभी सोचता हूँ कि 1500 ई. के बाद के कितने साहसी और बुद्धिमानी रहे होंगे ब्रिटेन के लोग, जिन्होंने एक ठण्डे प्रदेश से निकलकर अंजान रास्ते और अंजान जगहों पर जाकर लोगों को गुलाम बनाया। अभी भी देखा जाए तो ब्रिटेन की जनसंख्या और क्षेत्रफल गुजरात के बराबर है लेकिन उन्होंने […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

इसलिए आवश्यक है इतिहास का पुनर्लेखन ? आर्य राजाओं का चरित्र बनाम मुगलों का चरित्र

स्वामी दयानंद जी भारत में राजा को चारित्रिक गुणों में बहुत ही उत्तम देखने के पक्षधर थे। उनकी इच्छा थी कि जिस प्रकार आर्य राजाओं के भीतर गुण हुआ करते थे वैसे ही गुण आज के राजनीतिज्ञों के भीतर भी होने चाहिए। महाभारत में राजा के भीतर 36 गुणों का वर्णन किया गया है। उन […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद, अध्याय 14 (ख) 1971 का भारत-पाक युद्ध और शिमला समझौता

1971 का भारत-पाक युद्ध और शिमला समझौता जब 1971 में भारत-पाक का तीसरा युद्ध हुआ तो उसमें भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कराने में सफलता प्राप्त की। इस युद्ध के पश्चात बांग्लादेश नाम का एक नया देश विश्व मानचित्र पर स्थापित हुआ। इसके पश्चात 1972 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

अध्याय 14, स्वतंत्र भारत में कश्मीरी अलगाववाद की कहानी ( क )

जब 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर रियासत का भारत में विलय कर दिया तो 27 अक्टूबर 1947 से जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया ।हमें इस संदर्भ में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 1947 में भारत के साथ विलय पत्र पर जिन – जिन राजाओं ने अपनी- अपनी […]

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इतिहास के पन्नों से

वॉर रिपोर्टर थे महाभारत के संजय

मॉडर्न जर्नलिज्म की एक प्रमुख शाखा है war journalism/ Repoorting ( युद्ध पत्रकारिता) बड़े ही साहसी होते हैं यह युद्ध पत्रकार अपनी जान पर खेलकर आधुनिक वियतनाम वार, द्वितीय विश्व युद्ध ,इराक- अमेरिकी युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाई है अपने क्षेत्र में पत्रकारों ने| इस समय जर्मनी रूस अमेरिका के वार रिपोर्टों का दबदबा है […]

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