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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद , अध्याय 16 (ख)पुलवामा हमला और एयर स्ट्राइक

पुलवामा हमला और एयर स्ट्राइक 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पुलबामा में सुरक्षाबलों पर हमला किया। इस हमला में विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को आतंकवादियों ने टक्कर मारी। इस हमला में 40 जवान अपना बलिदान देकर अमर हो गए। घटना के कुछ समय बाद ही सारे देश […]

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इतिहास के पन्नों से

कौन है भारतीय नौसेना के पिता ?

अनुराग गुप्ता  छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन में मजबूत मराठा नौसेना ने कई विदेशी ताकतों से भारतीय जल क्षेत्र की हिफाजत की थी। उस वक्त छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना हथियारों और तोपों से लैस थी और दुश्मनों पर त्वरित प्रहार करने के लिए जानी जाती थी। 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना का […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद : अध्याय 16 क , हटा दी गई धारा 370

हटा दी गई धारा 370 मोदी सरकार को जब केन्द्र में कार्य करते हुए 3 वर्ष हो गए तो उसने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए और गंभीर प्रयास करने आरंभ किये। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए नासूर बन चुकी ‘कश्मीर समस्या’ के समाधान के लिए अपने ठोस प्रयासों के माध्यम से यह संकेत […]

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इतिहास के पन्नों से

जब_मोरारजी_देसाई की सरकार में धर्मांतरण के विरुद्ध बिल पेश हुआ तो …..

#जब_मोरारजी_देसाई की सरकार में धर्मांतरण के विरुद्ध बिल पेश हुआ तो #मदर_टेरेसा ने प्रधान मंत्री को पत्र लिख कर कहाँ था की ईसाई समाज सभी समाज सेवा की गतिविधिया जैसे की शिक्षा, रोजगार, अनाथालय आदि को बंद कर देगा अगर उन्हें अपने ईसाई मत का प्रचार करने से रोका जायेगा। तब प्रधान मंत्री देसाई ने […]

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इतिहास के पन्नों से

विदेशी आक्रमणकारियों से हिंदू राजाओं के संघर्ष की गौरवशाली कहानी

डॉ. विवेक आर्य स्लाम के पैगम्बर मोहम्मद की 632 ई में मृत्यु के उपरांत अरब की संगठित इस्लामिक सेना ने तत्कालीन समय मे सबसे ताकतवर मानी जाने वाली Byzantine एम्पायर के फिलिस्तीन और सीरिया को महज 6 माह के भीतर 636-637 A.D. तक फतह हासिल कर लिया था । उसके बाद पर्सिया के Sassanid Empire […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

भारतीय संस्कृति में वशिष्ठ महर्षि की परंपरा, भाग 2

डॉ राधेश्याम द्विवेदी 9. राजा दिलीप कालीन वशिष्ठ अथर्वनिधि( द्वितीय):- ये वशिष्ठ राजा दिलीप के समय हुए, जिन्हें वशिष्ठ अथर्वनिधि (द्वितीय) कहा जाता था।दिलीप इक्ष्वाकु वंश के प्रतापी राजा थे जिन्हें ‘खटवांग’ भी कहते हैं। उनकी पत्नी का नाम सुदक्षिणा था। दिलीप की परम कामना यही थी कि उनकी प्रिय पत्नी सुदक्षिणा उनके समान ही […]

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इतिहास के पन्नों से

देश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजना हमारा राष्ट्रीय दायित्व

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल बूंदी के 781 वें स्थापना दिवस के अवसर महाराव राजा वंशवर्धन सिंह जी और उमंग संस्थान के द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ईश्वरी निवास में आयोजित “780 वर्ष : क्या खोया क्या पाया — एक विश्लेषण“ विषयक संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व जिला कलक्टर अमर सिंह रहे तथा अध्यक्षता पूर्व […]

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इतिहास के पन्नों से

28 जून/जन्म-दिवस* *अनुपम दानी : भामाशाह*

दान की चर्चा होते ही भामाशाह का नाम स्वयं ही मुँह पर आ जाता है। देश रक्षा के लिए महाराणा प्रताप के चरणों में अपनी सब जमा पूँजी अर्पित करने वाले दानवीर भामाशाह का जन्म अलवर (राजस्थान) में 28 जून, 1547 को हुआ था। उनके पिता श्री भारमल्ल तथा माता श्रीमती कर्पूरदेवी थीं। श्री भारमल्ल […]

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इतिहास के पन्नों से

जब अंधेरी कोठरी में बंद रखा गया था मोरारजी देसाई को

कुलदीप नैयर (वरिष्ठ पत्रकार) 18 जनवरी 1977 को मोरारजी आदतन सुबह उठकर टहलने निकल गए जैसा कि पिछले कई महीनों से एक रूटीन बन गया था । वह दिन भी और दिनों की ही तरह था । रूटीन भले ही नीरस हो , पहले से बेहतर था । जब उन्हें पहली बार हिरासत में लिया […]

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इतिहास के पन्नों से

आज भी जब आपातकाल की याद आती है तो हो जाते हैं रोंगटे खड़े

डॉ. राकेश मिश्र  तत्कालीन कांग्रेसी सरकार के अलोकतांत्रिक गतिविधियों का विरोध करने के लिए राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं उसके अनुषांगिक संगठनों को प्रतिबंधित कर उसके स्वयंसेवकों को जो यातनाएं दी गई, उसे याद कर लोग आज भी अचंभित होते हैं। मुगलों के शासन में धार्मिक आधार पर प्रताड़ना और अंग्रेजों के शासन […]

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