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इतिहास के पन्नों से

*पुरुरवा और उर्वशी की कहानी*

Dr D K Garg एक बार पुरुरवा की मुलाकात उर्वशी नामक अप्सरा से हुई और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। पुरुरवा ने उसे अपनी पत्नी बनने के लिए कहा, लेकिन वह दो शर्तों पर राजी हो गई। सबसे ज़्यादा दोहराई जाने वाली शर्तें ये हैं कि पुरुरवा उर्वशी की पालतू भेड़ों की रक्षा […]

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इतिहास के पन्नों से

वास्कोडिगामा ने कभी नहीं की थी भारत की खोज

★★★कौन कहता है कि भारत की खोज वास्को डी गामा ने की ,क्यों पढ़ाया जाता है फर्जी इतिहास।★★★ √●भारतवर्ष को अंग्रेजों ने नहीं खोजा था, यह सनातन है और इसके साक्ष्य भी हैं √●इतिहास हमेशा विजित द्वारा लिखा जाता है और वह इतिहास नहीं विजित की गाथा होती है। भारत के साथ भी यही हुआ […]

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धर्मवीर श्रद्धेय स्वामीजी का सच्चा बलिदान और अंतिम संदेश

लेखक- स्वामी चिदानंद संन्यासी (भूतपूर्व महासचिव, भारतीय हिंदू शुद्धि सभा) [भूमिका- क्या आप जानते हैं कि शुद्धि व्यवस्था जिसे आजकल हम घर-वापसी कहते हैं, को आंदोलन बनाने की शुरुआत आर्यसमाज के विद्वान् संन्यासी स्वामी श्रद्धानंद ने की थी। भारत में जब ईसाई और मुसलमानों की कपटी और क्रूरता भरी नीति ने लाखों हिंदुओं का धर्म-परिवर्तन […]

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राजाओं की संतानें पिछड़ी और दलित कैसे हो गईं ?

300 वर्ष तक भारत के बड़े भूभाग पर राज करने वाले होलकर की जाति से आने वाले धनगर और सिंधिया के कुनबे वाले आज पिछड़े हैं। वहीं उन महाराजा विक्रमादित्य हेमराज तेली के वंशज आज पिछड़े हैं जिन्होंने अखंड भारत पर राज किया..! वह मौर्य साम्राज्य आज पिछड़ा/दलित है, जिनके वंशजों ने पीढ़ियों तक बंगाल […]

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विभाजन की भेंट चढ़े थे लाखों हिंदू

~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल 15 अगस्त सन् 1947 को भारत की स्वाधीनता के साथ ही बंटवारे के चलते जो विभीषिका झेलनी पड़ी ‌, उसकी अन्तहीन त्रासदी ने समूची मानवता को दहला कर रख दिया था। अक्सर अतीत के उन स्याह अंधकारमय-वीभत्स और क्रूरतम दौर के सामान्यीकरण ( नार्मलाइजेशन) का दौर चलता है। यदि पूर्व के क्रूर […]

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संपूर्ण भूमंडल के नायक थे श्री कृष्ण

यूनान देश के यवन लोगों का हिरैक्लीज’ नाम का एक देवता रहा है। जिसकी वह लंबे समय से पूजा करते रहे हैं । कौन था यह हिरैक्लीज ? यदि इस पर विचार किया जाए तो पता चलता है कि इस नाम का देवता विश्व के सबसे अधिक बलशाली व ज्ञान सम्पन्न श्रीकृष्ण जी ही थे। […]

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हर युग में होते हैं चारण और भाट*

(राकेश अचल-विभूति फीचर्स) सामंतों के जमाने में चारण और भाट हुआ करते थे । कलिकाल में मैं चारण और भाटों को एक जाति के रूप में नहीं बल्कि एक ख़ास विधा के कलाकार के रूप में मान्यता देता आया हूँ ।ये दोनों प्रजाति के लोग कवि हृदय होने के साथ-साथ ही मौखिक इतिहास लेखक भी […]

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इतिहास के पन्नों से

*अफगानिस्तान का हिंदू वेदिक अतीत – अध्याय-20* *सिंहावलोकन*

*आप तनिक कल्पना करें। एक नदी है। उस नदी के एक छोर पर एक विशाल टीला स्थित है। नदी बरसात की ऋतु में बार-बार उस टीले को काटने व मिटाने का प्रयास करती है। उसे एक चुनौती देती है और उसकी थोड़ी बहुत मिट्टी हर बार वर्षा ऋतु में अपने साथ बहाकर ले जाती है […]

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क्या अब्दुल हमीद के बलिदान की कहानी झूठी है ?

एक एतिहासिक झूँठ- अब्दुल हमीद भी फर्जी निकला •••••••••••••••••• कोंग्रेस की घटिया करतूत का एक और हसीन पल – आंखेंखोलदेने_वाला #सच 1965 के युद्ध का झूठा इतिहास ध्यान से और लगन से पढ़ें. . हमें इतिहास में पढ़ाया गया कि अब्दुल हमीद ने पैटन टैंक उड़ाए थे, जबकि ये सरासर झूठ है और कांग्रेस का […]

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पुण्य श्लोका महारानी अहिल्याबाई होल्कर*

(शिवप्रकाश-विभूति फीचर्स) पुण्यश्लोका महारानी अहिल्याबाई होल्कर, का जीवन सादगीपूर्ण एवं शासन शैली संवेदनशील, सहज, धर्मनिष्ठ, न्यायप्रिय एवं लोक कल्याणकारी थीं। इन्हीं गुणों के कारण उनकी प्रजा उन्हें सदैव लोकमाता के रूप में देखती थी। उनके अप्रतिम गुणों को देखकर ब्रिटिश इतिहासकार जॉन केयस ने उन्हें “दार्शनिक रानी” ( The Philosopher Queen) की उपाधि दी । […]

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