डॉ. ओमप्रकाश पाहुजा लईया, मुजफ्फरगढ़, पाकिस्तान बंटवारे के समय मैं छह साल का था। गांव में एक अज्ञात भय व्याप्त था। शाम होते ही वह दरवाजा बंद कर दिया जाता था। मुझे याद है, हमारे घर की छत पर बड़े- बड़े कड़ाहों में तेल गरम करने की व्यवस्था की गई थी, ताकि मुसलमान अगर घर […]
Category: इतिहास के पन्नों से
सबसे बड़ी समस्या क्यों है मजहबी उन्माद ? अश्विनी उपाध्याय सबसे बड़ी समस्या क्यों है मजहबी उन्माद ? क्यों एक वर्ग की बढ़ती आबादी से बढ़ जाती हैं समस्याएं? हमारे देश के लिए जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, माओवाद और नक्सलवाद से भी बड़ा खतरा है कट्टरवाद, चरमपंथ, पाखंड और मजहबी उन्माद लेकिन इसके मूल कारण और […]
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद
हॉकी के महारथी मेजर ध्यान चंद के बारे में कुछ रोचक बातें प्रज्ञा पांडेय हॉकी के महारथी मेजर ध्यान चंद के बारे में कुछ रोचक बातें हॉकी के जादूगर ने अपनी काबिलियत के दम पर पूरे दुनिया में अपना नाम कमाया। 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन है। तो आइए इस अवसर पर हॉकी […]
सावरकर के आदर्श शिवाजी थे प्रो ० देवेन्द्रस्वरूप ( इतिहासकार तथा पूर्व सम्पादक ‘ पाञ्चजन्य ‘ ) पहला 30 अगस्त 1911 को लिखा , दूसरा 13 नवम्बर 1913 को , तीसरा 10 सितम्बर 1914 को , चौथा 2 अक्टूबर 1917 को , पांचवां 24 जनवरी 1920 को छठा 31 मार्च 1920 को । क्या उन्होंने […]
दिव्येन्दु राय देवरिया जनपद के जिला मुख्यालय के करीब के गॉव खुखुन्दू में 10 दिसम्बर सन् 1906 में एक बालक का जन्म हुआ। जन्म चूँकि जमींदार एवं शिक्षित परिवार में हुआ इसलिए उस बालक को पढ़ने के लिए पहले गोरखपुर के सेंट एंड्यूज कॉलेज भेजा गया तथा उसके बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए […]
———इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,महामंत्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— भारत विभाजन के समय मुसलमानों ने अपना जो एजेंडा तय किया था उसके अनुसार उन्होंने अपने लिए एक अलग देश प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की। उस समय मुसलमानों ने कांग्रेस की कमजोरी का फायदा उठाते हुए 1920 – 21 में उनके द्वारा चलाए गए खिलाफत आंदोलन […]
उगता भारत ब्यूरो वामपंथी तथा कम्युनिस्ट उन महान् राष्ट्रमत क्रांतिकारी शिरोमणि स्वातन्त्र्यवीर सावरकर जी पर अंग्रेजों का एजेंट होने तथा जेल से माफी मांगकर छूटने जैसे निराधार और शरारतपूर्ण आरोप लगाने का दुस्साहस कर रहे हैं , जिन्होंने अपनी जवानी को ही नहीं अपने पूरे परिवार को स्वाधीनता के यज्ञ में समर्पित कर अपना सर्वस्व […]
——————————————— देश आजाद हुआ तो देश के प्रधानमंत्री पद को नेहरू हथियाने में सफल हो गए। वास्तव में उनका इस पद पर पहुंचना देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य था। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने देश के इतिहास के विकृति करण की प्रक्रिया को तेज किया। इसके चलते पूरा मुगलिया छाप इतिहास बना कर हमारे बच्चों […]
🌷महाभारत में मांसभक्षण-निषेध🌷
महाभारत के अनुशासन पर्व के २१ वें अध्याय में “हिंसा और मांसभक्षण” की घोर निन्दा की गई है।मनुष्य को मन, वचन और कर्म से हिंसा न करने और मांस न खाने का आदेश देते हुए दिया है। रुपमव्यङ्गतामायुर्बुद्धिं सत्त्वं बलं स्मृतिम् । प्राप्तुकामैर्नरैहिंसा वर्जिता वै महात्मभिः ।। ―(२१/९) अर्थात्―जो सुन्दर रुप, पूर्णाङ्गता, पूर्ण-आयु, उत्तम बुद्धि, […]
राज तरंगिणी पुस्तक का महत्व
राजतरंगिणी उगता भारत ब्यूरो राजतरंगिणी कल्हण द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रन्थ है। जिसकी रचना 1148 से 1150 के बीच हुई। कश्मीर के इतिहास पर आधारित इस ग्रंथ की रचना में कल्हण ने ग्यारह अन्य ग्रंथों का सहयोग लिया है जिसमें अब केवल नीलमत पुराण ही उपलब्ध है। यह ग्रंथ संस्कृत में ऐतिहासिक घटनाओं के क्रमबद्ध […]