जयश्री शर्मा ‘ ज्योति ‘ राजस्थान के मेवाड़ की पावन धरती ने कई महान एवं वीर पराक्रमी योद्धाओं को जन्म दिया है । गोरा एवं बादल उन्हीं वीर योद्धाओं में से है । यह धरती हमेशा उनकी कृतज्ञ रहेगी । इन दोनों महान योद्धाओं के बारे में यह कहा जाता है कि ‘ जिनका शीश […]
Category: इतिहास के पन्नों से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचिन शिपयार्ड में दो सितंबर को भारतीय नौसेना का नया ध्वज जारी किया। मौका था विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को नौसेना में शामिल करने का। नए ध्वज में ऊपर बाईं ओर तिरंगा बरकरार है, लेकिन सेंट जॉर्ज का क्रॉस हटा दिया गया है। यह क्रॉस ब्रिटिश शासन काल से […]
मोनिका त्रिपाठी मुगल साम्राज्य का प्रारंभ बाबर से हुआ था मुगलों के दौर कई पत्नियां रखने का चलन था।बाबर ने भी इस चलन का समर्थक था उसकी नौ बेगम थी।आपको जानकर दिलचस्प लगेगा मुगल साम्राज्य के पहले शासक से लेकर अंतिम शासक तक की कई पत्नियां थी । मुगल का आखिरी शासक बहादुर शाह जफर […]
देश में कांग्रेस से भी पहले हिंदू महासभा ने अपने अस्तित्व को खोजना आरंभ किया था। वास्तव में हिंदू महासभा हिंदू सभा के रूप में पंजाब और बंगाल में जब जमी तो इसमें हिंदू की अस्मिता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। इस क्रांतिकारी संगठन को रोकने के लिए अंग्रेजों ने 18 […]
-डॉ ० पवन कुमार पाण्डे ब्रह्माण्ड जैसे अनंत है वैसे ही भारत भूमि की महानता भी अनंत है । इसकी महानता बहुआयामी है , किसी भी क्षेत्र में यह कम नहीं । हर युग कुछ ऐसे महापुरुषों को यह धरती जन्म देती रही , जिन पर हमने ही नहीं संपूर्ण विश्व ने गर्व किया । […]
मुकेश कुमार वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी का वर्तमान मंदिर जयपुर नरेश महाराजा जयसिंह द्वितीय के पुत्र महाराजा सवाई ईश्वरी सिंह द्वारा वर्ष 1748 में दी गई 1.15 एकड़ भूमि पर बना हुआ है। उस वक्त ब्रज का एक बहुत बड़ा क्षेत्र जयपुर घराने के स्वामित्व में आता था। इससे पूर्व बिहारीजी छह बार अलग-अलग जगहों […]
पुनीत सेन सरदार पटेल ने एक ही मुलाकात में कर लिया था महाराजा को राजी मोहम्मद अली जिन्ना जोधपुर को पाकिस्तान में शामिल करना चाहते थे। सरदार पटेल को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत महाराजा से संपर्क किया और उन्हें भारत में शामिल होने के लिए राजी कर लिया। आजादी के समय भारत […]
क्या आपने कभी पढ़ा है कि हल्दीघाटी के बाद अगले १० साल में मेवाड़ में क्या हुआ..इतिहास से जो पन्ने हटा दिए गए हैं उन्हें वापस संकलित करना ही होगा क्यूंकि वही हिन्दू रेजिस्टेंस और शौर्य के प्रतीक हैं. इतिहास में तो ये भी नहीं पढ़ाया गया है की हल्दीघाटी युद्ध में जब महाराणा प्रताप […]
(गगनचुंबी हवेलियां, मनमोहक चित्रकारी, कुंड रुपी जलाशय, हाथीखाने, खजाना गृह, कवच रुपी मुख्य ठोस द्वार और न जाने क्या-क्या) — डॉo सत्यवान सौरभ, दक्षिण-पश्चिम हरियाणा में शुष्क ग्रामीण इलाकों का विशाल विस्तार है, जो उत्तरी राजस्थान के रेतीले क्षेत्रों से सटे हुए है, यहाँ बड़वा नामक एक समृद्ध गांव स्थित है। यह राजगढ़-बीकानेर राज्य राजमार्ग […]
कहां गए इतिहास से यह नाम ?
इतिहास के पन्नों में कहाँ हैं ये नाम?? सेठ रामदास जी गुड़वाले – 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उनपर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया। सेठ रामदास जी गुडवाला दिल्ली के अरबपति सेठ और बेंकर थे. इनका जन्म दिल्ली में एक अग्रवाल […]