*आर्य विदुषी का अतुलनीय योगदान।* सिकंदराबाद के निकट पिलखन गाँव की कहानी यह है। 1904 का सन् था, बरसात का मौसम और मदरसे की छुट्टी हो चुकी थी… लड़कियाँ मदरसे से निकvल चुकी थी… अचानक ही आँधी आई और एक लड़की की आँखों में धूल भर गई, आँखें बंद और उसका पैर एक कुत्ते पर […]
Category: इतिहास के पन्नों से
स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात् कर लिया था, यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि – यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो एक व्यक्ति को पूरा पढ़ लीजिये, और वो व्यक्ति हैं स्वामी विवेकानंद। नोबेल से सम्मानित […]
भारत का शानदार गौरवपूर्ण अतीत
जिसने उसे कभी विश्व गुरु बनाया था आज भी उसके पास बहुत सारी ऊर्जा है और भविष्य में भी वह संसार का गुरु बनेगा ऐसी भी अनन्त संभावनाएं हैं। भारत की झोली कभी न तो खाली थी न खाली है और न रहेगी यदि भारत नहीं कटता तो आज 100 करोड़ लोग और हिंदू होते […]
——————————————— कुछ भी हो कांग्रेस के नेताओं में आज तक जितने भी प्रधानमंत्री बने हैं उनमें सबसे अधिक मजबूत निर्णय लेने वाला यदि कोई प्रधानमंत्री था तो वह इंदिरा गांधी रही है। वह अपनी मजबूती और ठोस निर्णय के लिए इतिहास में जानी जाती हैं। उनके निर्णयों के भीतर अपने पिता के जैसी ढुलमुल नीति […]
लेखक – अखिलेश झा बात साल 1960 की है। दूसरी लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा था। 2 दिसंबर 1960 को निचले सदन में एक प्रस्ताव रखा गया कि जापान के रेंकोजी मंदिर से नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की अस्थियों को भारत लाया जाए। नेताजी की अस्थियों के लिए दिल्ली के लालकिले का सामने एक भव्य […]
भारत वर्ष 2047 में, लगभग 1000 वर्ष के लम्बे संघर्ष में बाद, परतंत्रता की बेढ़ियां काटने में सफल हुआ है। इस बीच भारत के सनातन हिंदू संस्कृति पर बहुत आघात किए गए और अरब आक्रांताओं एवं अंग्रेजों द्वारा इसे समाप्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई थी। परंतु, भारतीय जनमानस की हिंदू धर्म […]
लेखक – विवेक शुक्ला जिस राजपथ से गणतंत्र दिवस परेड का आग़ाज़ होता हो, उससे ख़ास सड़क कौन सी हो सकती है। इस नाम को सुन-सुनकर आज़ाद भारत की कई पीढ़ियां बड़ी हुईं। यहाँ से बैठकर गणतंत्र दिवस परेड का देखने का सुख कोई और नहीं हो सकता. अब उसी राजपथ का नाम कर्तव्यपथ किए […]
लेखक- राज खन्ना 21 सालों के अंतराल पर कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो चुका है।फिलहाल कोई दावेदार सामने नहीं है l पार्टी के बड़े हिस्से की मांग एक ही है कि राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल लें। ऐसे लोगों को नेहरू-गांधी परिवार से इतर कोई नाम […]
लेखक :- गुंजन अग्रवाल यूनानी-शब्द ‘chrónos’ (समय) और ‘logia’ से मिलकर लैटिन का ‘chronologia’ बना है। इसी ‘chronologia’ से अंग्रेज़ी का ‘chronology’ (‘क्रोनोलॉज़ी’) शब्द बना है, इसका अर्थ संक्षेप में, प्रारम्भ से अन्त तक घटनाओं का अनुक्रम है। विस्तार से कहें, तो ‘क्रोनोलॉज़ी’ (कालानुक्रम-विज्ञान) का मतलब किसी व्यक्ति, संस्था या राष्ट्र के जीवन की प्रमुख […]
एक जमीन… गुजरांवाला। पाकिस्तान पंजाब का एक शहर। सरदार हरि सिंह नलवा की जमीन। यहां कभी एक पंजाबी हिंदू खत्री परिवार रहता था। मुखिया थे- लाला जी उर्फ बलवंत खत्री। बड़े जमींदार। शानदार कोठी थी। लाला जी का एक भरा-पूरा परिवार इस कोठी में रहता था। पत्नी थी- प्रभावती और बच्चे थे आठ। सात बेटियां […]