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इतिहास के पन्नों से

ग्रेको-रोमन कालखण्ड में जीसस क्राईस्ट और प्रारम्भिक ईसाईयत की पार्श्वभूमि समझने के लिए रोमन साम्राज्य की संक्षिप्त रूपरेखा…*

—————————————— *लेखक : राजेश आर्य, गुजरात* रोम ई.पू. की आठवीं शताब्दी में अस्तित्व में आया था। इटली की तिबर (Tiber) नदी पर बसा एक छोटा सा नगर रोम बाद में एक ऐसे साम्राज्य के रूप में विकसित हुआ, जो अपने उत्कर्ष के चरम पर यूरोप, पश्चिमी एशिया के अधिकांश हिस्से, उत्तरी अफ्रीका और भूमध्यसागरीय द्वीपों […]

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नेहरू के कारण नहीं बन पाया था देश हिंदू राष्ट्र

अमित शुक्‍ला देश में हिंदू राष्‍ट्र की बहस पुरानी है। यह आजादी के बाद से ही शुरू हो गई थी। उन दिनों कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा भी इसके पक्ष में था। लेकिन, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। नौबत यहां तक पहुंच गई थी कि उन्‍होंने इस्‍तीफा देने […]

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भगत सिंह के नाम पर सुनियोजित षड्यंत्र (भगत सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर)

#डॉ_विवेक_आर्य ‘मैं नास्तिक क्यों हूँ? शहीद भगत सिंह की यह छोटी सी पुस्तक वामपंथी, साम्यवादी लाबी द्वारा आजकल नौजवानों में खासी प्रचारित की जा रही है, जिसका उद्देश्य उन्हें भगत सिंह के जैसा महान बनाना नहीं अपितु उनमें नास्तिकता को बढ़ावा देना है। कुछ लोग इसे कन्धा भगत सिंह का और निशाना कोई और भी […]

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दलितों के लिए भी मंदिरों के द्वार खोल दिए थे महाराजा हरि सिंह ने

अशोक कुमार पाण्डे जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने आख़िरकार महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश घोषित करने की डोगरा संगठनों की लंबे समय से चली आ रही माँग मान ली. मनोज सिन्हा ने उन्हें ‘महान शिक्षाविद, प्रगतिशील विचारक, समाज सुधारक और आदर्शों से युक्त शीर्ष व्यक्तित्व’ कहा है. हरि सिंह और डोगरा […]

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राजा जयसिंह के नाम छत्रपति शिवाजी महाराज जी का पत्र

(एक मुस्लिम मित्र ने अपनी अलपज्ञता का परिचय देते हुए कहा की वीर शिवाजी का उद्देश्य केवल राज्य विस्तार था। उनका धर्म से कुछ भी लेना देना नहीं था। मुझे अपने मित्र की अज्ञानता को दूर करना लाभदायक लगा। इसलिए मैं राजा जयसिंह के नाम शिवाजी का पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस पत्र में […]

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महात्मा बुद्ध पर मांसाहार का मिथ्या दोषारोपण: एक जटिल समस्या

लेखक-शास्त्रार्थ महारथी डॉ शिवपूजन सिंह कुशवाहा जी प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ सहयोग-वैदिक विद्वान् डॉ बृजेश गौतम जी महात्माबुद्ध का जन्म कपिलवस्तु नगर में सूर्यवंशान्तर्गत शाक्यवंश में हुआ था। सुमंगलविलासिनी और ‘महावंश’ की कथाओं में शाक्यों का राजा इक्ष्वाकु का वंशज बताया गया है। ‘विष्णुपुराण’ से भी इसी मत की पुष्टि होती है। ‘महावस्तु’ में शाक्यों को […]

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श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के प्रयास किए

26 सितम्बर 2022 – श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी के जन्म दिन पर विशेष लेख श्री ईश्वरचंद्र बंद्योपाध्याय “विद्यासागर” का जन्म दिनांक 26 सितंबर, 1820 को पश्चिम बंगाल  (बंगाल प्रेसीडेंसी) के  जिला मेदिनीपुर के ग्राम बिरसिंह में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री हकुरदास बंद्योपाध्याय और आपकी माता का नाम श्रीमती भगवती देवी था। आप […]

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महाराणा प्रताप के पूर्वजों की शौर्यगाथा

-प्रियांशु सेठ सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी राजाओं की सन्तान ही राजपूत लोग हैं। मेवाड़ के शासनकर्त्ता सूर्यवंशी राजपूत हैं। ये लोग सिसोंदिया कहलाते हैं; जो श्रीरामचन्द्र जी के पुत्र लव की सन्तान हैं। वाल्मीकि रामायण में आया है कि श्रीराम जी ने अपने अन्तिम समय लव को दक्षिण कौशल और कुश को उत्तरीय कौशल का राज्य […]

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आदिऋषि या आदिमानव*

आज से 50 वर्ष पूर्व इंसान चांद पर पहुंच गया मंगल पर इंसान भेजने की तैयारी है … लेकिन इंसान इंसानों के विषय में बहुत कम जान पाया है… क्या इंसान केवल अन्य जीव-जंतुओं की भांति एक प्राणी है? ईश्वर, पुनर्जन्म ,कर्मफल व्यवस्था ,धर्म ,सदाचार को उसने अपनी कल्पना से सृजित कर लिया है? मनुष्य […]

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आजादी के बाद के 75 साल : कांग्रेस के अध्यक्ष और गांधी नेहरू परिवार

75 साल में 41 साल गांधी-नेहरू परिवार, सीताराम केसरी समेत 13 बाहरी अध्यक्ष… कुछ ऐसा रहा आजादी के बाद कांग्रेस का सफर उगता भारत ब्यूरो 1947: आजादी के बाद से कांग्रेस (Congress) देश में अकेली सबसे बड़ी पार्टी थी । ऐसा समय भी रहा है, जब दशकों तक इस पार्टी को कोई टक्कर देने वाला […]

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