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इतिहास के पन्नों से

आइए जानते हैं कि आर्यावर्त क्या है ?

लेखक – प्रो० उमाकान्त उपाध्याय, एम० ए० जब कभी भ्रान्त विचार चल पड़ते हैं तो उनके अवश्यम्भावी अनिष्टकारी परिणामों से बचना दुष्कर हो जाता है। इसी प्रकार का एक अशुद्ध भ्रान्त विचार यह है कि आर्यावर्त की सीमा उत्तर भारत तक ही है और आर्यावर्त की दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश के दक्षिण और मध्यप्रदेश के […]

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इतिहास के पन्नों से व्यक्तित्व

डॉ राजेन्द्र प्रसाद को क्यों पसंद नहीं करते थे जवाहरलाल नेहरू

अखिलेश शुक्ला राजेंद्र प्रसाद जयंती आज कई दल और संगठन हिंदुओं का हितैषी होने का दावा करते हैं। इस आधार पर वोट मांगते हैं। उन्होंने अपने-अपने नायक भी चुन रखे हैं। लेकिन, हैरानी की बात है कि इनमें से कोई भी दल या संगठन उस पुरोधा की बात नहीं करता, जो आजादी के बाद हिंदू […]

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इतिहास के पन्नों से

वह इतिहास जो भुला दिया गया

विभाजन के समय क्या हुआ था? लाखों हिंदुओं पर हुए अत्याचारों के ऐतिहासिक दस्तावेज। देश विभाजन का खूनी इतिहास। ₹335 मंगवाने के लिए 7015591564 पर वाट्सएप द्वारा सम्पर्क करें। विभाजन पश्चात भारत सरकार ने एक तथ्यान्वेषी आयोग बनाया। पाकिस्तान छोड़ भारत आये लोगों पर हुए अत्याचारों के आधार पर उच्च न्यायालय के जज जी डी […]

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इतिहास के पन्नों से

एक राजा के प्रतिशोध की भेंट चढ़ गया चोल राजवंश

सुविज्ञा जैन कहते हैं कि युद्ध में पराजय के बाद प्रतिशोध की आग से बचना बड़ा मुश्किल होता है। एक बार युद्ध हुआ, तो शुरू हो जाता है ऐसा दुष्चक्र, जिसका टूटना बहुत मुश्किल रहता है। युद्धों के इस सबक का एक उदाहरण है प्राचीन भारतीय इतिहास के दो राजवंश, पाण्ड्य और चोल के बीच […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

धर्म की रक्षा हेतु मुगलों के आगे कभी नहीं झुके गुरु तेग बहादुर

सुखी भारती ‘हिन्द की चादर तेग बहादर’ व ‘हिन्द की ढाल’ कह कर सम्बोधित किए जाने वाले विलक्षण शहीद जिन्होंने धर्म की रक्षा हेतु अपना शीश कुर्बान किया और इनके पुत्र श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने इन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए अपने माता श्री गुजरी जी, चार पुत्रों व अपने अनेकों शिष्यों […]

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इतिहास के पन्नों से

ठुकराया हुआ वीर

(हिन्दू जाति की ऐतिहासिक भूलों पर आंसू रुलाने वाली सच्ची घटना) लेखक- विजय राघव प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ कंटीले जंगलों और पथरीली पहाड़ियों के बीच अपनी सैकड़ों कोसों की यात्रा पैदल ही पूरी कर वह भागा हुआ कैदी अपनी जन्म भूमि बून्दी दुर्ग के निकट अन्त में पहुंच ही गया। इस संकटमयी यात्रा में कितनी ही […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत का इतिहास कैसे लिखें?

असम के महान सेनापति लाचित बरफुकन की 400 वीं जयंति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय इतिहास को फिर से लिखा जाना चाहिए। यही बात कुछ दिनों पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भी कही थी। उनके इस कथन का अर्थ यह लगाया जा रहा है कि अभी तक भारत का […]

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इतिहास के पन्नों से

पाकिस्तानी राष्ट्रपति के परिवार को चिट्ठियां क्यों लिखते थे नेहरू ?

योगेश मिश्रा पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख के नाम पर आखिरी मोहर देश के राष्ट्रपति की लगेगी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी इस पूरी प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रथम नागरिक आरिफ अल्वी के ‘इंडिया कनेक्शन’ के बारे में बेहद कम लोगों को ही पता है। इमरान खान की […]

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इतिहास के पन्नों से

एक झूठी खबर पर भरोसा और बुरी तरह हारा पाकिस्तान, 1971 की जंग का मजेदार वाकया

हिमांशु झा भारत के खिलाफ पाकिस्तान जब भी जंग में उतरा है, उसे हार ही मिली है। लेकिन 1971 की जंग उसके लिए सबसे ज्यादा चुभने वाली रही है, जिसका जिक्र तक करने से पाकिस्तान के सियासतदां और सेना बचते हैं। इस बीच पाक के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने उस करारी हार […]

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इतिहास के पन्नों से साक्षात्‍कार

“विभाजनकालीन भारत के साक्षी” नामक पुस्तक के लेखक कृष्णानंद सागर जी से विशेष बातचीत के कुछ अंश

हिंदू मुस्लिम एकता का वह नायाब फार्मूला और गांधी जी “विभाजन कालीन भारत के साक्षी” नामक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में चार खंडों में प्रकाशित पुस्तक के लेखक कृष्णानंद सागर जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने 20 वर्ष के परिश्रम साध्य कार्य को पूर्ण करते हुए इस पुस्तक को चार खंडों में प्रकाशित […]

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