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इतिहास के पन्नों से

इतिहास का पुनर्मूल्यांकन : सभी भारतीयों के गौरव का दिन

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई. मीटिंग में हाज़िर लोग थे – वित्त मंत्री यशवंत चौहान, रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम, कृषि मंत्री फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, विदेश मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह और इन राजनेताओं से अलग एक ख़ास आदमी- सेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेकशा. अप्रैल 29, 1971 के दिन ‘क्या कर रहे […]

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25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच, भाग …4

सिकंदर के आक्रमण के पश्चात चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की । सिकंदर जैसा कोई अन्य व्यक्ति भारत की ओर आंखें उठाकर देखने का फिर साहस न कर सके , इसलिए चंद्रगुप्त मौर्य और उनके गुरु चाणक्य ने भारत की पश्चिम की सीमाओं का गहनता से अध्ययन किया और […]

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श्री कृष्ण कौन थे? कैसे थे ?? कौन थी राधा??

श्री कृष्ण भगवान् को राधा के साथ जोड़ना , अश्लीलता भरा वर्णन करना, प्रेम लीला रास लीला दिखाना,16108 गोपियों से शादी करना। शर्म नहीं आती हिंदुओं को। अगर कोई जाकिर नाइक जैसा मुल्ला इन्हीं की अश्लीलता को उजागर करे प्रश्न उठा दे इनके देवी देवताओं पर तो ये हिन्दू चुप ऐसे चुप जैसे जुबान ही […]

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25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच, भाग …3

नंद राजवंश भारतीय तिथि क्रम और वंशावलियों के अनुसार नंद वंश का शासन काल ई0 पूर्व 1664 से 1596 के मध्य माना गया है। पुराणों में इसे महापदम नंद कहा गया है। जिसने पांचवी चौथी शताब्दी ईसा पूर्व उत्तरी भारत के विशाल भाग पर शासन किया था । नंद वंश की स्थापना महापदम नंद ने […]

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महाभारतकालीन भारत

महाभारत काल में भारत के अंदर 101 प्रसिद्घ क्षत्रिय राजवंश थे। इनमें 86 राजा मगध नरेश जरासंध ने पराजित कर जेल में डाल रखे थे। इन 101 राजवंशों के इतने ही महाजनपद (प्रांत या राज्य क्षेत्र) थे। इससे महाभारत (विशाल भारत) का निर्माण होता था। ये राजा किसी एक राजा से होने वाले दूसरे राजा […]

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25 मानचित्र में भारत के इतिहास का सच, भाग ..1

जम्बू द्वीप जंबूद्वीप मैं कभी संपूर्ण यूरोप और एशिया सम्मिलित हुआ करते थे। पौराणिक भूगोल के वर्णन के अनुसार जम्बूद्वीप सप्तमहाद्वीपों में से एक है। विद्वानों की मान्यता के अनुसार यह पृथ्वी के केन्द्र में स्थित माना गया है। इसके नवखण्ड हैं, जिनके नाम ये हैं- इलावृत्त, भद्रास्व, किंपुरुष, भारत, हरि, केतुमाल, रम्यक, कुरू और […]

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25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच : भूमिका

भूमिका आर्यावर्त कालीन आर्य राजाओं की यह विशेषता रही कि वे भारतवर्ष की केंद्रीय सत्ता के प्रति सदैव निष्ठावान रहे । सुदूर प्रांतों में अलग स्वतंत्र राज्य होने के उपरांत भी केंद्र की सत्ता के प्रति वे अपनी आस्था को वैसे ही बनाए रहे जैसे एक पुत्र अपने पिता के प्रति निष्ठावान बना रहता है […]

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भेड़ की खाल में भेड़िया

डॉ अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित भ किसी ने मुझसे पूछा की भेड़ की खाल में भेड़िया का उदाहरण दो। मैंने कहा आज के समाज में भेड़ की खाल में भेड़िया का सबसे सटीक उदाहरण “दलित चिंतक/विचारक” हैं। जो खाते इस देश का है, आरक्षण भी इस देश लेते है और […]

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इमली का एक पेड़ शहीद स्मारक

उगता भारत ब्यूरो भारत की वो एकलौती ऐसी घटना जब , अंग्रेज़ों ने एक साथ 52 क्रांतिकारियों को इमली के पेड़ पर लटका दिया था, पर वामपंथियों ने इतिहास की इतनी बड़ी घटना को आज तक गुमनामी के अंधेरों में ढके रखा। उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित बावनी इमली एक प्रसिद्ध इमली का पेड़ […]

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राममंदिर विध्वंस एवं तुलसीदास (6 दिसम्बर 1992 के नवनिर्माण उद्यम के शौर्य स्मरण पर)

(6 दिसम्बर 1992 के नवनिर्माण उद्यम के शौर्य स्मरण पर) -अरुण लवानिया आपको कुछ मुसलमान और कम्युनिस्ट यह चिल्लाते दिखेंगे कि अगर बाबर ने हिन्दू मंदिर तोडा होता तो तुलसीदास ने लिखा होता। मगर इसका कोई प्रमाण रामचरितमानस में नहीं मिलता। सत्य यह है कि तुलसीदास जी ने बाबर के हाथों राममंदिर विध्वंस का वर्णन […]

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