दिए गए चित्र में हम सम्राट हर्षवर्धन का साम्राज्य देख रहे हैं। सम्राट हर्षवर्धन का राज्य विस्तार 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पर था। इस महान शासक के बारे में हम भारतवासियों को यह कह कर भ्रमित किया गया है कि भारतवर्ष में हर्ष अंतिम हिंदू सम्राट था। इसके पश्चात भारतवर्ष में बड़े-बड़े साम्राज्य स्थापित […]
Category: इतिहास के पन्नों से
कुषाण वंश गुर्जर शासक कुषाणों को विदेशी कहकर हम भारतवासियों से दूर करने का प्रयास किया गया है। ऐसा लिखने वाले इतिहास लेखकों की दृष्टि में मुगल तो इसलिए भारतीय हो गए कि वे चाहे बेशक बाहरी थे पर यहां आकर उनकी पीढ़ियां हमारे साथ घुलमिल गईं, पर गुर्जर कुषाणों को मुगलों से भी पहले […]
चालुक्य वंश चालुक्य वंश एक भारतीय शाही राजवंश था, जिसने छठी और 12वीं शताब्दी के बीच दक्षिणी और मध्य भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया। इस वंश का साम्राज्य विस्तार लगभग 12 लाख वर्ग किलोमीटर था। हमने इस मानचित्र को यहां पर इसलिए दिया है जिससे कि पाठकों को यह बात समझ में आ सके कि भारतवर्ष में महमूद […]
गुप्त साम्राज्य गुप्त राजवंश के शासकों के द्वारा भी भारत की राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखने और राष्ट्र, राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया गया। इस राजवंश में एक से बढ़कर एक कई प्रतापी शासक हुए। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी। इसके पहले शासक श्री गुप्त थे। जिसने […]
शैतान तैमूर के काले कारनामे
(21 दिसंबर, 1398 को आज ही के दिन तैमूर ने दिल्ली के कत्लेआम को विराम दिया था) #डॉविवेकआर्य सैफ अली खान और करीना कपूर खान ने अपने नवजात बेटे का नाम नवाब तैमूर अली खान पटौदी रखा है। वैसे तो इन दोनों से अपेक्षा रखना बेकार है कि इन्हें यह मालूम होगा कि तैमूर नाम […]
ईसा मसीह का भारत से सम्बन्ध
-अशोक “प्रवृद्ध” ईसा मसीह और क्रिसमस को लेकर लोगों के मन में अनेक भ्रांतियां, अनगिनत प्रश्न और असंगत कथाओं के कारण अनंत कौतूहल है। यह भी सिद्धप्राय है कि 25 दिसम्बर का ईसा मसीह के जन्मदिन से कोई सम्बन्ध ही नहीं है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म 7 ईसा पूर्व […]
डॉ रविंद्र अग्निहोत्री के एक लेख के अनुसार युद्ध प्रारम्भ होते ही सम्राट पुरु के पुत्र के पहले ही प्रहार से घायल होकर सिकंदर घोड़े से गिर पड़ा, (जस्टिन के अनुसार उसका घोड़ा भी मारा गया), युद्ध तभी समाप्त हो जाता, पर सिकंदर के कुछ वफ़ादार सैनिक किसी प्रकार उसे बचाकर ले गए । कई लेखकों […]
इतिहास का पुनर्मूल्यांकन सभी भारतीयों के गौरव का दिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई. मीटिंग में हाज़िर लोग थे – वित्त मंत्री यशवंत चौहान, रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम, कृषि मंत्री फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, विदेश मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह और इन राजनेताओं से अलग एक ख़ास आदमी- सेनाध्यक्ष जनरल सैम […]
अन्तिम समय की बातें आज 16 दिसम्बर 1927 ई० को निम्नलिखित पंक्तियों का उल्लेख कर रहा हूँ, जबकि 19 दिसम्बर 1927 ई० सोमवार (पौष कृष्णा 11 सम्वत् 1984 वि०) को 6 बजे प्रातःकाल इस शरीर को फाँसी पर लटका देने की तिथि निश्चित हो चुकी है। अतएव नियत समय पर इहलीला संवरण करनी होगी। यह […]
सुंग वंश का साम्राज्य मौर्य वंश के शासनकाल में बौद्ध धर्म की अहिंसा को प्रोत्साहन मिला। जिसके विरुद्ध बगावत करके इस वंश के अंतिम शासक व्रहद्रथ को उसके सैनिकों के सामने ही मारकर पुष्यमित्र शुंग ने सत्ता अपने हाथों में ली और एक नए राजवंश शुंग वंश की स्थापना की। शुंग वंश की स्थापना 185 […]