शिवेश प्रताप तुलसीदास जी सनातन धर्मावलम्बियों के अभिभावक के रूप में सबको शिक्षा देते हुए कभी प्रेम से पुचकारते तो कभी कठोरता से डांटते दिखते हैं। केवल दलित या गैर ब्राह्मण जाति को रेखांकित कर तुलसीदास जी को लक्ष्य करना जातिवादी भेड़ियों द्वारा राजनैतिक जठराग्नि को शांत करने का कुचक्र प्रतीत होता है। अपनी बात […]
Category: इतिहास के पन्नों से
राणा रतन सिंह का बलिदान और मेवाड़ के प्रजाजन भारत के रोमांचकारी इतिहास का यह एक गौरवशाली प्रमाण है कि यहां के वीर वीरांगनाओं ने अपने देश के स्वाभिमान के लिए अपना प्राणोत्सर्ग करने में तनिक भी विलंब नहीं किया। देशभक्त वीर वीरांगनाओं ने सदा देश के मान सम्मान को आगे रखा और बड़े स्वार्थ […]
Dr DK Garg Note -यह आलेख महात्मा बुद्ध के प्रारम्भिक उपदेशों पर आधारित है। ।और विभिन्न विद्वानों के विचार उपरांत है। ये 9 भाग में है। इसको पढ़कर वे पाठक विस्मय का अनुभव कर सकते हैं जिन्होंने केवल परवर्ती बौद्ध मतानुयायी लेखकों की रचनाओं पर आधारित बौद्ध मत के विवरण को पढ़ा है । कृपया […]
डॉ घनश्याम बादल आज भारत अपना चौहतरवां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इतिहासकार दावा करते हैं कि भारत ही विश्व में गणराज्य का जनक है कुछ लोग गणराज्य को शिवजी के गणों से जोड़कर देखते हैं तो कुछ लोग गणेश जी से कुछ का मानना है कि यहां बौद्ध काल एवं उससे भी पहले […]
राणा रतन सिंह पहुंचे युद्ध क्षेत्र में राणा भीमसिंह के युद्घ में जाने का अभिप्राय था कि आज का सूर्य या तो चित्तौड़गढ़ के पतन को देखेगा या फिर उसके उत्कर्ष को अपने अंक में समाकर अगले दिन के सूर्योदय को इस प्रसन्नतादायक समाचार के साथ सौंप देगा कि भारत की भूमि वीर सपूतों की […]
Dr DK Garg Note -यह आलेख महात्मा बुद्ध के प्रारम्भिक उपदेशों पर आधारित है। ।और विभिन्न विद्वानों के विचार उपरांत है। ये 9 भाग में है। इसको पढ़कर वे पाठक विस्मय का अनुभव कर सकते हैं जिन्होंने केवल परवर्ती बौद्ध मतानुयायी लेखकों की रचनाओं पर आधारित बौद्ध मत के विवरण को पढ़ा है । कृपया […]
मेगास्थनीज उद्धृत कालक्रम
मेगास्थनीज उद्धृत कालक्रम सिकन्दर के समकालीन तथा कुछ बाद के ग्रीक लेखकों ने भारत विषय में कुछ लिखा था जिसमें मेगास्थनीज को उद्धृत किया गया था। उन उद्धरणों का संकलन कर जर्मनी के श्वानबेक ने १८४६ ई. में मेगास्थनीज की इण्डिका लिखी। इसमें भारतीय गणना के अनुसार २ प्राचीन घटनाओं का काल दिया है- (१) […]
कई वर्ष पहले दूर दक्षिण भारत से बाबा माधवदास नामक एक संन्यासी दिल्ली में ‘वॉयस ऑफ इंडिया’ प्रकाशन के कार्यालय पहुँचे। उन्होंने सीताराम गोयल की कोई पुस्तक पढ़ी थी, जिसके बाद उन्हें खोजते-खोजते वह आए थे। मिलते ही उन्होंने सीताराम जी के सामने एक छोटी सी पुस्तिका रख दी। यह सरकार द्वारा 1956 में बनी […]
रानी पद्मिनी का बलिदान मेवाड़ की वीर भूमि की महानता इसके बलिदानों में छिपी है। यहां के कण-कण में हमारे महान योद्धाओं का बलिदान बोलता है। उनके रक्त से रंगी यह वीर भूमि आज भी हमारे भीतर रोमांच पैदा करने की सामर्थ्य रखती है। 700 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी […]
Dr DK Garg Note -यह आलेख महात्मा बुद्ध के प्रारम्भिक उपदेशों पर आधारित है। ।और विभिन्न विद्वानों के विचार उपरांत है। ये 11 भाग में है। इसको पढ़कर वे पाठक विस्मय का अनुभव कर सकते हैं जिन्होंने केवल परवर्ती बौद्ध मतानुयायी लेखकों की रचनाओं पर आधारित बौद्ध मत के विवरण को पढ़ा है । कृपया […]