महर्षि दयानंद की 200 वी जयंती पर विशेष आलेख गुजरात प्रांत की भूमि युगों युगों से महापुरुषों को पैदा करती आई है जिसनेअनेक महापुरुष भारत मां की गोद में रतन के रूप में प्रदान किए हैं। भारतवर्ष का गुजरात प्रांत बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। जिसका क्षेत्रफल बहुत ही विस्तृत, विशाल और विशद था। वर्तमान […]
Category: इतिहास के पन्नों से
महाराणा कुम्भा ( 1433 – 1468 ई० ) मेवाड़ के महाराणा मोकल के पश्चात उनके वीर पुत्र महाराणा कुंभा ने 1433 ई0 में मेवाड़ का राज्य भार संभाला। महाराणा कुंभा का भी मेवाड़ के राणा वंश के शासकों में प्रमुख स्थान है। उन्होंने अपने शासनकाल में कई ऐसे महान कार्य किए जिन्होंने उनकी कीर्ति को […]
एक अजीब घटना घटित हुई ऐसे वीर पराक्रमी महाराणा मोकल सिंह के जन्म और बचपन की कहानी को भी यहां उद्धृत करना आवश्यक है। उनके जन्म और बचपन की कहानी का उल्लेख कर्नल टॉड ने किया है। वह अपनी पुस्तक राजस्थान का इतिहास भाग – 1 में इस पर प्रकाश डालते हुए लिखते हैं कि […]
महाराणा क्षेत्र सिंह से महाराणा मोकल सिंह तक महाराणा हमीर सिंह के देहांत के पश्चात उनके पुत्र महाराणा क्षेत्र सिंह ने सत्ता भार संभाला। महाराणा हमीर सिंह ने बहुत अधिक सीमा तक मेवाड़ को एक सुव्यवस्थित राज्य में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त की थी। इस प्रकार महाराणा क्षेत्र सिंह को एक सुव्यवस्थित विरासत उत्तराधिकार […]
कर्म के नियम* मेरी पत्नी बहुत कुरूप है। क्या करूं? गजब के प्रश्न पूछते हो। अब मैं कोई प्लास्टिक सर्जन थोड़े हूं। अगर पत्नी कुरूप है, तो ध्यान करो पत्नी पर—लाभ होगा। सुंदर स्त्री खतरे में ले जाए; कुरूप न कभी खतरे में नहीं ले जाए। इस मौके को चूको मत सुकरात से किसी ने […]
चीन से रिश्ता जोड़ा, कुंभ मेला से भी कनेक्शन… दीपक वर्मा हर 12 साल पर लगने वाला कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा मेला है। माना जाता है कि कुंभ मेला का इतिहास करीब 2,000 साल पुराना है। चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रा विवरणों में कुंभ मेला का जिक्र मिलता है। ह्वेनसांग 629 में भारत […]
आदिकवि वाल्मीकि कृत रामायण न केवल इस अर्थ में अद्वितीय है कि यह देश-विदेश की अनेक भाषाओं के साहित्य की विभिन्न विधाओं में विरचित तीन सौ से भी अधिक मौलिक रचनाओं का उपजीव्य है, प्रत्युत इस संदर्भ में भी कि इसने भारत के अतिरिक्त अनेक देशों के नाट्य, संगीत, मूर्ति तथा चित्र कलाओं को प्रभावित […]
Dr DK Garg Note -यह आलेख महात्मा बुद्ध के प्रारम्भिक उपदेशों पर आधारित है। ।और विभिन्न विद्वानों के विचार उपरांत है। ये 10भाग में है। इसको पढ़कर वे पाठक विस्मय का अनुभव कर सकते हैं जिन्होंने केवल परवर्ती बौद्ध मतानुयायी लेखकों की रचनाओं पर आधारित बौद्ध मत के विवरण को पढ़ा है । कृपया अपने […]
मालदेव और मेवाड़ की जनता अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ का प्रभार जिस मालदेव को सौंपा था वह भी नई परिस्थितियों पर बड़ी सूक्ष्मता से दृष्टिपात कर रहा था। महाराणा हमीर सिंह के उत्थान से वह भयभीत रहने लगा था। उसे पता था कि उसके शासन को स्थानीय प्रजा जन स्वीकार नहीं करते और वह अपना […]
फिर से चित्तौड़ छीनने वाला महाराणा हमीर सिंह राणा अजय सिंह ने जब अपने भतीजे हमीर सिंह का राजतिलक किया तो उस राजतिलक ने हमीर सिंह के सिर पर कांटों का ताज रख दिया था। जी हां, एक ऐसा ताज जिसे पहन कर रातों को नींद नहीं आ सकती थी और दिन में चैन नहीं […]