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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 14 ( ख ) भारत में जिहादी परंपरा कब से आरंभ हुई?

भारत में जिहादी परंपरा कब से आरंभ हुई? ओमप्रकाश विर्लेय अपनी पुस्तक “भारतीय इतिहास के गौरव क्षण” के पृष्ठ 57 पर लिखते हैं “बाबर ने महाराणा सांगा के साथ जो युद्ध किया, उसका नाम उसने जेहाद दिया था। मुसलमानों ने अन्य धर्मावलंबियों के विरुद्ध जो युद्ध जब भी कहीं और किसी भी समय किए, उनमें […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 14 ( क ) अपनों से मिले सहयोग और विश्वासघात

अपनों से मिले सहयोग और विश्वासघात कर्नल टॉड ने भारत के वीर शूरमा महाराणा संग्राम सिंह और विदेशी आक्रमणकारी बाबर के मध्य हुए बयाना के युद्ध पर प्रकाश डालते हुए हमें बताया है कि :- “बाबर दिल्ली का राज्य प्राप्त करके बड़ी बुद्धिमानी के साथ सैनिक शक्तियों का संगठन करता रहा और उसके पश्चात 1500 […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 13 ( ख ) बाबर को किसने बुलाया था ?

फिर बाबर को किसने बुलाया ? यदि बाबर को महाराणा संग्राम सिंह ने भारत पर आक्रमण करने के लिए नहीं बुलाया था तो फिर उसे बुलाया किसने था ? यह प्रश्न बड़ा स्वाभाविक है। यदि हम इस प्रश्न पर विचार करते हैं तो पता चलता है कि भारत पर आक्रमण करने की बात जब बाबर […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 13 ( क ) पराक्रमी महाराणा संग्राम सिंह और उनके युद्ध

पराक्रमी महाराणा संग्राम सिंह और उनके युद्ध मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह उपनाम राणा सांगा का इतिहास हसन खान मेवाती जैसे देशभक्त मुस्लिम शासकों के बिना अधूरा है। हसन खान मेवाती एक महत्वाकांक्षी मुस्लिम राजपूत शासक होने के साथ-साथ एक देशभक्त मुस्लिम भी था। उनके वंश के शासकों ने लगभग 150 वर्षों तक मेवात पर […]

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कांग्रेस संस्थापक ऐलन ओ. ह्यूम महानिर्लज्ज था क्रांतिकारियों के डर से साड़ी पहन कर भागा था

— वीर सावरकर ऐलन ओ. ह्यूम का नाम भारतीय राजनीति में प्रचलित रहा है और आज भी प्रचलित है! क्योंकि कालांतर में उसी ह्यूम ने आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नाम से ख्यात- कुख्यात राजनीतिक संगठन की नींव रखी थी ! अलीगढ़ और मैनपुरी की क्रांति का समाचार जब इटावा नगर के प्रमुख मजिस्ट्रेट तथा जिला […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 12 ( ख ) महाराणा संग्राम सिंह और राव रायमल

महाराणा संग्राम सिंह और राव रायमल महाराणा संग्राम सिंह के समय गुजरात और मेवाड़ के बीच भी संघर्ष हुआ था। उस संघर्ष का तात्कालिक कारण ईडर का प्रश्न था। उस समय ईडर राज्य के राव भाण के दो पुत्र सूर्यमल और भीम थे । राव भाण की मृत्यु के बाद सूर्यमल गद्दी पर विराजमान हुआ। […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 12 ( क ) महान विजेता महाराणा संग्राम सिंह

महान विजेता महाराणा संग्राम सिंह मेवाड़ के जिन परम प्रतापी महाराणाओं का इतिहास में विशेष और सम्मान पूर्ण स्थान है, उनमें महाराणा संग्राम सिंह का नाम अग्रगण्य है। इनके भीतर देशभक्ति का भाव कूट-कूट कर भरा था। इनका पराक्रम ,शौर्य और साहस समस्त देशवासियों के लिए गर्व और गौरव का विषय है। मेवाड़ के इस […]

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महाराणा उदय सिंह प्रथम और महाराणा रायमल

महाराणा कुंभा जैसे वीर पराक्रमी और संस्कृति प्रेमी शासक के यहां उदय सिंह जैसा नैतिक मूल्यों से हीन पुत्र जन्मा। जिसने भारतीय इतिहास की उज्ज्वल परंपरा को कलंकित करते हुए अपने पिता की हत्या की। वास्तव में उदा सिंह मेवाड़ के गौरवशाली राजवंश का एक कलंक है। इस शासक को उदय और ऊदा के नाम […]

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महर्षि दयानन्द जी के विषय में विभिन्न महापुरुषों के विचार एवं कथन

‘महर्षि दयानन्द जी के विषय में विभिन्न महापुरुषों के विचार एवं कथन 1. महर्षि दयानन्द स्वराज्य के सर्वप्रथम सन्देशवाहक तथा मानवता के उपासक थे। लोकमान्य तिलक मैंने सत्यार्थ प्रकाश पढ़ा और उससे मेरे जीवन का लक्ष्य बदल गया। आर्य समाज के सिद्धांत सार्वभौमिक हैं। उन्हें हराने की किसी में शक्ति नहीं है। हुतात्मा रामप्रसाद बिस्मिल […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 10 (ख) गुजरात और नागौर के बीच युद्ध

गुजरात और नागौर के बीच युद्ध गुजरात और नागौर के बीच भी कई युद्ध हुए। 1456 ई0 में सुल्तान कुतुबुद्दीन ने नागौर पर चढ़ाई की परंतु उसको हार का सामना करना पड़ा था। 1457 ई0 में गुजरात और मालवा के सुल्तान चंपानेर नामक स्थान पर मिले और समझौता किया कि मिलकर मेवाड़ पर आक्रमण किया […]

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