बप्पा रावल– अरबो, तुर्को को कई हराया ओर हिन्दू धरम रक्षक की उपाधि धारण की भीम देव सोलंकी द्वितीय – मोहम्मद गौरी को 1178 मे हराया और 2 साल तक जेल मे बंधी बनाये रखा पृथ्वीराज चौहान – गौरी को 16 बार हराया और और गोरी बार बार कुरान की कसम खा कर छूट जाता […]
Category: इतिहास के पन्नों से
महाराणा कर्ण सिंह और महाराणा जगत सिंह प्रथम महाराणा अमर सिंह की मृत्यु के पश्चात 26 जनवरी 1620 ई0 को उनके पुत्र महाराणा कर्ण सिंह ने मेवाड़ का सत्ता भार संभाला। महाराणा कर्ण सिंह का जन्म 7 जनवरी 1584 ई0 को हुआ था। हम पूर्व में ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि महाराणा अमर […]
जिन्होंने देश में आपातकाल लगाया, उस परिवार के वारिस लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे हैं सुमित राठौर मजेदार बात यह है कि लोकतंत्र की रक्षा की बात गांधी खानदान के वे वारिस कर रहे हैं, जिन्होंने भारत के लोकतंत्र को कई बार कुचलने का काम किया। इतिहास के कुछ पन्ने पलटते हैं तो कुछ […]
गांधीजी और डॉक्टर अम्बेडकर दोनों ही भारतीय इतिहास के महानायक हैं। इसके उपरांत भी इन दोनों में किन्हीं खास मुद्दों को लेकर गंभीर मतभेद थे। गांधीजी जहां कई मुद्दों पर तुष्टीकरण के खेल में लगे रहे या गोलमोल बात कह कर मुद्दों को टरकाते रहे या मुस्लिम लीग और अंग्रेजों का अनेक मुद्दों पर समर्थन […]
मेवाड़ पर फिर चढ़ आई मुगल सेना जहांगीर ने महावत ख़ां को यह सोचकर मेवाड़ भेजा था कि यदि वह मेवाड़ में जाकर हिंदुओं से युद्ध करते हुए मारा जाता है तो एक काफिर ही काफिर के हाथों मर जाएगा। इसके साथ ही वह यह भी देखना चाहता था कि महावत खान की उसके प्रति […]
महाराणा अमर सिंह की महानता महाराणा प्रताप के ज्येष्ठ पुत्र महाराणा अमरसिंह का जन्म 16 मार्च 1559 को हुआ था। अपने पिता की ही भांति देश भक्ति के भाव उनके भीतर भी कूट-कूट कर भरे हुए थे। यद्यपि इतिहास में महाराणा अमर सिंह को महाराणा प्रताप की अपेक्षा कम करके ही स्थान प्रदान किया गया […]
#डॉविवेकआर्य देश के इतिहास में सन् 1921 में केरल के मालाबार में एक गांव में मोपलाओं ने हिन्दू जनता पर अमानवीय क्रूर हिंसा की थी। इस घटना पर देशभक्त जीवित शहीद वीर सावरकर जी ने ‘मोपला’ नाम का प्रसिद्ध उपन्यास लिखा था। हिन्दू विरोधी इस कुकृत्य को जानने के लिए हिन्दू जनता द्वारा इस उपन्यास […]
महाराणा बन गए थे एक अबूझ पहेली अकबर के लिए महाराणा उन दिनों एक ऐसी अबूझ पहेली बन चुके थे जिसका उत्तर वह जितना ही खोजना चाहता था, उतना ही वह उसमें उलझता जाता था। मेवाड़ की दलदल से अकबर भागना चाहता था, पर भागने के स्थान पर उसमें धंसता ही जा रहा था। वह […]
आज हमे सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। परन्तु उन पर चुप्पी है 16वीं शताब्दी के महान इतालवी खगोलशास्त्री, जिन्होंने ये बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है. गैलीलियो की बात रोमन चर्च और पदरियों को नागवार गुजरी. उसकी वजह भी थी. बाइबिल में तो लिखा था कि पृथ्वी ही अंतरिक्ष […]
महाराणा प्रताप की अंतिम समय की वेदना हमारे देश में पृथ्वीराज चौहान का चरित्र चित्रण करते समय उन्हें वैसा दिखाया जाता है जैसा मोहम्मद गौरी के इतिहास लेखकों ने उन्हें दिखाया है। इसी प्रकार सल्तनत काल में भी हमारे इतिहास नायकों को सल्तनत काल के शासकों के चाटुकार दरबारी लेखकों की दृष्टि से दिखाने का […]