Categories
इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 2)

डॉ राकेश कुमार आर्य ( ‘डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया की डिस्कवरी’ ) मार्क्सवादी नेहरू और भारतीय इतिहास नेहरू जी की मान्यता थी कि ” मार्क्स और लेनिन की रचनाओं के अध्ययन का मुझ पर गहरा असर पड़ा और इसने इतिहास और मौजूदा जमाने के मामलों को एक नई रोशनी में देखने में बड़ी मदद पहुंचाई । […]

Categories
इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

( ‘डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया की डिस्कवरी’ ) अध्याय 1 नेहरू जी और धर्म की परिभाषा वर्तमान में धर्म , मजहब और रिलीजन – इन तीनों को एक मानने की अवैज्ञानिक, अतार्किक और सृष्टि नियमों के सर्वथा प्रतिकूल अवधारणा कार्य कर रही है। भारत की राजनीति में जिस धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को अपनाया गया है, उसमें […]

Categories
स्वर्णिम इतिहास

राजन तुम हो साँच खरे, खुब लढे तुम जंग

राजन तुम हो साँच खरे, खुब लढे तुम जंग । देखत तव चंड प्रताप जही, तखत त्यजत औरंग ।। ‘कवि कलश’ ऐतिहासिक विषय या क्रांतिकारीयो पर कोई फिल्म आती है तो में उसे जरूर देखता हूं मल्टीप्लेक्स में जाकर। अभी 2 दिन पहले ‘छावा’ फिल्म देखी जो हिंदवी साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के पुत्र […]

Categories
इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिंदू राष्ट्रनीति व हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज (क)

सन 1674 तक शिवाजी अधिकांश प्रांतों या क्षेत्रों पर अपना अधिकार स्थापित कर चुके थे जो उन्हें पुरंदर की संधि के अंतर्गत मुगलों को देने पड़े थे । अतः अब वह अपने आपको राजा घोषित कराने की तैयारी करने लगे थे । उधर मुगलों ने जब शिवाजी महाराज के उद्देश्यों को समझा तो उन्होंने शिवाजी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

धूला भंगी और हरवीर गुलिया

– डॉ राकेश कुमार आर्य (लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता हैं) भारत की धर्म – राष्ट्र – परंपरा को बनाए रखने के लिए अपने रक्त और पसीने को बहाने में वाल्मीकि समाज के लोगों का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन लोगों को भारत पर अवैध रूप […]

Categories
इतिहास के पन्नों से डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

बाबर व अकबर के शासन काल में हिंदू दमन (भाग ॥)

मज़हब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना पुस्तक से … डॉ राकेश कुमार आर्य अकबर के हरम में हिन्दू महिलाओं की स्थिति अपने हरम को हिन्दू महिलाओं से भरने के लिए अकबर ने अनेकों हिन्दू राजकुमारियों के साथ जबरन शादियाँ की थीं, परन्तु कभी भी, किसी मुगल महिला को हिन्दू से शादी नहीं […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

आधुनिक इतिहास में शुद्धि समर्थक राष्ट्र नेताओं के नाम

स्वामी दयानंद सर्वप्रथम देहरादून में एक मुसलमान को शुद्ध कर उनका अलखधारी नाम रख कर आधुनिक भारत में सदियों से बंद घर वापसी के द्वार को खोला स्वामी श्रद्धानन्द लाखों मलकाने राजपूतों जो नौ मुस्लिम कहलाते थे उन्हें शुद्ध किया और व्यवस्थित रूप से सकल हिन्दू समाज को संगठित करने का उद्घोष किया। शुद्धि चक्र […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

तैमूरलंग का सामना

– डॉ विवेक आर्य हिन्दू समाज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे जातिवाद से ऊपर उठ कर सोच ही नहीं सकते। यही पिछले 1200 वर्षों से हो रही उनकी हार का मुख्य कारण है। इतिहास में कुछ प्रेरणादायक घटनाएं मिलती है। जब जातिवाद से ऊपर उठकर हिन्दू समाज ने एकजुट होकर अक्रान्तायों का […]

Categories
इतिहास के पन्नों से डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

बाबर व अकबर के शासन काल में हिन्दू दमन भाग (1)

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना पुस्तक से …. डॉ राकेश कुमार आर्य भारत के लाखों करोड़ों वर्ष के इतिहास को गहरे गड्ढे में दबाकर भारतद्वेषी इतिहासकारों ने केवल और केवल मुगल काल को प्रमुखता देते हुए उसे कुछ इस प्रकार प्रस्तुत किया है कि जैसे, आज का भारत मुगलों के स्वर्णिम […]

Categories
इतिहास के पन्नों से डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

संविधान सभा की बहस से संबंधित तथ्य

आज देश अपना ७६ वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। २६ जनवरी १९५० भारतीय संविधान के लागू होने की तिथि है। उस दिन हमारे सनातन राष्ट्र भारतवर्ष ने अपने गणतंत्र का दिशा पथ निर्धारित किया था। सदियों तक लाखों करोड़ों बलिदान देने के पश्चात जिस गणतंत्र के राष्ट्रपथ पर देश ने चलने का निर्णय लिया […]

Exit mobile version