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इतिहास के पन्नों से

ओ३म् “हैदराबाद में धर्म की आजादी के लिए आर्यसमाज का सत्याग्रह, 1939”

============ हैदराबाद आजादी से पूर्व एक मुस्लिम रियासत बन गई थी। यहां हिन्दुओं को अपने धर्म का पालन व प्रचार करने पर नाना प्रकार के प्रतिबन्ध लगा दिये गये थे। जैसा पाकिस्तान में विगत 77 वर्षों में हुआ है, ऐसा ही कुछ यहां होता था। आर्यसमाज को भी यहां वैदिक धर्म का प्रचार करने और […]

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सनातन संस्कृति के भाव को जगाने हेतु संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन ही क्यों हुई

भारतीय परंपरा में, “आश्विन शुक्ल दशमी” को, अक्षय स्फूर्ति, शक्तिपूजा एवं विजय प्राप्ति का दिवस माना जाता है। किसी भी शुभ, सात्विक एवं राष्ट्र गौरवकारी कार्य को प्रारंभ करने के लिए यह मुहूर्त सर्वोत्तम माना गया है। विजयादशमी का यह उत्सव आसुरी शक्तियों पर दैवी शक्तियों की विजय का प्रतीक है। विजयादशमी के दिन ही […]

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औरंगज़ेब और इतिहास ज्ञान घोटाला

ऑड्रे ट्रश्के एक विदेशी इतिहासकार है जिसने सन 2017 में औरंगज़ेब पर एक पुस्तक लिखी जिसका नाम है Aurangzeb: The Man and the Myth. इस पुस्तक में लेखिका ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि औरंगज़ेब एक धर्मांध शासक नहीं अपितु एक दयालु शासक था। यह लेखिका इसी महीने भारतआई थी। हैदराबाद में इनका […]

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संदर्भ: संघ स्थापना का सौंवा वर्ष संघ शताब्दी वर्ष में डॉ. हेडगेवार का स्मरण

आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार बनाकर संघ का संगठन, संस्थापना करने वाले डॉ. केशव […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग 407 [हिंदवी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से ..] कौटिल्य का अर्थशास्त्र और शिवाजी [अध्याय – 5 ]

डॉ राकेश कुमार आर्य हमारे देश में अंग्रेजी को इसलिए पढ़ाया जाना आवश्यक और उचित माना जाता है कि अंग्रेजी को पढ़ने से ईसाई लोग अपनी पुस्तक बाईबिल और उस की शिक्षाओं का सरलता से पढ़ सकते हैं और उन पर अमल कर सकते हैं। इसी प्रकार उर्दू, अरबी या फारसी को भी इसलिए पढ़ाया […]

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इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …. भगवान महावीर के उपदेश (अध्याय-5)

जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी का भारतीय इतिहास में विशेष और सम्मान पूर्ण स्थाने है। उन्होंने धर्म मार्ग से भटकते हुए लोगों को ज्ञानपूर्वक सही मार्ग दिखाने का प्रयास किया। उनके द्वारा स्थापित किया गया जैन धर्म संसार के प्राचीन धर्मों में से एक है। इस धर्म का उल्लेख ‘योगवशिष्ठ’, ‘श्रीमद्भागवत’, ‘विष्णु पुराण’, ‘शाकटायन […]

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रानी दुर्गावती ने वीरमरण स्वीकार किया वेद धर्म के लिए

शत्-शत् नमन 5 अक्टूबर/जन्मदिवस, ज्वालारूपी रानी दुर्गावती जिनका हत्यारा था वो अकबर जिसे साजिशन बनाया गया महान* अकबर की महानता के गुण गाने वालों को आज पता भी नहीं होगा की आज किसका जन्म दिवस है। उन्हें भी नहीं पता होगा जिन्होंने आज़ादी , शौर्य , वीरता और बलिदान को केवल दो या चार परिवारों […]

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आत्रेयी -अपाला कथा

डॉ डी के गर्ग पौराणिक कथा — अपाला महर्षि अत्रि की एकमात्र पुत्री थीं. वह इतनी बुद्धिमान थीं कि वेदों की ऋचाएं एक बार पढ़कर ही कंठस्थ याद कर लेती. चारों वेदों को याद कर वह जल्द ही वेदज्ञ हो गई थी। अपाला बचपन से त्वचा रोग से पीड़ित थीं. इसकी वजह से अत्रि ऋषि […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग – 406 [हिंदवी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से ..]

शिवाजी महाराज का शासन और व्यक्तित्व (अध्याय-04) 16 74 तक छत्रपति शिवाजी महाराज अपने लिए पर्याप्त क्षेत्र को जीत चुके थे। जिसके आधार पर वह अपने आप को राजा घोषित कर सकते थे और अब उन्होंने इसी दिशा में सोचना आरंभ भी कर दिया था। उधर मुगल सत्ता उन्हें राजा मानने को तैयार नहीं थी। […]

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इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …. अर्जुन की चिता और जयद्रथ वध [अध्याय-4]

डॉ राकेश कुमार आर्य गतांक से आगे .. जयद्रथ वध के संबंध में हमारे समाज में कई प्रकार की भ्रांतियाँ बनी हुई हैं। इस संबंध में अज्ञानतावश लोगों का मानना है कि श्री कृष्ण ने दिन में ही अपनी माया से सूर्य को अस्त कर दिया था। जब अर्जुन जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा पूर्ण […]

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