#डॉविवेकआर्य मित्रों कुछ अम्बेडकरवादी दुष्प्रचार करते रहते है कि पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण ने बौद्ध राजा बृहदरथ की हत्या की थी। यह स्वामी द्रोह था। सत्य क्या है। यह जानना अत्यंत आवश्यक है। पुष्यमित्र शुंग महाराज बृहदरथ का सेनापति था। वह अत्यंत योग्य एवं राष्ट्र हित में चिंतित रहता था। उस काल में अशोक का वंशज […]
Category: इतिहास के पन्नों से
अकबर महान या महाधूर्त ?
सेकुलर रोग से ग्रस्त कुछ वामपंथी और कांग्रेसी विचार रखने वाले इतिहासकारों ने हुमायूँ के बेटे मुग़ल बादशाह अकबर को एक धर्मनिरपेक्ष और हिन्दू मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक बता दिया है , और उसे “अकबर आजम -اكبرِ اعظم ” ( akabar the greate ) की उपाधि दे डाली है ,लेकिन अकबर न तो […]
मदन लाल धींगरा 17 अगस्त 1909 को मदन लाल धींगरा को फांसी हुई थी. वो लड़का जिसने लंदन में कर्जन वायली को गोली मार दी थी. उस वक़्त, जब गोरे साहिबों के सामने हिन्दुस्तानी खड़े होने से भी डरते थे. जिसके पिता ने अखबार में छपवा दिया था कि इस लड़के से मेरा कोई लेना-देना […]
इतिहास से सीख!
अकबर के दरबार में एक कट्टर सुन्नी मुस्लिम अब्द अल कादीर बदायूनी था उसने हल्दीघाटी की युद्ध का आंखों देखा वर्णन जिसमें वह खुद शामिल था अपनी किताब मुंतखाब–उत–तवारीख में किया है। मूल किताब अरबी में है जिसका 18वीं सदी में अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। दोनों तरफ की सेनाओं में 90% राजपूत लड़ रहे […]
अनन्या मिश्रा छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ही उनके बेटे संभाजी महाराज वीर तथा प्रतिभाशाली इंसान थे। शिवाजी की मृत्यु के बाद संभाजी ने मराठा साम्राज्य की बागडोर संभाली थी। इस दौरान मुगलों ने उनपर कई आक्रमण किए, लेकिन संभाजी ने कभी भी मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके। संभाजी शुरू से ही मुगलों के […]
अरुण लवनिया ” दरवाजा खोलो और मुझे बाहर जाने दो।” हाथ जोड़कर आंखों में आंसू भरे हीरकनी सैनिकों से प्रार्थना कर रही थी। ” नहीं । यह नहीं हो सकता।राजे का आदेश है कि शाम छ: बजे किले का दरवाजा बंद हो जाये और अगले दिन सुबह ही खुले।” बंद दरवाजे के सामने हाथों में […]
अनन्या मिश्रा 7 फीट 5 इंच लंबाई, 110 किलो वजन। शरीर पर 72 किलो का भारी-भरकम वजनी कवच और हाथ में 81 किलो का वजनी भाला। युद्ध कौशल ऐसा कि दुश्मन भी उनके कायल थे। इस शूरवीर ने मुगल बादशाह अकबर के घमंड को चकनाचूर कर दिय़ा। 30 सालों के निरंतर प्रयास के बाद भी […]
*ये कैसा अमृत महोत्सव है*
आर्य सागर खारी🖋️ 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में संयुक्त प्रांत उत्तर प्रदेश के जिस जनपद में मेरठ के पश्चात सर्वाधिक क्रांति की चिंगारी उठी वह जनपद एकमात्र बुलंदशहर ही था तथा बलिदानीयो ने अपने खून से स्वाधीनता की होली खेली बुलंदशहर में जो गंगा -यमुना के बीच एकमात्र विशाल जनपद था। क्रांति भूमि मेरठ […]
1950 में, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को अपना इस्तीफा देने के बाद जोगेन्द्रनाथ मंडल वापस भारत लौट आये, जिसमें पाकिस्तानी प्रशासन के विरोधी हिंदू पूर्वाग्रह का हवाला दिया गया था। उन्होंने अपने इस्तीफे पत्र में सामाजिक अन्याय और गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों के प्रति पक्षपातपूर्ण व्यवहार से संबंधित घटनाओं का उल्लेख किया। जब पाकिस्तान […]
पूज्य दानवीर भामाशाह जी का पुण्य स्मरण – ईरान 17 साल में इस्लाम के झंडे के नीचे आ गया. अफगानिस्तान 100 साल में. परन्तु भारत 650 साल से अधिक समय में भी पूर्ण इस्लामिक राज्य नहीं बन पाया. इसके कई कारण थे. महाराणा प्रताप, बन्दा बैरागी और छत्रपति शिवाजी जैसे योद्धा. समर्थ गुरु रामदास, सन्त […]