भारत को समझो’ अभियान के तहत वास्तव में पहले यह समझना चाहिए कि भारत क्या था? भारतवर्ष की सभ्यता और संस्कृति विश्व में कैसे फैली? प्रथमतया इस तथ्य की जानकारी होना आवश्यक है। तभी भारत को वास्तविक अर्थ में समझा जा सकता है। हमें समझना होगा कि इसराइल के यहूदी कौन हैं? शेख कौन हैं? […]
Category: इतिहास के पन्नों से
सर संघचालक श्री मोहन भागवत जी ने गोवाहाटी में बयान दिया कि 1930 से मुस्लिमों की आबादी बढ़ाई गई क्योंकि भारत को पाकिस्तान बनाना था। इसकी योजना पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के लिए बनाई गई थी और यह कुछ हद तक सफल भी हुई। माननीय सर संघचालक जी ने अपने बयान में कहा है […]
1857 की क्रांति* की शुरूआत
भारतवासी 10 मई को प्रत्येक वर्ष क्रान्ति दिवस के रूप में मनाते हैं इतिहास की पुस्तकें कहती हैं कि 1857 की क्रान्ति की शुरूआत 10 मई 1857 की संध्या को मेरठ में अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर ने की थी । [6] 10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों […]
डा. कुँवरपाल सिंह पंवार सन् 1803 ई० में कोल अलीगढ़ एवं पटपड़गंज छलेरा वर्तमान नोएडा के स्थानों पर मराठा सेना के सेनापति पैरन अंग्रेज सेना- नायक लाईलेक से पराजित हो गये थे। इस विजय की स्मृति में ग्राम छलेरा में लाई लेक टावर का अंग्रेजों द्वारा निर्माण कराया गया था । इस पराजय के साथ […]
उस मार्ग में कौन सा वैज्ञानिक रहस्य छुपा हुआ है उस मार्ग के बारे में हज़ारों साल पहले कैसे जानकारी थी पढ़िए इन प्रश्नों के उत्तर जो वामपंथी इतिहारकारों के लिए मृत्यु समान हैं…रावण ने माँ सीताजी का अपहरण पंचवटी (नासिक, महाराष्ट्र) से किया और पुष्पक विमान द्वारा हम्पी (कर्नाटक), लेपक्षी (आँध्रप्रदेश) होते हुए श्रीलंका […]
आज 27 अक्टूबर बन्दा बैरागी जी का जन्म दिवस है। कितने हिन्दू युवाओं ने उनके अमर बलिदान की गाथा सुनी है? बहुत कम। क्यूंकि वामपंथियों द्वारा लिखे गए पाठयक्रम में कहीं भी बंदा बैरागी का भूल से भी नाम लेना उनके लिए अपराध के समान है। फिर क्या वीर बन्दा वैरागी का बलिदान व्यर्थ जाएगा […]
* लेखक आर्य सागर खारी ✍ आर्य वैदिक संस्कृति नगर ,ग्राम प्रधान ना होकर वन प्रधान रही है।आर्यों के चार आश्रम में से तीन आश्रम ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ ,सन्यास वनों में ही केंद्रित आश्रित थे। हमारे पूर्वजों को खुला परिवेश वातावरण बहुत भाता था। नगर ग्रामों में रहने की छूट केवल ग्रहस्थ आश्रमीयो को ही मिली […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय में राजभाषा सलाहकार ———— राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव जी भागवत का संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय पर प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी उद्बोधन हुआ। देश के प्रमुख मीडिया संस्थान, राजनैतिक दल, प्रशासन, सामाजिक संगठन प्रतिवर्ष इस उद्बोधन की ओर आशा और उत्सुकता से देखते रहते हैं। इस […]
मराठा साम्राज्य के वीर पुरुषों की कहानियाँ हम सबने सुनी हैं। भारत माता को विदेशी ताकतों के चंगुल से छुड़ाने के लिए इन वीर सपूतों ने हंसते-हंसते प्राणों की आहुतियाँ दे दी थी। छत्रपति शिवाजी महाराज पेशवा बाजीराव या तानाजी मालासुरे के जीवन को तो हमने अनेकों चलचित्रों के माध्यम से भी देखा है। मराठा […]
ईसाईयत और इस्लाम विश्व इतिहास को बीते हुए पांच सात हजार वर्ष में समेटकर चलते हैं। इसका कारण ये है कि ईसाईयत और इस्लाम को अपनी जड़ों के स्रोत इतने समय से पूर्व के दिखाई ही नही देते। इसलिए इन विचारधाराओं ने विश्व में सैमेटिक (ईसाईयत और इस्लाम जैसे मजहब) और नॉन सैमेटिक (वैदिक धर्म […]