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इतिहास के पन्नों से

नेहरू और नेहरूवाद: स्व. सीताराम गोयल

◘ “यह स्मरण रहे कि पंडित नेहरू कोई अपनी तरह के अकेले चरित्र नहीं थे; न ही नेहरूवाद कोई अपनी तरह की अकेली परिघटना है। जिन समाजों को पराजित होने का दुर्भाग्य सहना पड़ा और कुछ समय पराए शासन में रहना पड़ा, उन सभी समाजों में ऐसे कमजोर दिमाग लोग और दासवत चिंतन प्रक्रिया देखी […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 10 के. आर. नारायणन (K. R. Narayanan)

भारतीय गणराज्य के दसवें राष्ट्रपति के रूप में कोचेरियल रमण नारायणन आये। इनकी पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं थी। वे भारतीय विदेश सेवा के सदस्य थे। वे एक नौकरशाह से उपराष्ट्रपति और फिर उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बने थे। नौकरशाह से राष्ट्रपति बनने वाले वे पहले व्यक्ति थे। इसके बाद कलाम साहब राष्ट्रपति बने थे-उनकी भी कोई राजनीतिक […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 9 डॉ शंकर दयाल शर्मा (Dr. Shankar Dayal Sharma)

डा. शंकर दयाल शर्मा भारत के नौवें राष्ट्रपति बने। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जी.जी. स्वेल को भारी मतों से परास्त किया था। जी.जी. स्वेल को 1500 मत मिले थे जबकि डा. शर्मा को 2865 मत मिले थे। भाजपा जनता दल एवं अन्य क्षेत्रीय दल प्रो. जी.जी. स्वेल के साथ थे किंतु सी.पी. आई. (एम) तथा सी.पी.आई. […]

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इतिहास के पन्नों से पर्व – त्यौहार

क्या है श्री कृष्ण जी महाराज का गोवर्धन पर्वत उठाना ?

रावण के राष्ट्र में नीति थी, धर्म नहीं था ।नीति भी अधर्म की नीति थी। यदि उसके साथ धर्म भी होता तो निश्चित था कि रावण की पताका संसार में सबसे ऊंची कहलाती। आज संसार में प्रत्येक मनुष्य यह कह देता है कि वह तो पाखंडी है, लेकिन पाखंड कहते किसको हैं ? इसको देखें […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 8 आर. वेंकट रमण (R. Venkat Raman)

16 जुलाई 1987 को आर वेंकट रमण भारत के 8वें राष्ट्रपति चुने गये। 25 जुलाई 1987 को सवा 11 बजे मुख्य न्यायाधीश आर. एस. पाठक ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। आर वेंकट रमण के पास भी अपना लंबा राजनीतिक अनुभव था। वह रक्षामंत्री, उद्योगमंत्री, गृहमंत्री का अतिरिक्त प्रभार केन्द्र में संभाल चुके […]

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इतिहास के पन्नों से

राम की तरह मत्स्य अवतार की घटना अयोध्या में हुआ था : आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी

अयोध्या हिंदुओं और उससे उद्भृत बौद्धों, जैनियों और सिक्खों का सबसे प्राचीन नगर रहा है। वह सात पवित्र (सप्त तीर्थ पुरियों) में एक है। अथर्ववेद में इसे ईशपुरी कहा गया है। इसके वैभव की तुलना स्वर्ग से की गई है। इसका निर्माण भगवान राम के जन्म से बहुत पहले हो चुका था। अयोध्या में भगवान […]

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इतिहास के पन्नों से पर्व – त्यौहार

आओ जिंदगी जिएं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की तरह

🙏 वर्ष 2023 की दीपावली का सनातन धर्म के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि इस वर्ष मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण पूर्ण होने जा रहा है। वैसे तो दीपों का त्यौहार समूचे विश्व में मनाया जाता है। मान्यता है यह जगमग दीप ज्योति का पर्व बुराई पर […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 7 ज्ञानी जैल सिंह (Gyani Zail Singh)

भारत के सातवें राष्ट्रपति के रूप में ज्ञानी जैलसिंह का नाम है। ये पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके थे। इंदिरा गांधी ने सत्ता में पुन: वापसी के पश्चात इन्हें देश का गृहमंत्री बनाया था। 11 जून 1982 को इन्हें इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। 22 जून 1982 को इन्होंने गृहमंत्री के […]

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भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 6 नीलम संजीवा रेड्डी (Nilam Sanjeeva Reddy)

भारत के राष्ट्रपति के चुनाव को रोमांचक बनाने वाले भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी थे। 1969 में वो वी.वी गिरि से बहुत कम अंतर से हारे थे। तब उस चुनाव ने बड़ा रोमांच पैदा किया था। अब 1977 का काल था। इंदिरा गांधी चुनाव हार गयीं थीं। जबकि फखरूद्दीन अली अहमद स्वर्ग सिधार […]

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इतिहास के पन्नों से

टीपू सुल्तान को युद्ध में परास्त करने वाले इंदौर के शासक सूबेदार तुकोजीराव होलकर प्रथम इतिहास के पन्नों से गुम

शासन अविधि ( 1795-1797) लेखन ::सुरज सम्राट तुकोजीराव होलकर हमेशा अपने काका सूबेदार मल्हार राव होलकर के साथ युद्ध क्षेत्रों में सहायक रहे थे मल्हार राव होलकर की मृत्यु के पश्चात मातेश्वरी अहिल्याबाई ने उनको अपना सेनापति बनाया था वह मातोश्री अहिल्याबाई होल्कर व पेशवा के हमेशा विश्वस्त स्वामी भक्त बने रहे इनका जन्म सन् […]

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