छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में कभी भी किसी औरत का नाच गाना नहीं हुआ। महिलाओं का हमेशा सम्मान किया जाता था चाहे वह दुश्मन की पत्नी भी क्यों ना हो सभी को अपनी माता और बहन के समान समझा जाता था। उनका साफ कहना था महिलाओं की गरिमा हमेशा बनाए रखनी चाहिए। बेशक वह […]
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🚩🚩🌹🙏🙏🌹🚩🚩 👇👇👇👇👇 ** “जस्टिस जी डी खोसला” वो “जज” थे, जिन्होंने “नाथूराम गोडसे” केस की सुनवाई की थी और नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा दी थी l गोडसे को फांसी पर चढ़ाने के बाद जज साहब, अपनी किताब “द मर्डर ऑफ महात्मा एन्ड अदर केसेज फ्रॉम ए जजेज़ डायरी” में पेज नंबर 305 -06 […]
क्या आपने अमीर अली का नाम सुना है, राजस्थान के इतिहास में यह वह व्यक्ति है जिसके धोखे के कारण महिलाएं जौहर नहीं कर पाई और उन्हें तलवारो से काटना पड़ा, तो चलिए आज जैसलमेर के राजा लूणकरण को याद करते है, जो मित्रता के नाम पर राजस्थान के सबसे बड़े धोखे का शिकार हुए […]
धर्म चिंतन और राष्ट्र चिंतन के केंद्र होने के कारण मंदिरों से प्राचीन काल से ही क्रांति का स्रोत प्रवाहित होता रहा है। यही कारण रहा कि जब सिकंदर का भारत पर आक्रमण हुआ तो क्रांति के इन केंद्रों से ऐसी धारा प्रवाहित हुई कि उसने चंद्रगुप्त और चाणक्य की जोड़ी के माध्यम से राष्ट्ररक्षा […]
#original #history #with SUMAN & Rajasthan Diary हेमचन्द का जन्म मेवात स्थित रिवाड़ी मे बेहद गरीब परिवार में हुआ था। हेमू का पारिवारिक पेशा पुरोहिताई का था परन्तु 12 वीं शताब्दी के बाद भारत में इस्लाम के स्थापित होने के होते ही मुस्लिम बादशाहों ने हिन्दुओं के धार्मिक आयोज़नो पर रोक लगा दी औऱ इससे […]
#जयंती_दिवस 24 नवम्बर पर विशेष:- दीनबंधु चौधरी छोटूराम जैसा किसान हितैषी आज तक नहीं हुआ। चौधरी साहब ने अपना जीवन किसानों के हित के लिए जिया। किसान चाहे किसी भी मजहब या जाति का रहा हो, उनके लिए वह अपना था। उन्होंने अपने प्रेरणास्रोत ऋषि दयानंद के वाक्य ‘किसान राजाओं का राजा होता है।’ को […]
जब भारतवर्ष सर्वत्र अज्ञानता, पाखंड ,अंधविश्वास और ढोंग की दलदल में फंसा हुआ था और विदेशी शासकों की गुलामी को भोगना भारतीय समाज के लिए अभिशाप बन गया था, तब स्वामी दयानंद जी महाराज का आगमन होना समकालीन इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है । स्वामी दयानंद जी महाराज ने अलसाये हुए भारतीय समाज को […]
।* १. रामायण के महावीर हनुमान पूँछ वाले बन्दर नहीं थे, और न ही किसी के अवतार थे । वे ब्रह्मचारी , वेदों और व्याकरण के महान ज्ञानी, महापुरुष, थे । २. जटायु गिद्ध पक्षी नहीं था । वो दशरथ के मित्र व वैरागी वानप्रस्थी थे । जामवंत भी भालू नहीं था । ३. रावण […]
काशी शास्त्रार्थ पर विचार #डॉविवेकआर्य सन् 2023 में इतिहास की प्रमुख घटनाओं में से एक काशी शास्त्रार्थ के 154 वर्ष पूर्ण हो गए। प्राय: लोग आपको स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का विवरण देते है। जब विदेश की धरती पर स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति का परिचय दिया था। मगर उनके भाषण से दशकों पूर्व […]
इन्द्र और कृष्ण का युद्ध* पारिजात-हरण का उल्लेख “भागवत पुराण”, दशम स्कन्ध, उ०, अध्याय ५९, “विष्णुपुराण”, ५।३० में है | जब नरकासुर को मारकर कृष्ण सत्यभामा के साथ द्वारिका लौट रहे थे तो स्वर्ग के नन्दनकानन में खिले पारिजात वृक्ष को देखकर और उसे पाने के लिए लालायित हुई । कृष्ण ने भी अपनी प्रियतमा […]