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इतिहास के पन्नों से

1857 की सशस्त्र जनक्रान्ति के सूत्रधार : कोतवाल धन सिंह गुजर

डा. कुँवरपाल सिंह पंवार सन् 1803 ई० में कोल अलीगढ़ एवं पटपड़गंज छलेरा वर्तमान नोएडा के स्थानों पर मराठा सेना के सेनापति पैरन अंग्रेज सेना- नायक लाईलेक से पराजित हो गये थे। इस विजय की स्मृति में ग्राम छलेरा में लाई लेक टावर का अंग्रेजों द्वारा निर्माण कराया गया था । इस पराजय के साथ […]

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देश के मध्यकालीन इतिहास में खाप पंचायतों का स्वाधीनता आंदोलन भाग 5 , 262 देवियों का वीर बलिदानी

मुस्लिम शासनकाल में गुलाम वंश के पश्चात खिलजी वंश का शासन 1290 से 1320 ई0 तक रहा था। इस वंश का अंतिम बादशाह मुबारक शाह 1316 ई0 से 1320 ई0 तक शासन करता रहा। इसके शासनकाल में वर्तमान मेरठ मंडल के अंदर बागपत नगर से उत्तर दिशा की ओर कुताना कस्बा यमुना नदी पर है। […]

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बिस्तर पर किसी मर्द से कम न थी इंदिरा

–M.O MATHAI Related image आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जब हम पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की बात करते हैं, तो कई कांग्रेसी कहते हैं कि वह भारत की आयरन लेडी हैं; उसने पाकिस्तान को दो भागों में विभाजित किया और कई और अधिक लेकिन क्या वे उनके अंधेरे रहस्यों के बारे में बात करेंगे? देश की […]

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देश के मध्यकालीन इतिहास में खाप पंचायतों का स्वाधीनता आंदोलन भाग 3

महमूद गजनवी के साथ पंचायती युद्ध महमूद गजनवी के साथ पंचायती युद्ध के संबंध में ‘सर्वखाप पंचायत का राष्ट्रीय पराक्रम’ नामक उपरोक्त पुस्तक के पृष्ठ संख्या 101 पर लिखा है कि देश के वीरों ने तन – मन – धन सर्वस्व लगाकर महमूद गजनवी से भारी टक्कर ली। गजनवी के 80000 लश्कर को मारकर देश […]

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11 दिसम्बर/जन्म-दिवस कर्मठ कार्यकर्ता बालासाहब देवरस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यपद्धति के निर्माण एवं विकास में जिनकी प्रमुख भूमिका रही है, उनमें श्री मधुकर दत्तात्रेय देवरस का जन्म 11 दिसम्बर, 1915 को नागपुर में हुआ था। वे बालासाहब के नाम से अधिक परिचित हैं। वे ही आगे चलकर संघ के तृतीय सरसंघचालक बने। बालासाहब ने 1927 में शाखा जाना शुरू किया। […]

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इतिहास की कुछ कड़वी सच्चाईयां*

क्या आप जानते हैं कि 622 ई. से लेकर 634 ई. तक मात्र 12 वर्षों में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया। 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 16 वर्ष में सभी पारसियों को तलवारकी नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया। […]

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देश के मध्यकालीन इतिहास में खाप पंचायतों का स्वाधीनता आंदोलन भाग 2 हूण आक्रमण के विरुद्ध पंचायती सहायता

512 विक्रम में जब राजा स्कंद गुप्त की ओर से पंचायती संगठन के नाम पत्र लिखा गया तो उस समय खाप पंचायत के 500 नेता एकत्र हुए। जिनमें 500 सामंत भी एकत्रित हुए थे। दो लाख की सेना एकत्रित की गई थी और यह सारी सेना उस समय हूणों के विरुद्ध राजा को दे दी […]

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देश के मध्यकालीन इतिहास में खाप पंचायतों का स्वाधीनता आंदोलन भाग 1

श्री निहाल सिंह आर्य अध्यापक द्वारा लिखित ‘सर्वखाप पंचायत का राष्ट्रीय पराक्रम ( प्राचीन विशाल हरियाणा )’ नामक पुस्तक में विद्वान लेखक ने अनेक ऐसे ऐतिहासिक और छुपे हुए तथ्यों को स्पष्ट किया है जो आज की युवा पीढ़ी को विशेष रूप से जानने योग्य हैं। इस पुस्तक से हमको पता चलता है कि आज […]

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इतिहास में भुला दिया गया है रानी ताराबाई का योगदान

मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) के वीर पुरुषों की कहानियां हम बचपन से पढ़ते-सुनते आ रहे हैं. भारत माता को विदेशी ताकतों के चंगुल से छुड़ाने के लिए इन वीर सपूतों न हंसते-हंसते प्राणों की आहुती दे दी थी. छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) हों, पेशवा बाजीराव (Pehswa Bajirao) हों या तानाजी मालुसरे (Tanhaji Malusare) […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

सिकंदर का वध एक हिंदू वीरांगना के द्वारा हुआ था

चौधरी चेतराम आर्य पहलवान द्वारा लिखवाई गई “मेरी पोथी नंबर 7 इंस्पेक्टर 334 ईसा पूर्व ‘ के माध्यम से उपरोक्त पुस्तक के पृष्ठ संख्या 74 पर उल्लेखित किया गया है कि जब सिकंदर का आक्रमण भारत पर हुआ तो उस समय दो लाख की संख्या में मल्ल योद्धा अपने आप ही एकत्र हो गए। इन […]

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