(The Truts Behind Mughal King Babur,his Secret male lover and Babari Masjid) जैसे जैसे राममंदिर के उद्घाटन का दिन निकट आ रहा है कट्टर जिहादी भोले भले मुस्लिमों को यह कह कर भड़का रहे हैं कि हिन्दुओं ने षडयत्र करके अल्लाह के घर यानी बाबरी मस्जिद को तोड़ कर मंदिर बना दिया है यह मुल्ले […]
Category: इतिहास के पन्नों से
भारतीय इतिहास में गवर्नर-जनरल और भारत के वायसराय भारत पर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक इकाई के रूप में तब शुरू हुआ जब 31 दिसंबर, 1600 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने रानी एलिज़ाबेथ I (Queen Elizabeth I) से रॉयल चार्टर प्राप्त किया। लगभग तीन शताब्दियों की समयावधि के भीतर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक शक्ति से परिवर्तित […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार, राजभाषा guni.pra@gmail.com 9425002270 वो कुछ चढ़ती-बढ़ती हुई गर्मियों के दिन थे। सामान्यतः गर्मियों में सुबहें शीघ्र ही गर्म हो जाती हैं किंतु मैं कुछ अधिक ही गर्म व उत्साही था। मेरी व्यक्तिगत गर्मी व उत्साह का कारण था कि हमारे प्रेरणास्त्रोत अटल बिहारी जी वाजपेयी उस दिन […]
क्या आप भी बोलते हैं हैप्पी क्रिसमस डे? क्या आप भी देते हैं बड़े दिन की बधाइयां? यदि हां तो जानिए इसकी वास्तविकता। ईश्वर ने मनुष्य को सृष्टि के प्रारंभ में वेद का ज्ञान दिया और मनुष्य से यह अपेक्षा की कि इस ज्ञान को आगे बढ़ना। उसी कड़ी में मैं अपना उत्तरदायित्व निर्वहन कर […]
गोस्वामी तुलसीदास जी ने एक बड़े ही महत्त्व की और और शिक्षाप्रद बात कही है कि , “प्राकृत जन कीने गुणगाना . सिर धुन लागि पडा पछताना ” अर्थात – एक सामान्य और अवगुणों से युक्त व्यक्ति की बढ़ चढ़ कर तारीफें करने वालों को एक दिन सिर पीट पीट कर पछताना पड़ता है . […]
1947 में घोसी मुसलमानों के अवैध कब्जे मे थी कृष्ण जन्मभूमि फिर उद्योगपति जुगल किशोर बिड़ला ने कैसे बनवाया मंदिर ? -1670 में औरंगजेब ने मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि पर बने मंदिर को तोड़ दिया था… उसके बाद 281 सालों तक कृष्ण जन्मभूमि पर कोई मंदिर नहीं था… सिर्फ एक बहुत छोटा सा अस्थाई मंदिर […]
भारत -पाक विभाजन दंगों की भीषण मारकाट युक्त घटनाओं से विचलित वैरागी होने वाले मुस्लिम धोबी किशोर युवक मुंशी के ब्रह्मचारी मनु देव तथा कालांतर में जीवनमुक्त योगी सन्यासी श्रद्धेय स्वामी “सत्यपति परिव्राजक महाराज” बनने की त्याग तपस्या तितिक्षा मुमुक्षत्व ईश्वर के प्रति समर्पण से युक्त जीवन यात्रा का स्वामी जी द्वारा स्वयंकथित वर्णन || […]
‘सर्वखाप पंचायत का राष्ट्रीय पराक्रम’ पुस्तक से यह भी स्पष्ट होता है कि सन 1518 में कबीर दास जी के अंतिम समय में उनके शव के फूल नहीं बने थे, बल्कि हमारे वीर योद्धा ढमेल चंद, कीर्तिमल और भीमपाल ने अपने शौर्य और पराक्रम को दिखाते हुए राजा वीर सिंह बघेल से बड़ी सैनिक सहायता […]
जिस समय तैमूर लंग ने भारत पर आक्रमण किया उस समय पंचायत के केसरिया झंडे के नीचे 80000 मल्ल योद्धा एकत्रित हुए। 40000 युवतियों और 20000 जवान लड़के तैयार हुए। दिल्ली से 100-100 कोश चारों ओर के योद्धा युद्ध के लिए इकट्ठे हो गए थे। इस सेना का सेनापतित्व योगराज बाल ब्रह्मचारी ने स्वीकार किया […]
1857 की क्रांति* की शुरूआत
भारतवासी 10 मई को प्रत्येक वर्ष क्रान्ति दिवस के रूप में मनाते हैं इतिहास की पुस्तकें कहती हैं कि 1857 की क्रान्ति की शुरूआत 10 मई 1857 की संध्या को मेरठ में अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर ने की थी । [6] 10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों […]