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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी दयानंद जी के जीवन के गुमनामी के चार पांच वर्ष

स्वामी दयानंद जी महाराज के जीवन पर यद्यपि बहुत कुछ लिखा जा चुका है पर उनसे जुड़ी हुई कई ऐसी पहेलियां आज भी इतिहास के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं ,जिनका उत्तर खोजा जाना समय की आवश्यकता है। इनमें से सबसे बड़ी पहेली है कि स्वामी दयानंद जी महाराज 1856 से 1860 के […]

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भारतीय स्वातंत्र्य में आर्यसमाज का योगदान

दैनिक वीर अर्जुन दिल्ली 9.4.61 में प्रकाशित श्री दीवान अलखधारी जी का लेख, पृ. 9 – -आचार्य सत्यप्रिय शास्त्री, हिसार-द्रष्टव्य कालान्तर में महर्षि के देशभक्ति से भरे हुए विचारों से भारत का बच्चा-बच्चा जग गया। इस कारण वायसराय लॉर्ड नॉर्थ ब्रुक को लन्दन हाउस में सिफारिश करनी पड़ी कि अब हमें भारत को छोड़ देना […]

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प्राचीन भारत में विदेशी आक्रमण

ईरानी आक्रमण जिस समय मगध के राजा अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहे थे उसी समय ईरान के हखमानी शासक भी अपने राज्य का विस्तार कर रहे थे। भारत पर आक्रमण करने में प्रथम सफलता दारा प्रथम (दारयबहु) को प्राप्त हुई थी जो साइरस का उत्तराधिकारी था। दारा प्रथम के तीन अभिलेखों बेहिस्सून, पर्सिपोलिस एवं […]

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स्वामी दयानंद जी के जीवन के गुमनामी के चार पांच वर्ष भाग 1

स्वामी दयानंद जी महाराज के जीवन पर यद्यपि बहुत कुछ लिखा जा चुका है पर उनसे जुड़ी हुई कई ऐसी पहेलियां आज भी इतिहास के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं ,जिनका उत्तर खोजा जाना समय की आवश्यकता है। इनमें से सबसे बड़ी पहेली है कि स्वामी दयानंद जी महाराज 1856 से 1860 के […]

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कोठारी बधुओं को स्मरण करने का सही समय

‼️साल 2003 ‼️ अयोध्याजी में खुदाई चल रही थी। अखबार के पहले पन्ने पर उसी से जुड़ी खबरें छपती थीं। तब एकाएक अखबारों की बिक्री बढ़ गयी थी। तब एक एक अखबार को पच्चीस पचास लोग पढ़ते थे। कोई एक पढ़ता तो कई कई लोग तन्मयता से सुनते। मन्दिर से जुड़े कुछ साक्ष्य मिलने की […]

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नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने वाले खिलजी की इस प्रकार हुई थी मौत

विश्वप्रसिद्ध नालन्दा विश्वविद्यालय को जलाने वाले जे हादी बख्तियार खिलजी की मौत कैसे हुई थी ??? असल में ये कहानी है सन 1206 ईसवी की…! 1206 ईसवी में कामरूप (असम) में एक जोशीली आवाज गूंजती है…”बख्तियार खिलज़ी तू ज्ञान के मंदिर नालंदा को जलाकर कामरूप (असम) की धरती पर आया है… अगर तू और तेरा […]

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बस्ती के लाल बाबा योगेन्द्र की जन्म शताब्दी

✍️ आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी प्रारंभिक जीवन:- बाबा योगेन्द्र (7 जनवरी 1924 – 10 जून 2022) एक भारतीय कलाकार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक और संस्कार भारती के संस्थापक सदस्यों में से एक थे । बाबा योगेन्द्र का जन्म 7 जनवरी 1924 को ब्रिटिश भारत के संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश में ) […]

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स्वर्णिम इतिहास

है बलिदानी इतिहास हमारा ……

मित्रों ! हम यहां पर कुछ ऐसी क्रांतियों और आंदोलनों के नाम दे रहे हैं जिनसे पता चलता है कि ब्रिटिश काल में हमारे देश में क्रांति की आंधी मची हुई थी, पूरा भारत मचल रहा था और अपनी स्वाधीनता के प्रति पूर्णतया सजग था। तनिक देखिए: – प्लासी का युद्ध (सन 1757) , चुआड़ […]

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माता सावित्रीबाई फुले

तमन्ना मतलानी – विभूति फीचर्स क्रांतिज्योति माता सावित्रीबाई का जन्म नायगांव तालुका खंडाला जिला सातारा (महाराष्ट्र) में हुआ। उनके पिता का नाम खंडोजी नेवसे पाटिल था। महात्मा ज्योतिराव फुले का धर्म के ठेकेदारों ने बहुत अपमान किया। महात्मा फुले ने इन सभी की परवाह न करते हुए 1 जनवरी 1948 को पूना में लड़कियों के […]

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अब तो आर्यों को बाहर का बताने वाली किताबों को जला दिया जाए

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 हिन्दू जागृति अभियान :- अब जब ऑस्ट्रेलिया के पीटर केवुड शोध टीम की अगुआई करने वाले वैज्ञानिक, जिन्‍होंने तीन देशों के आठ रिसर्चर्स के साथ मिलकर सात साल तक शोध के बाद यह खोज निकाला है कि दुनिया में समुद्र से बाहर कोई द्वीप सबसे पहले बाहर आया था तो वह झारखंड का सिंहभूम […]

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