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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अत्याचारों की करूण गाथा के उस काल में भी आशा जीवित रही

सिकंदर के शासन काल में हिंदुओं की स्थिति कश्मीर में सिकंदर का शासन और हिंदुओं की स्थिति इस प्रकार थी कि सिकंदर का शासन मानो खौलते हुए तेल का कड़ाह था और हिंदू उसमें तला जाने वाला पकौड़ा। ऐसी अवस्था में बड़ी क्रूरता से हिंदुओं से जजिया वसूल किया जाता था। जजिया को जोनराज ने […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

जब कश्मीर के राजा जशरथ ने बढ़ाया भारत का ‘यश’ रथ

संसार एक सागर है संसार एक सागर है, जिसमें अनंत लहरें उठती रहती हैं। ये लहरें कितने ही लोगों के लिए काल बन जाती हैं, तो कुछ ऐसे शूरवीर भी होते हैं जो इन लहरों से ही खेलते हैं और खेलते-खेलते लहरों को अपनी स्वर लहरियों पर नचाने भी लगते हैं। ऐसा संयोग इतिहास के दुर्लभतम क्षणों […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

जब भारतवर्ष में मात्र 26 वर्ष में ही हो गये थे 20 स्वतंत्रता आंदोलन

आर्यधर्म की विशेषताएं जिस आर्य (हिन्दू) धर्म की रक्षार्थ लड़े गये लंबे स्वातंत्र्य समर की कहानी हम लिख रहे हैं उसके विषय में स्वामी विज्ञानानंद जी महाराज ने अपनी पुस्तक ‘हिन्दू नाम की प्राचीनता और विशेषताएं’ के पृष्ठ भाग पर लिखा है कि-‘‘यह धर्म (अपने मूल स्वरूप में) जनतंत्रवादी है- अधिनायकवादी नही, बुद्घिवादी है-पैगंबरवादी नही, […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भारत के ‘गौरव’ को लौटाना चाहते थे राणा सांगा

महर्षि दयानंद का मत जिन लोगों ने विदेशियों का अंधानुकरण करते-करते स्वदेश और स्वदेशी की भावना को अपने लिए अपमानजनक समझकर उसे कोसना आरंभ किया, उन लोगों को देखकर महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज को असीम पीड़ा हुआ करती थी। उन्होंने ‘सत्यार्थ प्रकाश’ समुल्लास-11 में लिखा है- ‘‘अपने देश की प्रशंसा वा पूर्वजों की बड़ाई […]

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स्वर्णिम इतिहास

आखिर इतना बड़ा भारत मूठी भर अंग्रेज़ो का गुलाम कैसे हुआ ??

किसी इतिहास की किताब आपको ये जवाब नहीं मिलेगा !एक बार पढ़ें ! राजीव भाई की भाषा मे (1998 ) दो तीन गंभीर बाते कहने आपसे आया हूँ . और चाहता हु कि कुछ आपसे कह सकुं और अगर आप चाहें तो मुझसे कुछ पूछ सके. मेरे व्याख्यान के बाद अगर आपको लगे तो आप […]

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स्वर्णिम इतिहास

झारखण्ड के रामगढ़ का टूटी झरना शिवमंदिर

अशोक प्रवृद्ध भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्?वपूर्ण कथा गंगावतरण, जिसके द्वारा भारतवर्ष की धरती पवित्र हुई, में इक्ष्वाकु वंशीय दिलीप के पुत्र भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने गंगा की धारा को देवलोक से भूलोक में गिरते समय अपनी जटा में सम्भालने के लिए हामी भर दी । तब ब्रह्मा के […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

छलपूर्ण प्रेम की आड़ में कश्मीर धर्मांतरण की ओर बढऩे लगा

‘कश्मीरी पंडित’ का वास्तविक अर्थ कश्मीर को पंडितों की भूमि कहा जाता है। पंडित का अर्थ यहां किसी जाति विशेष से न होकर विद्घानों से है। कश्मीर सदा से ही ऋषियों की तप: स्थली रहा है। यहां लोग लोक-परलोक को सुधारने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए आत्मसाधना हेतु जाया करते थे। इसलिए ऐसे आत्म […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भटनेर, सिरसा, लोनी में किया गया तैमूर का प्रतिरोध

पूर्णत: धर्मांध था तैमूर लंगतैमूर लंग ने भारत पर 1398 ई. में आक्रमण किया। इस विदेशी आततायी का उद्देश्य भी भारत के धर्म और संस्कृति को मिटाकर यहां इस्लाम का झण्डा फहराना था। इसमें कोई दो मत नही कि हिंदुओं के प्रति तैमूर अत्यंत क्रूर था। उसकी क्रूरता को सभी इतिहासकारों ने स्वीकार किया है, […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

गांवों में मुकद्दम भी करते रहे स्वतंत्रता संघर्ष का नेतृत्व

पूर्व आलेख में प्रसंग इटावा का चल रहा था कि यहां के मुकद्दम या ग्राम्य मुखिया लोगों ने भी किस प्रकार स्वतंत्रता की ज्योति जलाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पूर्व आलेख में प्रसंग इटावा का चल रहा था कि यहां के मुकद्दम या ग्राम्य मुखिया लोगों ने भी किस प्रकार स्वतंत्रता की ज्योति जलाये […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

क्षेत्रीय मुस्लिम शासकों से भी चला हिन्दू शक्ति का संघर्ष

नोट: यह लेख हमसे किसी कारणवश प्रकसित नहीं हो पाया था और कुछ अन्य लेख जो इस श्रंखला में रह गए हैं, हम उन्हे प्रकसित करते रहेंगे।   भारत का कण-कण वंदनीय है भारत से शांति प्राप्त करने के लिए प्राचीन काल से लोग यहां आते रहे हैं। यहां के कण-कण में शंकर की प्रतिध्वनि को […]

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