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इतिहास के पन्नों से

जब स्वामी श्रद्धानंद की हत्या पर गांधीजी ने हत्यारे को कहा था अपना भाई

किसी व्यक्ति का भारत देश की नब्ज पर हाथ रख कर बोलना कांग्रेस की दृष्टि में सांप्रदायिकता रही है , और यह संस्कार कांग्रेस को गांधीजी जैसे नेताओं से मिला है । यदि आप इस देश के विभाजन का कारण धर्मांतरण से मर्मान्तरण और मर्मान्तरण से राष्ट्रान्तरण की सहज प्रक्रिया को मानेंगे तो आप कांग्रेस […]

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अंग्रेजों की तोपों के सामने स्वयं खड़ा होने वाला क्रांतिकारी वरयाम सिंह

बात 1857 की क्रांति के बाद की है , जब 1871 में पंजाब में कूका आंदोलन चल रहा था । कूका आंदोलन को नामधारी सिख पंथ के नेता सद्गुरु रामसिंह कूका जी के नेतृत्व में लड़ा गया था । उन्होंने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की भावना पर बल दिया […]

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मीरपुर हत्याकांड : जब 18000 से ज्यादा हिंदुओं का हुआ था कत्लेआम

सन 1947 में जब भारत-पाकिस्तान का विभाजन हो रहा था तब मीरपुर भी तत्कालीन कश्मीर रियासत का एक हिस्सा था। इस दौरान पाकिस्तान वाले पंजाब से हजारों की संख्या में हिंदु मीरपुर पहुंचे रहे थे। वहीं मीरपुर के मुसलमान पाकिस्तान जा रहे थे। प्रतिवर्ष 25 नवंबर का दिन बंटवारे के दर्द को हरा कर देता […]

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जब लुई फिशर को निरुत्तर कर दिया था उस वीर सावरकर ने

उन दिनों लुई फिशर भारत की यात्रा पर आये थे। देश के विभाजन की संभावनाएं बड़ी तेजी से बनती जा रही थीं। लुई को यह बता दिया गया था कि विभाजन पर कांग्रेस लगभग सहमत हो चुकी है, परंतु सावरकर और उनका दल अभी भी बड़ी कठोरता से विभाजन का विरोध कर रहा है। तब […]

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वीतराग संन्यासी की भांति जीवन जीने वाली राजधात्री पन्ना गुजरी

राजा का रमणीय भवन एक सम्राट ने अपनी राजधानी के मध्य में एक बहुत बड़ा भवन बनवाया। वह भवन बहुत ही सुदृढ़ विशाल और सुंदर था। जो कोई भी राजा के पास आता वह उस भव्य भवन की प्रशंसा किये बिना नही रहता था। इससे राजा को बड़ी प्रसन्नता की अनुभूति होती थी। एक बार […]

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हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय –14 पराजय और अपराजय की आंख मिचौनी बहादुरशाह इस बात को लेकर बहुत दुखी था कि बंदा वीर बैरागी का सामना करने के लिए सारी मुगल शक्ति दुर्बल पड़ती जा रही थी। वह नहीं चाहता था कि बंदा बैरागी के नेतृत्व में हिंदू शक्ति भारतवर्ष में फिर से खड़ी हो और यहां से […]

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हिंदू राष्ट्र स्वपन द्रष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय —- 13 मुगल हो गए थे वह भयभीत संसार में भारत ही एक ऐसा देश है जिसने विश्व को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान किया । इसने आत्मा के विषय में भी यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि यह सदा बनी रहती है। इसका कभी अंत नहीं हो सकता । शरीर ही मरता है, आत्मा नहीं […]

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हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय —- 13 मुगल हो गए थे वह भयभीत संसार में भारत ही एक ऐसा देश है जिसने विश्व को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान किया । इसने आत्मा के विषय में भी यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि यह सदा बनी रहती है। इसका कभी अंत नहीं हो सकता । शरीर ही मरता है, आत्मा नहीं […]

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हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय —- 13 मुगल हो गए थे वह भयभीत संसार में भारत ही एक ऐसा देश है जिसने विश्व को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान किया । इसने आत्मा के विषय में भी यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि यह सदा बनी रहती है। इसका कभी अंत नहीं हो सकता । शरीर ही मरता है, आत्मा नहीं […]

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सिंधु घाटी की लिपि अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकार क्यों नहीं चाहते थे कि इसे पढ़ा जाए

आर्य सागर खारी इतिहासकार अर्नाल्ड जे टायनबी ने कहा था – विश्व के इतिहास में अगर किसी देश के इतिहास के साथ सर्वाधिक छेड़ छाड़ की गयी है, तो वह भारत है । *भारतीय इतिहास का प्रारंभ सिन्धु घाटी की सभ्यता से होता है, इसे हड़प्पा कालीन सभ्यता या सारस्वत सभ्यता भी कहा जाता है. […]

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