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इतिहास के पन्नों से

वीर बलिदानी गोरा की पत्नी का वह अद्भुत शौर्य

1303 ईस्वी में जब अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ के सुप्रसिद्ध किले पर आक्रमण किया तो उसके इस आक्रमण का लक्ष्य पद्मिनी को प्राप्त करना था। रानी पद्मिनी के रूप में भारत की अस्मिता की रक्षा करने के लिए उस समय अनेकों वीरों ने अपना बलिदान दिया । ऐसे ही एक बलिदानी गोरा थे। जिनका भतीजा […]

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जब वीर सावरकर ने मौलाना शौकत अली की कर दी थी बोलती बंद

सितंबर 1924 में सावरकर जी से मौलाना शौकत अली ने भेंट की थी । उसने अपने बौद्धिक चातुर्य का परिचय देते हुए पहले तो सावरकर जी की भरपूर प्रशंसा की , पर फिर धीरे से ‘ शुद्धि कार्य ‘ को बंद करने की बात कह दी । इस पर सावरकर जी ने उससे भी स्पष्ट […]

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1909 में पटियाला राजद्रोह के समय अंग्रेज सरकार का आर्य समाज और इसके अनुयायियों पर अत्याचार

================ पराधीनता के युग में अंग्रेज सरकार ने आर्यसमाज के प्रति कू्ररता का परिचय दिया था। इसके सदस्यों को अकारण परेशान किया जाता था। आर्यसमाजियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती थी और जो नौकरी में होते थे उन्हें नौकरी से किसी न किसी आरोप में निकाल दिया जाता था। वह आर्यसमाज के सत्संगों में भी […]

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18 57 में ही फट गई थी क्रांतिकारी आर्य समाज की पौ

1857 की क्रांति न केवल भारत के राष्ट्रीय इतिहास के लिए अपितु आर्य समाज जैसी क्रांतिकारी संस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण वर्ष है । इस समय भारत के उस समय के चार सुप्रसिद्ध संन्यासी देश में नई क्रांति का सूत्रपात कर रहे थे। इनमें से स्वामी आत्मानंद जी की अवस्था उस समय 160 वर्ष […]

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जब था झंडे में ‘ वंदेमातरम ‘ , झंडा दिवस : 7 दिसंबर पर विशेष

भारत में ध्वजा शब्द झंडे का पर्यायवाची है, प्राचीन काल में राज्यकर्मियों द्वारा उठाकर ले जाने वाली ध्वजा को राजा या सेना के प्रतीक रूप में परिभाषित किया गया है। शुद्घ शाब्दिक रूप में ध्वजा से तीन चीजों का बोध होता है- 1. पताका (हवा में फहराने वाला कपड़े या किसी अन्य वस्तु का टुकड़ा) […]

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नेहरू नहीं चाहते थे कि डॉ राजेंद्र प्रसाद बनें देश के राष्ट्रपति

डॉ राजेंद्र प्रसाद जब भारत के पहले राष्ट्रपति बने तो वह वास्तव में उस भारत के प्रतिनिधि थे जिस भारत को स्वतंत्र कराने के लिए देश ने लंबा संघर्ष किया था । वह संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे। अपनी शानोशौकत के लिए प्रसिद्ध रहे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की इच्छा नहीं […]

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मातृभूमि की स्वतंत्रता के हितार्थ पन्ना ने किया चंदन का बलिदान

मैं संन्यासी हूं तो क्या हुआ? बात 1957 की है। आर्य समाजी नेता महाशय कृष्ण धर्मशाला की कारागार में बंदी का जीवन यापन कर रहे थे। उनके सुपुत्र वीरेन्द्र और महात्मा आनंद स्वामीजी भी उन्हीं के साथ बंदी बनाकर रखे गये थे। महाशय कृष्ण अब वृद्घ हो चले थे, इसलिए कोई न कोई व्याधि उनका […]

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हिंदू राष्ट्र स्वप्नदृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————- अध्याय — 15 द्वंद्वभाव और बैरागी का संकल्प प्राचीन काल में हमारे यहां पर एक धौम्य नाम के ऋषि हुए। ऋषि धौम्य के पास बहुत से छात्र विद्याध्ययन हेतु आते थे । आश्रम के पास से बहने वाली एक नदी में वर्षा ऋतु में पानी अक्सर अधिक आ जाता था । उस पर बनाया […]

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इतिहास के झरोखे से : डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए नेहरू ने बोला था झूठ

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे और संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे। लेकिन, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नहीं चाहते थे कि डॉक्टर राजन भारत के राष्ट्रपति बनें। लेकिन नेहरू के विरोध के बावजूद वो 1950, 1952 और 1957 में लगातार तीन बार देश के राष्ट्रपति चुने गए […]

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सबसे कम अवस्था में फांसी पाने वाले क्रांतिकारी खुदीराम बोस की जयंती के अवसर पर

सबसे कम अवस्था में क्रांतिकारी गतिविधियों में सम्मिलित होने के अपराध में फांसी चढ़ने वाले महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस का आज जन्म दिवस है । 1889 में आज ही के दिन जन्मे इस महान क्रांतिकारी ने अंग्रेज अधिकारी किंग्स फोल्ड पर हमला किया था। यह घटना 30 अप्रैल 1908 की है । जब खुदीराम बोस […]

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