बात उन दिनों की है जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था और शत्रु नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके साथियों को समाप्त करने के लिए कटिबद्ध था । हर पल उस समय नेताजी और आजाद हिंद फौज के लोगों के लिए बहुत ही सावधानी बरतने का था । उस समय भी नेता जी ने […]
Category: इतिहास के पन्नों से
ठाकुर रोशन सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के जाज्वल्यमान नक्षत्र का नाम है । इन्हें काकोरी कांड में एक अभियुक्त मानकर अवैधानिक और अनैतिक रूप से ब्रिटिश सरकार ने फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया था । हमारे इस महान क्रांतिकारी का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जनपद में फतेहगंज से 10 किलोमीटर दूर स्थित गाँव […]
हिंदू महासभा के प्रेरणा स्त्रोत और स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक क्रांति वीर सावरकर जी के पौत्र रंजीत सावरकर का कहना है कि गांधीजी की अहिंसा को लेकर कांग्रेस ने देश में यह भ्रम फैलाने का काम किया है कि देश को स्वतंत्र कराने में और इसके शासन को गणतंत्र का स्वरूप देने में केवल कांग्रेस […]
दिनेश चंद्र त्यागी आज भी विश्व में लगभग 110 करोड़ हिंदू किस प्रकार जीवित बचे रह गए । इन्हें भी काल के विकराल गाल में समा जाने के अनेक प्रयत्न जो पहले किए गए थे , आज भी किए जा रहे हैं । मलयेशिया युगांडा , केन्या , नेपाल , श्रीलंका, बर्मा ,पाकिस्तान , बांग्लादेश […]
गांधी जी की वासनात्मक प्रवृत्ति के कारण उनके आश्रम में भी उनके प्रति आक्रोश फैल गया था । उनके निकटतम साथी भी उनसे नाराज रहने लगे थे ।इस विषय में एमवी कामथ लिखते हैं कि, ‘अपने ही तरीके से और बिना इसका अर्थ रखे महात्मा ने कई जिंदगियां बर्बाद कर दीं। जब उन्हें आगा खान […]
1947 के बाद कांग्रेस ने किस प्रकार के भारत का निर्माण करना आरंभ किया ? यह आज के परिप्रेक्ष्य में बहुत ही प्रासंगिक प्रश्न है । वास्तव में कांग्रेस का चिंतन वैदिक भारत की ओर कभी गया ही नहीं । उसने मुगलों व तुर्को से पिछले इतिहास को भुलाने का प्रयास किया और पश्चिमी विचारकों […]
भारत को क्रांति के माध्यम से स्वतंत्रता दिलाने का संकल्प ले चुके नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजीवन अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बने रहे थे। अपनी योजना को फलीभूत करने के लिए 22 जून 1940 को वह सावरकर जी से मिल चुके थे और उनसे आशीर्वाद ले चुके थे कि उन्हें भारत छोड़कर रासबिहारी बोस […]
1947 में भारत के पहले शिक्षामंत्री बने मौलाना अबुल कलाम आजाद। उन्होंने कांग्रेस के द्वारा अपनी वर्धा योजना के अंतर्गत भारत के लिए प्रस्तावित की गई शिक्षा नीति के अंतर्गत भारत के शिक्षा संस्कारों को बिगाड़ने का काम आरंभ किया।उन्होंने ही इतिहास का विकृतिकरण करते हुए मुस्लिम मुगल शासकों को हिंदू शासकों की अपेक्षा कहीं […]
14 जनवरी 1761 को आज ही के दिन पानीपत का तीसरा युद्ध’ अहमद शाह अब्दाली और मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ के मध्य पानीपत के मैदान मे हुआ । मराठों के नेतृत्व में हिंदुत्व की बढ़ती शक्ति का दमन करने के लिए इस युद्ध में दोआब के अफगान रोहिला और अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने […]
पंडित मदनमोहन मालवीय जी का कहना है कि-”भारत की एकता का मुख्य आधार है-एक संस्कृति जिसका उत्साह कभी नही टूटा। यही इसकी विशेषता है। भारतीय एकता अक्षुण्ण है क्योंकि भारतीय संस्कृति की धारा निरंतर बहती रही है और बहेगी।” दुला भट्टी का आदर्श जीवन अब हम आते हैं इतिहास के उस अभिनंदनीय व्यक्तित्व के जीवन […]