हमारे देश के एक महान हिंदू सम्राट के रूप में मान्यता प्राप्त हेमचंद्र विक्रमादित्य ने 1553 से 1556 के बीच भारत के बड़े भूभाग पर लगभग 4 वर्ष तक शासन किया । इस महायोद्धा ने 48 माह में 22 युद्ध लड़े अर्थात उसने प्रति 2 माह में 1 एक युद्ध लड़ा और उन सारे युद्धों […]
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शाहीन बाग पर सवार होकर केजरीवाल दिल्ली में सांप्रदायिकता का जहर घोलने व सत्ता पाने में सफल हो गये । इस घटना के क्या परिणाम होंगे ? यह तो भविष्य बताएगा , परंतु जो लोग शाहीन बाग के सच को समझ नहीं पाए वह भविष्य में पछताएंगे अवश्य। इस घटना के संदर्भ में अतीत की […]
न्याय की स्थापना के लिए पंडित वर्ग का होना जितना आवश्यक है, उतना ही आवश्यक क्षत्रिय वर्ग का होना भी है। न्याय को क्षत्रिय ही लागू कराता है। यदि क्षत्रिय वर्ग की तलवार (शस्त्र) ब्राह्मण के आदेश (शास्त्रगत दण्ड) को मनवाने के लिए नही हो, तो समाज में अन्याय का प्राबल्य हो जाएगा। इसलिए भारतीय […]
भारत के इतिहास में राणा उदयसिंह का योगदान नगण्य माना जाता है। जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उसका योगदान भारत के इतिहास में अनुपम है। इसके समर्थन में ऐसे इतिहास लेखकों का मानना है कि महाराणा उदयसिंह के दृढ़ निश्चय की ओर कभी ध्यान नही दिया गया। चित्तौड़ पर तीस हजार हिंदू नागरिकों […]
6 फरवरी 1890 को जन्मे खान अब्दुल गफ्फार खान की आज जयंती है । खान अब्दुल गफ्फार खान को इतिहास में बादशाह खान ,बच्चा खान और सीमांत गांधी के नाम से भी जाना जाता है। वे ऐसे नेता थे जिन्होंने अंतिम क्षणों तक जिन्ना की विभाजनकारी नीति का विरोध किया था । विभाजन के उपरांत […]
जब गांधी जी ने 1922 में असहयोग आंदोलन आरंभ किया तो देश के लोगों ने उसका अर्थ यह लगाया कि विदेशी सत्ताधारी अंग्रेजों को भारत से उखाड़ फेंकना गांधीजी के असहयोग आंदोलन का उद्देश्य है । लोगों ने यह भी सोचा कि क्रांति के माध्यम से भी यदि अंग्रेजों को यहां से भगाया जाएगा तो […]
5 (क ) सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस ने फिर से भारत पर आक्रमण किया । जी हां , यह सच है। परंतु 5 ( ख ) चाणक्य और चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस को ऐसा पाठ पढ़ाया कि सेल्यूकस पराजित हुआ और अपनी पुत्री हैलेना को दहेज में चंद्रगुप्त को सौंप कर वापस जाने के लिए विवश […]
========= जो मनुष्य जिस देश में जन्म लेता है उस पर उस देश की मिट्टी का ऋण होता है। उसका शरीर उस देश का अन्न खा कर, उस देश की वायु में श्वास लेकर तथा उस देश का जल पीकर वृद्धि को प्राप्त होता है। जो व्यक्ति अपने देश वा मातृभूमि के प्रति समर्पित नहीं, […]
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । इस पवित्र अवसर पर आज हम एक ऐसे महान देशभक्त मौलाना हसरत मोहानी के विषय में बात करेंगे जिन्होंने कांग्रेस में रहकर गांधीजी और नेहरू जी का इस बात के लिए विरोध किया कि भारत को अधिशासी अधिराज्य अर्थात डोमिनियन स्टेटस नहीं चाहिए बल्कि पूर्ण स्वाधीनता […]
जब कृपलानी ने कहा था : ” नेहरू ! तुम हिंदुओं को धोखा देने के लिए जनेऊ पहनते हो।” हिंदू विरोध कांग्रेस का मौलिक संस्कार है — अनेकों प्रकरणों , प्रसंगों , संदर्भों से यह बात अब पूर्णतया सिद्ध हो चुकी है । यदि इस देश की संस्कृति से प्यार करना और उसके लिए संघर्ष […]