महाराजा रणजीत सिंह की माता श्रीमती राज कौर व पिता महा सिंह थे। इनका जन्म 13 नवम्बर 1780 को हुआ गुजरांवाला के पास हुआ था ।जन्म का नाम बुध सिंह था। महाराजा रणजीत सिंह बचपन में चेचक में बाईं आंख खो बैठे थे। गुरुकुल गुजरावाला में इनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। लेकिन जब 10 वर्ष के […]
Category: इतिहास के पन्नों से
क्या गुर्जर एक विदेशी जाति है ?
भारत में एक भयानक षडयंत्र के अंतर्गत लेखकों का एक ऐसा वर्ग सक्रिय रहा है जो भारत की अनेकों जातियों को विदेशी सिद्ध करने का प्रयास करता रहता है । जबकि भारत की इतिहास परम्परा के ऐसे अनेकों स्पष्ट प्रमाण हैं कि भारत की लगभग सभी वे जातियां जो अपने आप को आर्यों की संतान […]
610 ई0 में इस्लाम की स्थापना मोहम्मद पैगंबर द्वारा की गई । 638ई0 से 712 ई0 तक के 73 वर्ष के कालखंड में 9 खलीफाओं ने 15 आक्रमण भारतवर्ष पर किए थे। मोहम्मद बिन कासिम इस्लाम के प्रारंभिक काल में उम्मयद खिलाफत का एक अरब सिपहसालार था। उसने 17 वर्ष की आयु में भारतीय उपमहाद्वीप […]
राणा उदयसिंह हमारे एक ऐसे इतिहास नायक हैं जिनके साथ अभी तक अन्याय ही होता रहा है । बहुत बहादुर , देशभक्त , वीर स्वतंत्रता सेनानी होने के उपरांत भी उन्हें इतिहास में वह स्थान नहीं मिला है जो उन्हें मिलना चाहिए था । वे मेवाड़ के राणा साँगा के पुत्र और महाराणा प्रताप के […]
अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व समर्पण करने वाले देशभक्तों से भारत का इतिहास पटा पड़ा है । यहां पर अनेकों ऐसे ‘दधीचि’ हुए हैं जिन्होंने समय आने पर सहर्ष अपनी अस्थियों का दान लोककल्याण और देश व धर्म की रक्षा के लिए कर दिया । ऐसे ही देशभक्तों में से एक हैं […]
वैदिक सृष्टि संवत के शुभ आगमन पर
आज प्रातः कालीन की बेला में आपको मेरा सादर नमस्कार व सुप्रभात । नव संवत्सर 2077 के शुभ अवसर पर आपके लिए आपके परिवार के लिए सभी इष्ट मित्र और बंधु बंधुओं के लिए बहुत-बहुत बधाइयां एवं शुभकामनाएं। जिस प्रकार से देश में और विश्व में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ा है इसमें आप और […]
सभी मतावलंबियों को एक मंच पर आकर देश के लिए काम करने का आवाहन करने वाले महर्षि पहले व्यक्ति थे 1857 की क्रांति के 20 वर्ष पश्चात दिल्ली में एक दरबार का आयोजन 1877 में किया गया। महर्षि दयानंद ने 1857 की क्रांति के समय रह गई चूकों को दूर करने के उद्देश्य से 1877 […]
1938 में हरिपुरा अधिवेशन के वार्षिक अधिवेशन के लिए सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था । हरिपुरा में कांग्रेस अधिवेशन के समय सुभाष बोस ने जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना की जिसके सदस्यों में बिङला,लाला श्रीराम, विश्वरैया शामिल थे। 1939 के त्रिपुरी कांग्रेस के वार्षिक […]
17 मार्च 1527 को हुए खानवा युद्ध के महानायक महाराणा संग्राम सिंह की स्मृति में एक बार राणा सांगा अपने प्राणों को संकट में फंसा देखकर भागे जा रहे थे । उनका जयमल से युद्ध हो रहा था। जयमल भी राणा का पीछा करता जा रहा था। वह पीछे पीछे था और राणा सांगा आगे […]
मुगल बादशाह बाबर के पश्चात उसका साम्राज्य कई भागों में विभक्त हो गया था। उसका एक लड़का कामरान था। जिसने अपनी राजधानी लाहौर और काबुल में बना रखी थी । उसने अपने शासनकाल में एक बार राजस्थान की ओर अपने साम्राज्य का विस्तार करने का विचार किया । इसके लिए कामरान ने एक विशाल सेना […]