भारत के प्रथम मंत्रिमंडल के सदस्य एन वी गाडगिल ने लिखा है :– ” 3 जून की घोषणा होते ही दिल्ली के समाचार पत्रों में अटकलें लगने लगीं । गपशप के अडडों पर भविष्यवाणी की जाने लगी कि स्वाधीन भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में कौन विराजमान होगा और कौन नहीं ? – प्रतिदिन गांधी जी […]
Category: इतिहास के पन्नों से
गुरु गोविंद सिंह जी और उनके सुपुत्रों का बलिदान पंजाब में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी के काल में ही हमारे चरितनायक बंदा वीर बैरागी जी का उद्भव हुआ । यही वह काल था जब परिस्थितियों ने एक संन्यासी को भी राष्ट्र के कार्य के लिए उठा लिया और उससे वह महान कार्य […]
भारतीय इतिहास को अत्यंत दुर्बल और कायर हिंदू जाति का इतिहास सिद्घ करने के लिए तथा यहां 1235 वर्ष तक चले स्वतंत्रता संघर्ष को उपेक्षित करने के लिए हमें भारतीय शासकों के विश्व विजयी अभियानों से अथवा उत्सवों से परिचित नही कराया जाता है। देश की महानता के मापदण्ड जब आप किसी जाति के इतिहास […]
देश में कुछ लोग हैं जिनको गांधी की आलोचना पचाये नहीं पचती । ऐसे सज्जनों की जानकारी के लिए बीबीसी की ओर से जारी की गई एक समीक्षा को हम यहां प्रेषित कर रहे हैं । जिसमें बीबीसी ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि गांधीजी ने शहीदे आजम भगत सिंह और उनके […]
आज हमारे एक महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता के परम उपासक शहीदे आजम भगत सिंह का जन्म दिवस है। 1907 में आज ही के दिन मां भारती का यह सच्चा सेवक जन्मा था । बचपन में ही इसकी वीरता सिर चढ़कर बोलने लगी थी । कहते हैं एक बार यह अपने पिताजी के साथ खेतों पर गए […]
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में ऐसे अनेकों परिवार हुए जिन्होंने एक से अधिक स्वतंत्रता सेनानी भारत को दिए । ऐसा ही एक परिवार गुजरात का था । जिससे एक नहीं दो प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भारत को मिले । जी ! यह परिवार सरदार पटेल जी का ही परिवार था । वह स्वयं तो एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता […]
पंजाब की गुरु परंपरा और बंदा वीर बैरागी जिस समय पंजाब में हमारे गुरुओं का आविर्भाव हुआ उस समय ईसाइयत और इस्लाम दोनों अपने-अपने अनुयायियों के बढ़ाने पर अधिक बल दे रहे थे । चारों ओर वह अपने मत के प्रचार – प्रसार में लगे हुए थे । इस्लाम ने अपने आप को बादशाही मजहब […]
भारत की मिट्टी की विशिष्टता और बंदा बैरागी स्वतंत्रता और भारती का संबंध गहन है बड़ा , स्वतंत्रता का संदेश विश्व ने भारत से है पढ़ा । उपदेश हमको आज जो दे रहे हैं संविधान का , अस्तित्व उनका भी हमारे वेद के कारण है खड़ा ।। विश्व को स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाने वाला भारत […]
जिस समय देश आजादी की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा था और देश का विभाजन अंग्रेज लगभग निश्चित करते जा रहे थे , उसी समय पाकिस्तान के विकल्प के रूप में गांधीजी ने एक अनोखा प्रस्ताव रखा । सार रूप में उन्होंने वायसराय को बताया कि —- ” आप वर्तमान मंत्रिमंडल को भंग कर […]
द्रोपदी महाभारत की एक आदर्श पात्र है। लेकिन द्रोपदी जैसी विदुषी नारी के साथ हमने बहुत अन्याय किया है। सुनी सुनाई बातों के आधार पर हमने उस पर कई ऐसे लांछन लगाये हैं , जिससे वह अत्यंत पथभ्रष्ट और धर्म भ्रष्ट नारी सिद्घ होती है। एक ओर धर्मराज युधिष्ठर जैसा परमज्ञानी उसका पति है, जिसके […]