अध्याय —– 8 पंजाब में आकर करने लगा पुरुषार्थ गुरु गोविंदसिंह जी और बंदा वीर बैरागी जो उस समय माधोदास के नाम से गोदावरी के तट पर अपना आसन लगाए पंचवटी में बैठे थे , की भेंट कैसे हुई ? – इस पर अपने विचार प्रकट करते हुए भाई परमानंद जी ने अपनी पुस्तक ‘ […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
25 दिसंबर 1861 को जन्मे पंडित मदन मोहन मालवीय जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक दैदीप्यमान नक्षत्र हैं । उन्होंने गांधी जी के साथ रहकर भी और गांधीजी से अलग होकर भी मुस्लिम तुष्टीकरण जैसी उनकी राष्ट्रघाती नीतियों का विरोध किया था । मालवीय जी से पहले स्वामी दयानंद जी ने सत्यार्थ – प्रकाश हिन्दी […]
” मैं तो आपका ही बंदा हूँ ” रंग चढ़ा उस देश का मस्ती का चढ़ा नूर । रब की मस्ती छा गई क्लेश भए सब दूर ।। लक्ष्मण देव से माधोदास बने बैरागी अब किसी दूसरे संसार में रहने लगे थे । इस संसार के भौतिक ऐश्वर्य अब उन्होंने त्याग दिए थे । अब […]
हमारे समाज में यह आम धारणा है कि रावण को रामचंद्र जी महाराज के द्वारा दशहरा के दिन मारा गया था । लोगों की यह भी धारणा है कि तभी से विजयदशमी का त्यौहार हमारे देश में मनाया जाना आरम्भ हुआ । परंतु बाल्मीकि रामायण के साक्ष्यों पर यदि विश्वास करें तो समाज की यह […]
आज हमारे पूज्य पिता श्री महाशय राजेंद्रसिंह आर्य जी की 108 वी जयंती है । इस अवसर पर मैं आपके लिए क्या लिखूं ? यह सोच रहा था । तब विचार आया कि क्यों ना आज इतिहास के एक महानायक भीष्म पितामह के विषय में कुछ लिखा जाए । उसी की परिणति है यह आलेख […]
आज क्रांतिकारियों के सिरमौर श्यामजी कृष्ण वर्मा की जयंती है । आज ही के दिन 1857 में , जो कि भारतीय इतिहास में क्रांति वर्ष के नाम से विख्यात है , हमारे इस क्रांति पुत्र का जन्म हुआ था । श्यामजी कृष्ण वर्मा ही हमारे वह क्रांति नायक हैं , जिनसे क्रांतिवीर सावरकर , मदन […]
———————————————– लक्ष्मण देव से बने बैरागी माधोदास क्रांतिकारी नेताओं को जन्म देने में भारत भूमि प्राचीन काल से ही उर्वरा भूमि के रूप में जानी जाती रही है । यहां पर ऋषियों ने भी क्रांति की है । जिन्होंने अपने अद्भुत आविष्कारों से संसार को चमत्कृत किया और उसको नए – नए आविष्कारों का लाभ […]
गॉधीजी ने भारत की एक राजनैतिक पार्टी कॉंग्रेस को अधिनायक की तरह २७ वर्ष तक चलाया। कॉंग्रेस के अध्यक्ष को एक रबर स्टाम्प का अध्यक्ष बना कर रख दिया। कॉंग्रेस अध्यक्ष हो या कॉंग्रेस कार्यकारिणी समिति का सदस्य हो ,उन सबको गॉधीजी ही तय करते थे। सिर्फ़ एक बार व्यतिक्रम टूटा,१९३९ में जब सुभाष चन्द्र […]
मुझे बड़ा अटपटा लगता है जब कोई व्यक्ति-ये कहता है कि भारत वर्ष 1300 वर्ष पराधीन रहा। कोई इस काल को एक हजार वर्ष कहता है, तो कोई नौ सौ या आठ सौ वर्ष कहता है। जब इसी बात को कोई नेता, कोई बुद्धिजीवी, प्रवचनकार या उपदेशक कहता है तो मेरी यह अटपटाहट छंटपटाहट में […]
भारत के प्रथम मंत्रिमंडल के सदस्य एन वी गाडगिल ने लिखा है :– ” 3 जून की घोषणा होते ही दिल्ली के समाचार पत्रों में अटकलें लगने लगीं । गपशप के अडडों पर भविष्यवाणी की जाने लगी कि स्वाधीन भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में कौन विराजमान होगा और कौन नहीं ? – प्रतिदिन गांधी जी […]