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हिंदू राष्ट्र स्वप्न द्रष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————–अध्याय —- 18तत्तखालसा और बंदा वीर बैरागीदिल्ली के मुगल राज्य सिंहासन पर फर्रूखसियर जब विराजमान हुआ तो उसने बादशाह बनते ही बंदा वीर बैरागी के विरुद्ध षड्यंत्रकारी नीतियों को प्रोत्साहित करना आरंभ कर दिया । बादशाह स्वयं भी बंदा वीर बैरागी को अपने लिए एक चुनौती मान रहा था । वह चाहता था कि जैसे […]

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हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

—————————————– अध्याय 17 मुगलिया शासन व्यवस्था और बंदा बैरागी धरती के फैले आंगन में पल दो पल है रात का डेरा, जुल्म का सीना चीर के देखो , झांक रहा है नया सवेरा , ढलता दिन मजबूर सही , चढ़ता सूरज मजबूर सही , रात के राही रुक मत जाना , सुबह की मंजिल दूर […]

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हमारी उपेक्षा का शिकार है मुगलों को 17 बार हराने वाले अहोम योद्धा

पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को कभी आसाम के नाम से ही जाना जाता था । हमारे देश की ये वह पवित्र धरती है जो विदेशियों की गुलामी में कभी नहीं रही , यदि अल्पकाल के लिए रहा भी तो उसे बहुत शीघ्र ही हमारे वीर योद्धाओं ने स्वतंत्र करा लिया । इस क्षेत्र में हमारे […]

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वीर सावरकर ने अंग्रेजों से माफी क्यों मांगी ?

डॉ विवेक आर्य वीर सावरकर पर राहुल गाँधी द्वारा पुन: बयान दिया गया है। पूर्व में मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी मांगने के नाम पर गद्दार तक कहा था। भारत देश […]

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जब जवाहरलाल नेहरू ने सरदार पटेल के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को किया था मना

सरदार पटेल की 15 दिसम्बर पुण्यतिथि है. मुंबई के बिड़ला हाउस में इसी दिन 1950 में सुबह नौ बजकर सैंतीस मिनट पर सरदार पटेल ने आखिरी सांस ली थी. महापुरुष दो प्रकार के होते हैं, कुछ की याद उनके निधन के बाद कम होने लगती है, जबकि कुछ की याद बढ़ती जाती है.’ लौहपुरुष सरदार […]

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विदुषी महिला भारती और आदि शंकराचार्य

भारत की ऐसी अनेकों नारियां हुई हैं जिन्होंने ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अपने वे वैदुष्य का परचम लहराया है । इन्हीं में से एक महान विदुषी भारती थीं । जो कि उस काल के परम विद्वान मंडन मिश्र की पत्नी थीं ।आदि शंकराचार्य एक ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने अपने समय में […]

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हिंदू राष्ट्र स्वपन द्रष्टा ; बंदा वीर बैरागी

—————————————– अध्याय 16 अवसर चूक गया बैरागी भाई परमानंद जी ने बंदा वीर बैरागी पर लिखते हुए कहा है : –” बंदा बैरागी यद्यपि साधु था फिर भी ऐसा जंगी नेता भारतवर्ष में कभी पहले न उत्पन्न हुआ था। उस दौर में कई वर्षों तक जहां कहीं भी युद्ध होता तो उसमें विजय प्राय: बंदा […]

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वीर बलिदानी गोरा की पत्नी का वह अद्भुत शौर्य

1303 ईस्वी में जब अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ के सुप्रसिद्ध किले पर आक्रमण किया तो उसके इस आक्रमण का लक्ष्य पद्मिनी को प्राप्त करना था। रानी पद्मिनी के रूप में भारत की अस्मिता की रक्षा करने के लिए उस समय अनेकों वीरों ने अपना बलिदान दिया । ऐसे ही एक बलिदानी गोरा थे। जिनका भतीजा […]

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जब वीर सावरकर ने मौलाना शौकत अली की कर दी थी बोलती बंद

सितंबर 1924 में सावरकर जी से मौलाना शौकत अली ने भेंट की थी । उसने अपने बौद्धिक चातुर्य का परिचय देते हुए पहले तो सावरकर जी की भरपूर प्रशंसा की , पर फिर धीरे से ‘ शुद्धि कार्य ‘ को बंद करने की बात कह दी । इस पर सावरकर जी ने उससे भी स्पष्ट […]

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1909 में पटियाला राजद्रोह के समय अंग्रेज सरकार का आर्य समाज और इसके अनुयायियों पर अत्याचार

================ पराधीनता के युग में अंग्रेज सरकार ने आर्यसमाज के प्रति कू्ररता का परिचय दिया था। इसके सदस्यों को अकारण परेशान किया जाता था। आर्यसमाजियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती थी और जो नौकरी में होते थे उन्हें नौकरी से किसी न किसी आरोप में निकाल दिया जाता था। वह आर्यसमाज के सत्संगों में भी […]

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