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इतिहास के पन्नों से

भारतीय संस्कृति में नारी का योगदान

नारी शब्द ही शक्तिस्वरूप है इसके अन्य पर्यायवाची स्त्री भामिनी कांता महिला आदि हैं। नारी के लिए सबसे अधिक प्रयोग में आने वाले शब्द स्त्री व महिला हैं। स्त्री शब्द स्त्यै धातु से बना है जिसका अर्थ है सिकुड़ना इकट्ठा करना सहेजना बनाना समेटना, वास्तव में यह सब स्त्री के स्वभाव में होते हैं। महिला […]

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आदि शंकराचार्य और महर्षि दयानंद

  (28 अप्रैल को आदि शंकराचार्य जयंती के उपलक्ष में प्रकाशित) डॉ विवेक आर्य आदि शंकराचार्य एवं स्वामी दयानन्द हमारे देश के इतिहास की दो सबसे महान विभूति है। दोनों ने अपने जीवन को धर्म रक्षा के लिए समर्पित किया था। दोनों का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और दोनों ने जातिवाद के […]

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भारत के सुप्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का गौरवशाली इतिहास

  सनातनी संस्कृति में परम महत्ता को प्राप्त 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग का नाम है- सोमनाथ। यह मंदिर भारतवर्ष के पश्चिमी छोर पर गुजरात राज्य में स्थित है ।यह मंदिर अपने ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण और दर्शनीय है ।यह गुजरात के वेरावल बंदरगाह में अवस्थित है। अत्यंत प्राचीन यह मंदिर […]

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भारत में इस्लामिक अत्याचारों की एक विस्मृत दास्तान

  डॉ विवेक आर्य हिन्दू समाज के साथ 1200 वर्षों से मजहब के नाम पर अत्याचार होता आया है। सबसे खेदजनक बात यह है कि कोई इस अत्याचार के बारे में हिन्दुओं को बताये तो हिन्दू खुद ही उसे ही गंभीरता से नहीं लेते क्यूंकि उन्हें सेकुलरता के नशे में रहने की आदत पड़ गई […]

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जब औरंगजेब की धर्मांधता पूर्ण नीतियों के विरुद्ध जाट समाज उठ खड़ा हुआ था

  -डॉ विवेक आर्य वीर शिवाजी के समान मथुरा की वीर गोकुल सिंह की विजय गाथा। सर यदुनाथ सरकार लिखते हैं – “मुसलमानों की धर्मान्धता पूर्ण नीति के फलस्वरूप मथुरा की पवित्र भूमि पर सदैव ही विशेष आघात होते रहे हैं. दिल्ली से आगरा जाने वाले राजमार्ग पर स्थित होने के कारण, मथुरा की ओर […]

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लेनिन और लेनिन की नीतियों पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है

(22 अप्रैल को 150 वें जन्म दिन पर) आज पूरे विश्व मे भगवदगीता का प्रकाशन होता है। आज भी भारत मे संत कबीर, संत रविदास, समर्थ गुरु रामदास, संत तिल्लुवल्लूवर, संत एकनाथ और संत नामदेव का नाम लिया जाता है। ये सब महात्मा झोपड़ी मे रहे परंतु इनके विचार आज भी हमे प्रकाशित करते हैं। […]

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संस्कृति रक्षक परमार शासकों के बारे में

परमार वंश के महाराज भर्तृहरि के छोटे भाई विक्रमादित्य थे। इन्हीं की 9 वीं पीढ़ी में राजा भोज परमार हुए दोनों के विषय में पूर्व में मेरे द्वारा लिखा जा चुका है । लेकिन परमार वंश के विषय में लिखने के पश्चात बहुत सारे विद्वान साथियों के टेलीफोन व संदेश आ रहे हैं कि परमारों […]

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रामायण में सीता जी की अग्नि परीक्षा

  रामायण महाकाव्य में सीता अग्निपरीक्षा एक विवादित प्रसंग के रूप में जाना जाता है। इस प्रसंग के अनुसार राम द्वारा रावण को युद्ध में हराने के पश्चात लंका में सीता को स्वीकार करने से पहले सीता की अग्निपरीक्षा ली। अग्नि में प्रवेश करने के पश्चात भी सीता का शरीर भस्म नहीं हुआ। इससे सीता […]

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द्रोपदी के पांच नहीं एक पति था

डॉ॰ राकेश कुमार आर्यमुख्य संपादक, उगता भारत

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जम्बूद्वीप – आर्यावर्त – भारतवर्ष – भारत या फिर अंग्रेजों का इंडिया…..क्या है इतिहास

इतिहास हमेशा विजित द्वारा लिखा जाता है और वह इतिहास नहीं विजित की गाथा होती है। भारत के साथ भी यही हुआ है पहले इस्लामिक आक्रमण और 800 वर्षों शासन और फिर अंग्रेज़ो के 200 वर्ष तक के शासन ने इस देश के इतिहास लेखन को इस तरह से प्रभावित किया कि आज भी लोगों […]

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