28 मई/जन्म-दिवस विनायक दामोदर सावरकर का जन्म ग्राम भगूर (जिला नासिक, महाराष्ट्र) में 28 मई, 1883 को हुआ था। छात्र जीवन में इन पर लोकमान्य तिलक के समाचार पत्र ‘केसरी’ का बहुत प्रभाव पड़ा। इन्होंने भी अपने जीवन का लक्ष्य देश की स्वतन्त्रता को बना लिया। 1905 में उन्होंने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आन्दोलन […]
Category: इतिहास के पन्नों से
#धर्मरक्षक_राजामान यह हिंदुओ का महातीर्थ द्वारिकाधीश मंदिर , द्वारिका है, पौराणिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण श्रीकृष्ण ने पौत्र ने करवाया था । 1472 ईस्वी में इस मंदिर पर महमूद बेगड़ा ने आक्रमण करके इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया ।। उसके बाद आमेर के राजा मानसिंहजी ने गुजरात पर आक्रमण कर गुजरात […]
पांडवों की इंद्रप्रस्थ अर्थात दिल्ली उनके पश्चात 7 बार बसी 7 बार उजड़ी… दिल्ली के उजड़ने में सनातन वैदिक धर्म हिंदू राजाओं का कोई योगदान नहीं था उसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार थे पश्चिम व मध्यम एशिया से आए जिहादी लुटेरे जिन में मोहम्मद गोरी तैमूर लंग कुतुबुद्दीन ऐबक अलाउद्दीन खिलजी जैसे नाम शामिल है.. […]
जिन्होंने इतिहास के उन पन्नो को पलटा है, जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे, तब उन्होंने आर्थिक सहायता के लिये अभ्यर्थना भारत से की | उन दिनों गुरुकुल कांगड़ी में २-३ अंग्रेजी अख़बार आते थे | स्वामी श्रद्धानंद ने उन अखबारों के आधार पर गांधीजी की सहायता करने […]
अयोध्या मे राम मन्दिर के निर्माण करते समय भूमि का समतलीकरण करते समय कुछ एतिहासिक अवशेष मिले हैं जो दोबारा फिर वामपंथी नकली इतिहासकारों के झूठ का पर्दाफाश कर रहे हैं। कुछ लोग आकाश मे सूरज देखकर भी रात बताते हैं। इसी तरह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के जफरयाब जिलानी इन भ्ग्नावशेष मिलने को भी […]
महाभारत के बारे में तथ्यों के विपरीत जाकर एक दन्तकथा यह भी प्रचलित की गई है कि जब युद्ध के अन्त में गदा युद्ध में भीम ने दुर्योधन का वध कर दिया तो उसके पश्चात मौत की अन्तिम घड़ियां गिन रहे दुर्योधन के पास अश्वत्थामा , कृपाचार्य और कृतवर्मा रात्रि में आए । तब दुर्योधन […]
प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक नत्थूराम गोडसे जी की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ (19 मई 1910 – 15 नवंबर 1949) 15 नवम्बर 1949 का वो काला दिन हुतात्मा नाथूराम विनायक गोडसे जी को फांसी दी गयी थी । सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने पर प्रकाशित की गयी है 60 साल तक भारत में प्रतिबंधित […]
हमारे देश में एक विशेष जमात यह राग अलाप रही है कि जिन्नाह अंग्रेजों से लड़े थे इसलिए महान थे। जबकि वीर सावरकर गद्दार थे क्यूंकि उन्होंने अंग्रेजों से माफ़ी मांगी थी। वैसे इन लोगों को यह नहीं मालूम कि जिन्नाह इस्लाम की मान्यताओं के विरुद्ध सारे कर्म करते थे। जैसे सूअर का मांस खाना, […]
कांग्रेसी और उनके चाटुकार लोग सावरकर जी पर बार-बार यह आरोप लगाते हैं कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी , जबकि अब यह इतिहास के तथ्यों से प्रमाणित हो चुका है कि उन्होंने माफी नहीं मांगी थी बल्कि गांधी जी के कहने से अपने विरुद्ध आए आदेश के विरुद्ध अपील की थी जिसमें उनके […]
हमारी हिंदू वीरांगनाओं ने अकबर जैसे क्रूर बादशाह के अनेकों अत्याचार झेले , परंतु उससे अपनी इज्जत का सौदा नहीं किया । यहां पर हम अपनी एक ऐसी ही वीरांगना बहन का उल्लेख कर रहे हैं आशा करते हैं कि आज की बेटियों को यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए । अकबर प्रति वर्ष दिल्ली में […]