पाकिस्तान के दवाब में नेहरु ने मुसलमानों को फुल फ्लैश आरक्षण देने पूरा प्लान तैयार कर लिया था ! नेहरु मुसलमानों को नौकरियों के साथ-साथ चुनावों में भी आरक्षण देने का ब्लू प्रिंट तैयार कर चुके थे ! नेहरु का मुस्लिम चुनावी आरक्षण का प्लान ये था कि – इस देश में कई मुस्लिम सीट […]
Category: इतिहास के पन्नों से
आम चुनाव 2024 का चुनाव प्रचार इस समय अपने पीक पर है। राजनीति में और विशेष रूप से लोकतंत्र में सत्ता प्राप्त करना प्रत्येक राजनीतिक दल का अधिकार है। पर इसके लिए उसे कुछ लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन भी करना पड़ता है। इस समय राजनीतिक दलों में एक दूसरे को नीचा दिखाने और नीचा गिराने […]
कु०मायावती पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा 1 मई 1997 को मेरठ में मई दिवस के अवसर पर नये जनपद गौतम बुध नगर के सृजन पर देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट ,अध्यक्ष उगता भारत समाचार पत्र के विचार। कुमारी मायावती जिंदाबाद, नए जिले की दी सौगात। समस्त जनपद वासियों को जनपद स्थापना दिवस की एवं समस्त मजदूर भाइयों को […]
सफल गुप्तचर हनुमान*
(बद्री नारायण तिवारी-विभूति फीचर्स) यदि बिना अस्त्र-शस्त्र के प्रयोग, बिना युद्ध किए अपना लक्ष्य मिल जाये तो शक्ति का प्रयोग नहीं करना चाहिये और यदि बिना युद्ध किये अभीष्ट नहीं मिलता तब भी शत्रु से वार्ता करनी चाहिये ताकि जब बल का प्रयोग हो तो जनमत का समर्थन अपनी ओर हो जाये। इसी नीति को […]
शिवाजी का चरित्र शिवाजी के भीतर भारतीय संस्कृति के महान संस्कार कूट-कूट कर भरे थे । वह सदैव अपने माता – पिता और गुरु के प्रति श्रद्धालु और सेवाभावी बने रहे । उन्होंने कभी भी अपनी माता की किसी आज्ञा का उल्लंघन नहीं किया और पिता के विरुद्ध पर्याप्त विपरीत परिस्थितियों के होने के उपरांत […]
दसों गुरू और भक्त जन जिनकी वाणी गुरू ग्रन्थ साहब में दर्ज है, मांस शराब आदि के सेवन को महापाप मानते थे। आइये हम सभी जन गुरु की शिक्षाओं पर चलते हुए अपने जीवन में मद्य मांसादि का सेवन कदापि न करने का संकल्प लें जिससे कि इस पर्व को मनाना वास्तव में सार्थक हो […]
हनुमान जयंती* (पंडित विशाल दयानंद शास्त्री -विभूति फीचर्स) हनुमान जयंती भारत में हर साल, हनुमान जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। भारतीय हिन्दी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल चैत्र पूर्णिमा को(चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में 15वें दिन) मनाया जाता है। महाराष्ट्र में, यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र […]
डॉ राकेश कुमार आर्य सन 1674 तक शिवाजी अधिकांश प्रांतों या क्षेत्रों पर अपना अधिकार स्थापित कर चुके थे जो उन्हें पुरंदर की संधि के अंतर्गत मुगलों को देने पड़े थे । अतः अब वह अपने आपको राजा घोषित कराने की तैयारी करने लगे थे । उधर मुगलों ने जब शिवाजी महाराज के उद्देश्यों को समझा […]
(मनोज कुमार श्रीवास्तव – विनायक फीचर्स) हनुमान को सबसे पहले ‘बल’ के गुण के साथ याद किया गया जबकि राम को शांति के गुण के साथ याद किया गया। यह किसी किस्म का कंट्रास्ट नहीं है, सेवक का ‘बल’ सेव्य की शांति का कारण है। बल एक ऐसा तथ्य नहीं है जिसकी उपेक्षा की जाए। […]
* कई इतिहासकार अफगानिस्तान में हिंदू धर्म या वैदिक धर्म की मान्यताओं की स्थापना के काल को लेकर प्रश्न करते हैं कि यह वहाँ पर कब आरंभ हुआ ? फिर अपने इस प्रश्न का अपने आप ही वह उत्तर देते हैं कि इसकी कोई तिथि निश्चित नहीं है, ना ही कोई काल निश्चित है कि […]