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इतिहास के पन्नों से

पराधीनता की भव्य निशानी अंग्रेजों द्वारा निर्मित नोएडा ‘विक्टरी पिलर’ कब ध्वस्त होगा ?

लेखक – आर्य सागर  सन 1802 आते आते अंग्रेजों का शासन बंगाल अवध फर्रुखाबाद हैदराबाद मेसूर में स्थापित हो गया। दिल्ली आगरा उनकी पहुंच से फिर भी बहुत दूर था। अंग्रेजों को सर्वाधिक परेशानियां इसी हिस्से पर कब्जे को लेकर आयी थी। कारण सीधा था गुर्जर जाट अहीर सैनी जैसी कृषक लेकिन युद्ध कौशल में […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हिंदुत्व के व्यापक विरोध के कारण गजनवी 10 प्रतिशत भारत भी नहीं जीत पाया था

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास (अध्याय – 4) डॉ० राकेश कुमार आर्य पाठक वृंद ! हमारी इतिहास संबंधी यह शोधपरक श्रृंखला पिछले कई वर्ष से निरंतर प्रकाशित होती रही है। जिसे पाठकों की बहुत अधिक प्रशंसा प्राप्त हुई है। इस श्रृंखला में प्रकाशित हुए सभी लेखों को हमने ‘ भारत के 1235 […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

सत्यार्थ प्रकाश में वर्णित आर्य राजाओं की वंशावली में दोष है

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग – 1  (वे थमें नहीं, हम थके नहीं) अध्याय – 3 डॉ राकेश कुमार आर्य महर्षि दयानंद जी महाराज ने अपने अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश के ग्यारहें समुल्लास में आर्य राजाओं की वंशावली दी है। जिसे हम यहां यथावत देकर तब उस पर विचार करेंगे कि […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय -16

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से .. (अध्याय -16 ) डॉ राकेश कुमार आर्य भारत में मांसाहार और नारी का सम्मान वैदिक संस्कृति के प्रति पूर्णतया उपेक्षित भाव रखने वाले नेहरू जी अपनी उक्त पुस्तक द डिस्कवरी ऑफ इंडिया के पृष्ठ 128 पर लिखते हैं कि- “शिकार एक बाकायदा […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

‘संस्कृति नाशकों’ के विरुद्ध हिन्दू राजवंशों का ‘राष्ट्रीय संकल्प’ 

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास (भाग-1) वे थमे नहीं, हम थके नहीं अध्याय – 2 डाँ० राकेश कुमार आर्य हिंदू शक्ति के बिखराव के इस काल को यद्यपि हम अच्छा नहीं मानते, पर फिर भी इस काल में विदेशी ‘संस्कृति नाशक’ इस्लामिक आक्रांताओं को देश में न घुसने देने का ‘राष्ट्रीय संकल्प’ […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत में प्रक्षिप्त (मिलावट) है, एकलव्य का कथानक

लेखक – आर्य सागर वैदिक कालीन गुण कर्म स्वभाव पर आधारित श्रेष्ठ सामाजिक वर्ण आश्रम व्यवस्था पर भारतीय वामपंथी व मूल निवासी गैंग का एक चिर परिचित विधवा विलाप 20वीं सदी से ही चल रहा है विशेष तौर पर महाभारत ग्रंथ को लेकर। तथाकथित समतावादी वामपंथी दुराग्रही ढीठ मानसिकता का परिचय भारतीय ऐतिहासिक महाकाव्य रामायण […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय – 15

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) अध्याय – 15 महाकाव्य और खयाली इतिहास डॉ राकेश कुमार आर्य हम सभी जानते हैं कि जिस समय राम मंदिर आंदोलन चल रहा था और राम जन्मभूमि का मामला न्यायालय में भी विचाराधीन था तो उस समय कांग्रेस ने किस प्रकार रामायण और राम को […]

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इतिहास के पन्नों से

जालियाँवाला बाग हत्याकांड की कहानी

डॉ विवेक आर्य जालियाँवाला बाग हत्याकांड (Jalianwala Bagh Massacre) की कहानी सुनते ही आज भी हर भारतीय की रूह कांप जाती है। यह ऐसा बर्बर हत्याकांड अंग्रेजों ने हम भारतीयों पर किया था। जिसकी निंदा आज तक की जाती है। अंग्रेजों के द्वारा किये गए इस बर्बर हत्याकांड के लिए आज भी ब्रिटेन के उच्च […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 14)

डॉ राकेश कुमार आर्य इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) अध्याय – 14 तब था धरती पर अंधकार नेहरू जी द डिस्कवरी ऑफ इंडिया अर्थात हिंदुस्तान की कहानी नामक अपनी पुस्तक के पृष्ठ 101 पर मैक्स मूलर के इस कथन को भारत के संदर्भ में बड़े गर्व के साथ लिखते हैं […]

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इतिहास के पन्नों से

कम्युनिज्म (साम्यवाद) का काला इतिहास

लेखक : डॉ. शंकर शरण रूस में 25 अक्तूबर (या 7 नवंबर) 1917 की घटना को पहले अक्तूबर या नवंबर क्रांति कहा जाता था, लेकिन 1991 में कम्युनिज्म के विघटन के बाद स्वयं रूसी उसे ‘कम्युनिस्ट पुत्स्च’ यानी “तख्तापलट” कहने लगे, जो वह वास्तव में था। उस दिन सेंट पीटर्सबर्ग में ब्लादिमीर लेनिन के पागलपन […]

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