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इतिहास के पन्नों से

चक्रवर्ती सम्राट कनिष्क गुर्जर वंश से थे – भाग 1

कुषाण (कसाना) राजवंश 25 ई. से 380 ई. तक यह न केवल गुर्जर जाति का बल्कि भारतीय इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण राजवंश है। इस वंश के कई सम्राट हुए हैं लेकिन यदि अकेले कनिष्क सम्राट की ही बात करें तो उनका साम्राज्य दक्षिणी चीन और रूस से लेकर वर्तमान उत्तरी भारत तक पर उसका अखंड […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास

आत्मगौरव और स्वतंत्रता के भाव से पूरित विभिन्न हिन्दू राजवंश- अध्याय-1

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग – 426 वे थमें नहीं, हम थके नहीं डॉ राकेश कुमार आर्य स्वामी विवेकानंद और योगी अरविंद का मत रहा है कि भारत की शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य अपने देश की विरासत की आध्यात्मिक महानता पर बल देना और उसे बनाए रखने के लिए हमारे दायित्व […]

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इतिहास के पन्नों से

मुगल वंश के पतन के कुछ अज्ञात कारण

मुगल साम्राज्य का पतन कोई संयोग नहीं था, बल्कि यह चार अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में हिंदू वीरों द्वारा छेड़े गए प्रतिरोध का संगठित परिणाम था। जब औरंगज़ेब ने भारत के इस्लामीकरण की योजना बनाई और अपनी सैन्य शक्ति के बल पर हिंदू सभ्यता को मिटाने की कोशिश की, तब उसे चार दिशाओं से जबरदस्त टकराव […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 08)

भारत की स्थापत्य कला पर नेहरू जी के विचार (अध्याय – 08) डॉ राकेश कुमार आर्य हिंदुस्तान की खोज के चौथे अध्याय में नेहरू जी सिंध घाटी की सभ्यता से अपनी बात को आरंभ करते हैं। वह कहते हैं कि- ” हिंदुस्तान के गुजरे हुए जमाने की सबसे पहली तस्वीर हमें सिंध घाटी की सभ्यता […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय 7)

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी)  पुस्तक से अध्याय 7 विदेशी मजहब वालों का भारतीयकरण डॉ राकेश कुमार आर्य भारत के अतीत का वर्णन करते हुए नेहरू जी हिंदुस्तान की कहानी नामक अपनी पुस्तक के पृष्ठ 70 पर लिखते हैं कि- “एक हिंदुस्तानी अपने को हिंदुस्तान के किसी भी हिस्से में […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरु – अध्याय 6

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरु (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से .. नेहरू जी की भाषाशैली और भारत माता संबंधी ज्ञान डॉ राकेश कुमार आर्य हिंदू और हिंदुस्तान की जानकारी देते हुए वीर सावरकर जी अपनी पुस्तक हिंदुत्व में लिखते हैं कि- “कश्मीर से कन्याकुमारी तक का तथा अटक से कटक पर्यंत का प्रदेश […]

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इतिहास के पन्नों से

अकबर को जब वीर हिन्दू रमणी किरण देवी ने सबक सिखाया था

डॉ विवेक आर्य अकबर घोर विलासी, अय्याश बादशाह था। वह एक ओर हिन्दुओं को मायाजाल में फंसाने के लिए “दीने इलाही” के नाम पर माथे पर तिलक लगाकर अपने को सहिष्णु दिखाता था, दूसरी ओर सुन्दर हिन्दू युवतियों को अपनी यौनेच्छा का शिकार बनाने की जुगत में रहता था। दिल्ली में वह “मीना बाजार” लगवाता […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय 5)

( डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी ) यूरोप के तकनीकी ज्ञान की प्रशंसा – (अध्याय 5) डॉ0 राकेश कुमार आर्य प्रा चीन काल में भारत का वैदिक धर्म सर्वत्र सारे भूमंडल पर छाया हुआ था। येद ज्ञान के सूर्य की किरणें सर्वत्र अपना प्रकाश फैलाती थीं। भारत के ऋषियों के उपदेश संपूर्ण विश्व के लोगों […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू – अध्याय -4

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू ( डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया की डिस्कवरी ) भारत के अतीत का विशाल दृश्य डॉ राकेश कुमार आर्य हिंदुस्तान की कहानी में “हिंदुस्तान के अतीत का विशाल दृश्य” नामक अध्याय के शीर्षक को पढ़ने से लगता है कि नेहरू जी अपनी इस पुस्तक में रामायणकालीन, महाभारतकालीन और इस बीच या उसके […]

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इतिहास के पन्नों से

जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब की हिंदू नीति – भाग- 2

मज़हब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना पुस्तक से .. डॉ राकेश कुमार आर्य शाहजहाँ ने रख लिया था अपना नाम द्वितीय तैमूर शाहजहाँ ने अपना नाम द्वितीय तैमूर भी रख लिया था। इसके पीछे उसका कारण केवल यही था कि वह तैमूर की क्रूरता व निर्दयता को अपना आदर्श मानता था और […]

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