————————————————————— मेवाड़ और मारवाड के बीच स्थायी सीमा निर्धारण महाराणा कुम्भा और जोधा के वक़्त हुआ. पर इसके पीछे की कहानी बहुत रोचक है. सीमा तय करने के लिए जोधा और कुम्भा के मध्य संधि हुई. “जहाँ बबूल वहाँ मारवाड और जहाँ आम-आंवला वह मेवाड़” की तर्ज पर सीमा निर्धारण था. क्या था बबूल और […]
Category: इतिहास के पन्नों से
आर्य समाज के इतिहास में १९०९ के पटियाला अभियोग की अपनी ही महता हैं। आर्यों के तप, बलिदान और त्याग की परीक्षा पटियाला अभियोग के समय हुई थी जिसमें सोने के समान आचरण वाले आर्य कुंदन बनकर निकले थे, जिसमे महात्मा मुंशीराम ने अपने विरोधियों के भी दिल जीत लिए थे। पटियाला अभियोग के समान […]
लगभग 1000 वर्ष पूर्व और 1000 वर्ष बाद कौन सी तारीख को , कितने बज कर कितने बजे तक ( घड़ी , पल , विपल ) कैसा सूर्यग्रहण या चन्द्र ग्रहण लगेगा या होगा , यह हमारा ज्योतिष विज्ञान बिना किसी अरबों खरबों का संयत्र उपयोग में लाये हुए बता देता है ! क्या कभी […]
प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक ———————————————————- जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया में अनेक हिन्दूवादियों ने जमकर नेहरू-निंदा की। नेहरू के हानिकर कामों से लेकर उनके निजी अवगुणों तक की खबर ली। निस्संदेह, तथ्यों की दृष्टि से अधिकांश आलोचनाएं सही है। मगर दो चीज अखरने वाली है, जो देश के लिए स्वास्थकर नहीं […]
प्रवीण गुगनानी हाल ही मे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संविधान के अनुच्छेद 30 के औचित्य पर प्रश्न उठाया है। इसके जवाब मे आलोचकों व विरोधियों ने अपनी प्रवृत्ति के अनूरूप ही विजयवर्गीय पर राजनीति मे धर्म के उपयोग के आरोपों की झड़ी लगा दी है। इस समय मे गांधी जी का विचार […]
भारत के साथ व्यापार करने वाली ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसम्बर 1600ईस्वी में हुई थी। इसे कभी कभी जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये 21 वर्षों तक की छूट दे दी थी । भारत की राजनीतिक परिस्थितियों […]
प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक —————————————————- नमस्ते मित्रो ! आप सभी ने एनसीईआरटी या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिलेबस की किताबो में इतिहास अवश्य पढा होगा , जिसमे एनशियन्ट , मिडिल , मोर्डन करके बांटा गया , उसमे भी Pre , Post क्लासिफाइड हिस्ट्री पढ़ी होगी । वैसे तो एनशियन्ट हिस्ट्री पक्षपातपूर्ण रूप […]
डॉ विवेक आर्य कृष्ण जी को अपमानित करने वाले भजन 1-छलिया का वेश बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया। 2- पत्थर की राधा प्यारी, पत्थर के श्याम बिहारी पत्थर से पत्थर टकराकर पैदा होती चिंगारी। 3- एक दिन वो भोले भण्डारी बन के बृज नारी गोकुल मे आ गए है। इसी तरह के अनेक भजन हैं […]
(28 मई को सावरकर जयन्ती पर प्रचारित) डॉ विवेक आर्य जीवन भर जिन्होंने अंग्रेजों की यातनाये सही मृत्यु के बाद उनका ऐसा अपमान करने का प्रयास किया गया। उनका विरोध करने वालों में कुछ दलित वर्ग की राजनीती करने वाले नेता भी थे। जिन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वकांशा को पूरा करने के लिए उनका विरोध किया […]
29 मई/बलिदान-दिवस 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वतन्त्र कर दिया; पर इसके साथ ही वे यहाँ की सभी रियासतों, राजे-रजवाड़ों को यह स्वतन्त्रता भी दे गये, कि वे अपनी इच्छानुसार भारत या पाकिस्तान में जा सकती हैं। देश की सभी रियासतें भारत में मिल गयीं; पर जूनागढ़ और भाग्यनगर (हैदराबाद) टेढ़ी-तिरछी हो […]