06 दिसम्बर 2017 को बीबीसी ने एक लेख ‘औरंगजेब और मुगलों की तारीफ क्यों करते थे- महात्मा गांधी’ – शीर्षक से प्रकाशित किया। इस लेख में बीबीसी ने बताया कि गांधी जी के औरंगजेब और मुगल शासकों के प्रति बहुत ही नेक विचार थे। वह उनके धर्मनिरपेक्ष विचारों के प्रशंसक थे और यह भी मानते […]
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************************* महाकवि कालिदास रचित महाकाव्य “रघुवंशम्” अद्भुत ग्रंथ है, इक्ष्वाकुवंशी राजाओं के वृत्त को जिस सुन्दरता से कालिदास ने गाया है वैसा अन्यत्र नहीं मिलता. इस महाकाव्य के षोडशवें सर्ग में राम और उनके भाइयों के पुत्रों का वर्णन है. राम ने अपने बड़े बेटे कुश को “कुशावती” नामक राज्य सौंपा था. रघुवंश के सभी […]
डॉ विवेक आर्य बचपन में हमें अपने पाठयक्रम में पढ़ाया जाता रहा है कि रक्षाबंधन के त्योहार पर बहने अपने भाई को राखी बांध कर उनकी लम्बी आयु की कामना करती है। रक्षा बंधन का सबसे प्रचलित उदाहरण चित्तोड़ की रानी कर्णावती और मुगल बादशाह हुमायूँ का दिया जाता है। कहा जाता है कि जब […]
गोधरा : जब दंगाइयों ने साबरमती एक्सप्रेस, कोच एस-6 को आग लगा दी थी गोधरा में 27 फरवरी 2002 की सुबह साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 को जला दिया गया। इस ट्रेन के कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मृत्यु हो गई। ये कारसेवक अयोध्या से विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित पूर्णाहुति महायज्ञ में भाग […]
ओ३म् ========== हैदराबाद आजादी से पूर्व एक मुस्लिम रियासत बन गई थी। यहां हिन्दुओं को अपने धर्म का पालन व प्रचार करने पर नाना प्रकार के प्रतिबन्ध लगा दिये गये थे। जैसा पाकिस्तान में विगत 70 वर्षों में हुआ है, ऐसा ही कुछ यहां होता था। आर्यसमाज को भी यहां वैदिक धर्म का प्रचार करने […]
१८५७ के बाद जब कूका विद्रोह हुआ तो अंग्रेजों ने भारतीयों में ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध भविष्य में फिर कभी विद्रोह नही उपजे इस निमित्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। कालांतर में इस संगठन में दो तरह के विचार बलवान हो गए। एक नरम दल कहलाया जिसके नेता बाल कृष्ण गोखले थे। नरम दल […]
पाक हमले के दौरान 18 मार्च 1948 को निर्णय हुआ कि दुश्मन पर दबाव रखने के लिए बार वाली रिज, तथा राजोरी पर कब्जा जमाया जाए ।इस काम को राजौरी नौशेरा मार्ग का साफ होना बहुत जरूरी था। 8 अप्रैल 1948 को यह काम मुंबई इंजीनियर्स के सेकंड लेफ्टनंट राम राघोबा राणे को सौंपा गया। […]
‘रामचरितमानस’ के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं क्योंकि अंग्रेजी साहित्य में जो स्थान शेक्सपियर का है और संस्कृत में कालिदास का, वही स्थान उनका खरी बोली में है। उनका जन्म श्रवण महीने में शुक्ल पक्ष के सप्तमी को हुआ था। माना जाता है कि वो मुग़ल बादशाह अकबर के सामानांतर […]
– *विनोद बंसल*ईस्वी सन् 1528 से लेकर आज तक भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ने असंख्य उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक ओर उसने वह असहनीय दर्द सहा जब भव्य तथा विशाल मंदिर को धूल धूसरित कर अपने सत्ता मद में चूर एक विदेशी आक्रान्ता ने भारत की आस्था को कुचलकर देश के स्वाभिमान की नृशंस ह्त्या का […]
ओ३म् ‘मालाबार में मोपला हिंसा में पीड़ित हिन्दू बन्धुओं की रक्षा एवं पुनर्वास का आर्यसमाज का स्वर्णिम इतिहास’ =========== देश के इतिहास में सन् 1921 में केरल के मालाबार में एक गांव में मोपलाओं ने हिन्दू जनता पर अमानवीय क्रूर हिंसा की थी। इस पर अंग्रेजों को तो कोई आपत्ति नहीं थी न उन्होंने इसके […]