………………….. 7 अक्तूबर/जन्म-दिवस क्रान्तिकारी दुर्गा भाभी भारत के क्रान्तिकारी इतिहास में पुरुषों का इतिहास तो अतुलनीय है ही; पर कुछ वीर महिलाएँ भी हुई हैं, जिन्होंने अपने साथ अपने परिवार को भी दाँव पर लगाकर मातृभूमि को स्वतन्त्र कराने के लिए संघर्ष किया। दुर्गा भाभी ऐसी ही एक महान् विभूति थीं। दुर्गादेवी का जन्म प्रयाग […]
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दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह किसी पहचान के मोहताज नहीं थे. ब्रिटिश शासन काल में भी महाराज काफी लोकप्रिय थे. यही कारण है कि तब अंग्रेजी शासन में भी महाराज के रियासत को देखते उन्हें ब्रिटिश हुकूमत की ओर से महाराजाधिराज की उपाधि दी गई थी. तभी से महाराजा को महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कहने की परंपरा शुरू […]
7 अक्तूबर राज्यारोहण-दिवस अपने शौर्य से इतिहास की धारा मोड़ने वाले वीर हेमू का जन्म दो अक्तूबर, 1501 (विजयादशमी) को ग्राम मछेरी (अलवर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता राय पूरणमल पहले पुरोहित थे; पर फिर वे रिवाड़ी (हरियाणा) आकर नमक और बारूद में प्रयुक्त होने वाले शोरे का व्यापार करने लगे। हेमू ने यहां […]
सरकार ने दी थी गांधी जी को घूस गाँधी जी यह प्रतिपादित करते हैं कि जब-जब हिंसा का प्रयोग हुआ है तब-तब सैनिक खर्च बढ़ा है। यदि उनका मन्तव्य क्रान्तिकारियों की पिछली 25 वर्षों की गतिविधियों से है तो हम उनके वक्तव्यों को चुनौती देते हैं कि वे अपने इस कथन को तथ्य और आँकड़ों […]
इतिहास का भ्रम वास्तव में यह बहुत ही दुखद तथ्य है कि कांग्रेस के लोग हमारे क्रान्तिकारियों को अपने भाषणों में गाली-गलौज तक किया करते थे । इसके उपरान्त भी वर्तमान प्रचलित इतिहास में कुछ इस प्रकार का भ्रम पैदा करने का प्रयास किया गया है कि जैसे कांग्रेस के लोग क्रान्तिकारियों के प्रति वैमनस्य […]
देश को आजादी केवल क्रान्ति से मिलेगी पत्र में आगे लिखा था :– ” क्रान्तिकारियो का विश्वास है कि देश को क्रान्ति से ही स्वतन्त्रता मिलेगी। वे जिस क्रान्ति के लिए प्रयत्नशील हैं और जिस क्रान्ति का रूप उनके सामने स्पष्ट है, उसका अर्थ केवल यह नहीं है कि विदेशी शासकों तथा उनके पिट्ठुओं से […]
( मित्र गण ध्यान दें , यहाँ केवल संकेत हैं . पुस्तक में विस्तार होगा यद्यपि वह भी संक्षेप ही होगा क्योंकि वैसे तो कई हज़ार पन्ने हो जायेंगे और लोग पढ़ते नहीं ) ६१..एक बार दुहरा लें : क . कम्पनी के मामूली लोग व्यापार की सेवा के लिए आये और हिन्दू मुस्लिम लड़ाइयों […]
23 दिसम्बर 1929 को वायसराय की स्पेशल ट्रेन उड़ाने का जो प्रयास हमारे क्रान्तिकारियों के द्वारा किया गया था , उसकी कांग्रेस द्वारा निन्दा की गई थी और कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पास कर उसे वायसराय की सहानुभूति बटोरने के लिए उसके पास भी भेजा था । इस पत्र का शुभारम्भ कांग्रेस के इस निन्दनीय […]
५१ . 1858 के बाद कई भारतीयों को पटाकर अंग्रेज शासक वर्ग चलने लगा . ५२ . पहले के राममोहन रे (कहाँ के राजा ,कहाँ के जोगी,कंपनी के नौकर )आदि ने सेवा कर पृष्ठ भूमि बना ही दी थी .सब कुछ्प्रेम और कपट चाल साथ साथ चल रहा था ५३ . देशी राज्य भारतीय परंपरा […]
इतिहास पर गांधीवाद की छाया , -अध्याय – 8 ‘बम का दर्शन’ और हमारा इतिहास 26 जनवरी 1930 ई0 का दिन कांग्रेस के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में अंकित है । क्योंकि इसी दिन पंजाब में रावी नदी के किनारे कांग्रेस के अध्यक्ष पंडित नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने झण्डा फहराकर […]