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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिन्दी में विज्ञान लेखक प्रोफेसर महेश चरण सिन्हा

6 नवम्बर/जन्म-दिवस हिन्दी में सर्वप्रथम विज्ञान संबंधी लेख एवं पुस्तकें लिखने वाले प्रो. महेश चरण सिन्हा का जन्म छह नवम्बर, 1882 को लखनऊ (उ.प्र.) में हुआ था। लखनऊ के बाद उन्होंने प्रयाग से बी.ए. और कानून की शिक्षा पाई। एक बार जापान के सिन्धी सेठ आसूमल द्वारा जापान में तकनीकी शिक्षा पाने वाले भारतीय छात्रों […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत की अनसुनी कहानियां, भाग- 2

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ महाभारत की ही एक दूसरी अनसुनी कहानी “व्याध गीता” की कहानी है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो ये कहानी बहुत ज्यादा “अनसुनी” भी नहीं कही जानी चाहिए क्योंकि इस कहानी का जिक्र स्वामी विवेकानन्द ने विस्तार से किया है। अगर विवेकानन्द समग्र ना भी पढ़ा हो तो स्वामी विवेकानन्द के “कर्म योग” की […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय — 13 (2)

गांधी जी का धर्म और उनकी मान्यताएं वास्तव में गांधीजी का हिन्दू और हिन्दू दर्शन से कोई संबंध नहीं था । उनका धर्म वह था जिसे वह स्वयं अपने लिए उचित मानते थे । उनकी नैतिकता , उनकी आध्यात्मिकता , उनकी ईश्वरभक्ति भी अपनी मान्यताओं , अपनी धारणाओं ,अपनी सोच और अपनी परिभाषा से तय […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी और गांधीवादियों का दोगला चरित्र : जब मुस्लिम बने अब्दुल्ला अर्थात गांधी के बेटे हरिलाल ने अपनी ही बेटी मनु का किया था यौन शोषण

  सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट घूम रहा है, किसी ने हमें चेक करने के लिए भेजा तो ये न्यूज क्लिपिंग मिली है…इस वायरल को गंभीरता से देखने पर महात्मा गाँधी की तुष्टिकरण नीति के साथ-साथ दोगली नीति भी उजागर हो रही है। ये वायरल पोस्ट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बड़े बेटे हरिलाल से संबंधित है। […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत की अनसुनी कहानियां ,भाग – 1

~~~~~ अक्सर जब महाभारत की अनसुनी कहानियों की बात होती है तो कर्ण का जिक्र छिड़ जाता है। कर्ण की कहानी को आधार मानकर “कलयुग” और “राजनीति” जैसी हिन्दी फ़िल्में तो बनी ही हैं, दक्षिणी भारत में भी “थलपति” (दलपति) जैसी फ़िल्में जाने-माने निर्देशकों ने रजनीकांत जैसे कलाकारों को लेकर बनाई हैं। साहित्य में “रश्मिरथी” […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत के अंतिम हिंदू सम्राट महाराजा रणजीत सिंह

2 नवम्बर/जन्म-दिवस   अठारहवीं शती के पंजाब में सिखों की शुकरचकिया मिसल (छोटी रियासत) के उत्तराधिकारी के रूप में दो नवम्बर 1780 को गुजराँवाला मे जन्मे रणजीत सिंह ने अपने शौर्य, पराक्रम, सूझबूझ और कूटनीति से सिख राज्य की सीमाएँ अटक, पेशावर, काबुल और जमरूद तक पहुँचा दी थीं। रणजीत सिंह के पिता का नाम […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

दूर दूर तक फैली थी आर्य संस्कृति

  भारत में पश्चिम की ओर सबसे प्रथम अफरीदी काबुली और बलूची देश आते हैं । इन देशों में इस्लाम के प्रचार के पूर्व आर्य ही निवास करते थे । यहीं पर गांधार था। गांधार को इस समय कंधार कहते हैं। जिसका अपभ्रंश कंदार और खंदार भी है। इसी के पास राजा गजसिंह का बसाया […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के परमाणु कार्यक्रमों के प्रणेता डॉ होमी जहांगीर भाभा

30 अक्तूबर/जन्म-दिवस विश्व में परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में भारत का भी नाम है। इसका श्रेय प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. होमी जहाँगीर भाभा को जाता है। वे सामरिक और शान्तिपूर्ण कार्यों में इसकी उपयोगिता को समझते थे। उनका जन्म 30 अक्तूबर, 1909 को मुम्बई के एक प्रतिष्ठित पारसी परिवार में हुआ था। बचपन से इनकी बुद्धि […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल

31 अक्तूबर/जन्म-दिवस   15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया; पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गये। उन्होंने भारत के 600 से भी अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतन्त्रता दे दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गये; […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया , अध्याय – 13 ( 1)

  गांधीजी का हिंदुत्व हिन्दुत्व के विषय में यह सत्य है कि यह कभी भी उन्मादी ,उग्रवादी , उत्पाती और दूसरों के जीवन के प्रति हिंसक नहीं हो सकता , परन्तु इसके उपरान्त भी हिंदुत्व कभी भी दूसरों के आतंक , अत्याचार, उग्रवाद और उन्माद को मौन रहकर सहने के लिए भी हमसे नहीं कह […]

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