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इतिहास के पन्नों से

आज के दिन दिया था धर्म रक्षा हेतु बलिदान गुरु तेग बहादुर ने

11 नवम्बर/बलिदान-दिवस एक बार सिखों के नवें गुरु श्री तेगबहादुर जी हर दिन की तरह दूर-दूर से आये भक्तों से मिल रहे थे। लोग उन्हें अपनी निजी समस्याएँ तो बताते ही थे; पर मुस्लिम अत्याचारों की चर्चा सबसे अधिक होती थी। मुस्लिम आक्रमणकारी हिन्दू गाँवों को जलाकर मन्दिरों और गुरुद्वारों को भ्रष्ट कर रहे थे। […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय — 14 (2)

मुस्लिम और राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कांग्रेस के प्रारम्भिक काल में तो मुसलमान कांग्रेसी मंचों पर दिखाई दिए , पर धीरे – धीरे जैसे कांग्रेस आगे बढ़ती गई वैसे – वैसे ही मुसलमानों का कांग्रेस से मोहभंग होता चला गया। कुछ कालोपरान्त जब मुसलमानों को यह लगने लगा कि अब […]

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इतिहास के पन्नों से व्यक्तित्व

राष्ट्र योगी दत्तोपंत ठेंगड़ी

10 नवम्बर/जन्म-दिवस   श्री दत्तोपन्त ठेंगड़ी का जन्म दीपावली वाले दिन (10 नवम्बर, 1920) को ग्राम आर्वी, जिला वर्धा, महाराष्ट्र में हुआ था। वे बाल्यकाल से ही स्वतन्त्रता संग्राम में सक्रिय रहे। 1935 में वे ‘वानरसेना’ के आर्वी तालुका के अध्यक्ष थे। जब उनका सम्पर्क डा. हेडगेवार से हुआ, तो संघ के विचार उनके मन […]

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इतिहास के पन्नों से

अमर हुतात्मा भाई मतीदास,सतीदास और दयाला

10 नवम्बर/बलिदान-दिवस गुरु तेगबहादुर के पास जब कश्मीर से हिन्दू औरंगजेब के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करने आये, तो वे उससे मिलने दिल्ली चल दिये। मार्ग में आगरा में ही उनके साथ भाई मतिदास, भाई सतिदास तथा भाई दयाला को बन्दी बना लिया गया। इनमें से पहले दो सगे भाई थे। औरंगजेब चाहता […]

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इतिहास के पन्नों से

नेता जी सुभाष चंद्र बोस को तोजो का कुत्ता बताते थे कम्युनिस्ट

______________________________________ लगभग आरंभ से ही कम्युनिस्टों को अपनी वैज्ञानिक विचारधारा और प्रगतिशील दृष्टि का घोर अहंकार रहा है। लेकिन अनोखी बात यह है कि इतिहास व भविष्य ही नहीं, ठीक वर्तमान यानी आंखों के सामने की घटना-परिघटना पर भी उनके मूल्यांकन, टीका-टिप्पणी, नीति, प्रस्ताव आदि प्राय: मूढ़ता की पराकाष्ठा साबित होते रहे हैं। यह न […]

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इतिहास के पन्नों से

विरक्त संत श्री दिगंबर स्वामी

8 नवम्बर/जन्म-दिवस अनादि काल से भारत भूमि पर हजारों सन्त महात्माओं ने जन्म लेकर अपने उपदेशों से जनता जर्नादन का कल्याण किया है। इन्हीं ऋषि-मुनियों की परम्परा में थे श्री दिगम्बर स्वामी, जिनके सत्संग का लाभ उठाकर हजारों भक्तों ने अपना जीवन सार्थक किया। स्वामी जी का जन्म ग्राम सिरवइया (जिला उन्नाव, उ.प्र.) में आठ […]

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इतिहास के पन्नों से व्यक्तित्व

नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ रमन

7 नवम्बर/जन्म-दिवस   बात 1903 की है। मद्रास के प्रेसिडेन्सी कालेज में बी.ए. में पढ़ाते समय प्रोफेसर इलियट ने एक छोटे छात्र को देखा। उन्हें लगा कि यह शायद भूल से यहाँ आ गया है। उन्होंने पूछा, तो उस 14 वर्षीय छात्र चन्द्रशेखर वेंकटरामन ने सगर्व बताया कि वह इसी कक्षा का छात्र है। इतना […]

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इतिहास के पन्नों से

गोवंश की रक्षा हेतु महान आंदोलन

7 नवम्बर/इतिहास-स्मृति   स्वतन्त्र भारत के इतिहास में 7 नवम्बर, 1966 का दिन बड़ा महत्वपूर्ण है। इस दिन राजधानी दिल्ली में संसद भवन के सामने गोवंश की रक्षा की माँग करते हुए 10 लाख से अधिक गोभक्त एकत्र हुए थे। इतना बड़ा प्रदर्शन भारत तो क्या, शायद विश्व के इतिहास में कभी नहीं हुआ था; […]

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इतिहास के पन्नों से

मनुस्मृति और नारी जाति

  डॉ विवेक आर्य इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र दिनांक 27 अक्टूबर, 2020 दिल्ली संस्करण में शहरी नक्सली कविता कृष्णन का अंग्रेजी में लेख प्रकाशित हुआ जिसका शीर्षक है “One cannot be a feminist in India if you are not fighting the Manusmriti” . इन स्वयंभू सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जीवन में कभी मनुस्मृति को पढ़ा तक […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय 14 ( 1) गांधीजी और हिंदू मुस्लिम एकता

  गांधीजी और हिंदू मुस्लिम एकता 8 सितम्बर 1920 को ‘यंग इंडिया’ में गांधी जी ने देश के हिन्दू – मुस्लिमों के बीच एकता और भाईचारे को बलवती करने हेतु तीन नारों पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘अल्लाह हो अकबर’, ‘भारत माता की जय’ और ‘हिन्दू-मुसलमान की जय’ – इन तीन नारों […]

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