पूनम नेगी (लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं।) कभी सोचा है कि क्यों रात को एक तय समय पर पलकें झपकने लगती हैं और सुबह एक तय समय पर खुद व खुद हमारी आंखें खुल जाती हैं। हम ही नहीं पशु-पक्षियों और वृक्ष-वनस्पतियों का जीवनक्रम भी एक सुनिश्चित प्राकृतिक लय के अनुरूप ही चलता है। यह […]
Category: इतिहास के पन्नों से
कृपाशंकर सिंह ऋग्वेद मे कुएँ का उल्लेख अनेक ऋचाओं में हुआ है। इससे पता चलता है कि ऋग्वेदिक काल में सिंचाई के साधनों में कुआँ का उपयोग भी होता रहा होगा। इसकी प्रप्ति कई़ ऋचायों मे चरस का नाम आने से भी होती है। सम्भवतः पीने के लिये भी कुएँ के पानी का उपयोग […]
भारत की पावन भूमि पर कई संत-महात्मा अवतरित हुए हैं, जिन्होंने धर्म से विमुख सामान्य मनुष्य में अध्यात्म की चेतना जागृत कर उसका नाता ईश्वरीय मार्ग से जोड़ा है। ऐसे ही एक अलौकिक अवतार गुरु नानकदेव जी हैं। कहा जाता है कि गुरु नानकदेवजी का आगमन ऐसे युग में हुआ जो इस देश के […]
वैदिक संपत्ति – अमेरिका खंड
गतांक से आगे… जिन देशों का वर्णन हमने इस प्रकरण में किया है, उन देशों के रहने वालों के रीति-रिवाजों, आचार – व्यवहारों और धर्म- कर्म तथा विश्वासों का विस्तार पूर्वक वर्णन उन देशों का इतिहास लिखने वालों ने किया है, जिससे उनकी असभ्यता और अनार्यता का पता मिल जाता है। हम यहां विस्तारभय […]
भारत में यदि निष्पक्ष रूप से साम्प्रदायिक दंगों का इतिहास लिखा जाए तो यह तथ्य स्थापित हो जाएगा कि भारत में साम्प्रदायिक दंगे उतने ही पुराने हैं जितना पुराना इस्लाम है। मुस्लिम बादशाहों या सुल्तानों के काल में सुनियोजित ढंग से होने वाले नरसंहार इन सांप्रदायिक दंगों का वह वीभत्स स्वरूप था जब हिंदू […]
राष्ट्रीय मुसलमान होना भ्रामक है कांग्रेस ने हिन्दू महासभा जैसे राष्ट्रवादी संगठनों के राष्ट्रवादी विचारों का उपहास उड़ाते हुए उस समय कुछ मुस्लिमों के राष्ट्रवादी मुसलमान होने का भी एक पाखण्ड रचा था। जो लोग कांग्रेसी मंच पर आकर हिन्दू महासभा या भारतवर्ष की संस्कृति और इतिहास नायकों को गाली देते थे उन्हें कांग्रेस के […]
सुद्युम्न आचार्य [ निदेशक, वेद वाणी वितान, प्राच्य विद्या शोध संस्थान,सतना(म.प्र.)] महाविज्ञानी आर्यभट्ट के ग्रन्थों में भूपरिधि की नाप का विधि का अस्पष्ट निर्देश प्राप्त होता है। 11वीं शताब्दी में भास्कराचार्य ने इसकी विधि का स्पष्ट उल्लेख किया है। इसे ज्ञात करने के लिये प्रमुखत: दो तथ्यों को जानना आवश्यक होता है। प्रथम, किसी […]
सुधीर सिंह।आज महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का जन्मदिन है। भगत सिंह के साथ असेंबली में बम फेंकने वाले बटुकेश्वर दत्त की कहानी बताती है कि अपने शहीद क्रांतिकारियों को पूजने वाला यह देश जीते जी भी उनके साथ क्या -क्या सुलूक कर सकता है. बटुकेश्वर दत्त की जिंदगी और उनकी स्मृति, दोनों की आजाद […]
इतिहास की एक दुर्घटना
*1920 में अचानक भारत की तमाम मस्जिदों से दो पुस्तकें वितरित की जाने लगी! एक पुस्तक का नाम था “कृष्ण तेरी गीता जलानी पड़ेगी”, और दूसरी पुस्तक का नाम था “उन्नीसवीं सदी का लंपट महर्षि”! ये दोनों पुस्तकें “अनाम” थीं! इसमें किसी लेखक या प्रकाशक का नाम नहीं था, और इन दोनों पुस्तकों में […]
गांधीवाद और डॉक्टर अम्बेडकर आजकल ‘सोशल मीडिया’ पर ऐसी पोस्ट अक्सर आपको पढ़ने को मिल जाएंगी जिनको देखकर लगता है जैसे डॉ अम्बेडकर जी मुस्लिम धर्म की मान्यताओं से बहुत अधिक सहमत थे और मुस्लिम व दलित समाज के लोग ही वास्तविक भारतीय हैं , शेष सभी लोग विदेशी हैं। ऐसी पोस्ट डालने वाले […]