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इतिहास के पन्नों से

हिंदुओं की दर्दनाक दुरावस्था के लिए जिम्मेदार कौन

#डॉविवेकआर्य असाम ब्रह्मपुत्र नदी और घने जंगलों का सुन्दर प्रदेश चिरकाल से हिन्दू राजाओं द्वारा शासित प्रदेश रहा है। असाम में इस्लाम ने सबसे पहले दस्तक बख्तियार खिलजी के रूप में 13 वीं शताब्दी में दी थी। बंगाल पर चढ़ाई करने के बाद खिलजी ने असाम और तिब्बत पर आक्रमण करने का निर्णय किया। अली […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत की 17 लोकसभाओं के चुनाव और उनका संक्षिप्त इतिहास, भाग 2 दूसरी लोकसभा – 1957 – 1962

पंडित जवाहरलाल नेहरू के रहते कांग्रेस ने चुनाव के समय इस बात का जमकर प्रचार किया कि देश को आजादी दिलाने में उसका विशेष योगदान है। देश के भोले भाले मतदाता कांग्रेस के इस प्रचार को सच मान चुके थे । उन्हें ऐसा लगता था कि यदि कांग्रेस नहीं होगी तो देश की आजादी फिर […]

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इतिहास के पन्नों से

बुंदेलखंड के महानायक: हरदौल लाला

आत्माराम यादव पीव लोक कथाओं में नियति प्रधान, व्यक्ति प्रधान, समाज प्रधान एवं जाति प्रदान विशेषणों का आधिक्य देखने को मिलता है। कुछ रचनाएं व्यक्तिविशेष के माध्यम से उत्पन्न होती है तो कुछेक रचनाओं को जनसमुदाय द्वारा यथावत प्रस्तुत करने का चलन रहा है।व्यक्तिप्रधान रचनाओं का जन्म किसी कवि,लेखक की कृतियों-रचनाओं को आधार माना गया […]

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इतिहास के पन्नों से

चित्रकूट धाम के आसपास के प्रमुख तीर्थस्थल

आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी चित्रकूट उतर मध्य भारत का एक बेहद खूबसूरत शहर है। जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच विंध्य पर्वत और घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस जगह पर लोग आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ शांति की तलाश में आते हैं। त्रेता युग में भगवान श्री रामचंद्र जी के वन […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

लोकसभा के आम चुनाव और उनका संक्षिप्त इतिहास देश की पहली लोकसभा के चुनाव: 1951- 52

आजादी से पहले भारत की संसद को ‘केंद्रीय विधानसभा’ के नाम से जाना जाता था। जब देश का नया संविधान बनने लगा और उसके लिए पूरे देश से सदस्य चुनकर आए तो इसे ‘संविधान सभा’ के नाम से पुकारा गया। 26 जनवरी 1950 को जब देश का संविधान लागू हो गया तो इसका नाम ‘संसद’ […]

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इतिहास के पन्नों से

राम के पूर्वज हरित राजा भी थेऔर महर्षि भी

आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी हरित जिसे हरिता , हरितास्य , हरीत और हरितसा के नाम से भी जाना जाता है ,च्यवन ऋषि के पुत्र और सूर्यवंश वंश के एक प्राचीन राजकुमार थे, जिन्हें अपने मातृ पक्ष, हरिता गोत्र से क्षत्रिय वंश के पूर्वज के रूप में जाना जाता था । वह भगवान विष्णु के […]

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इतिहास के पन्नों से

उगता भारत राष्ट्र मंदिर:भारत के ऐतिहासिक स्थल भाग 6

22 किसान घाट – चौधरी चरण सिंह किसान घाट चौधरी चरण सिंह की समाधि स्थल है, जो कि नई दिल्ली में स्थित हैं। राजनीति में नितांत ईमानदारी, सत्यनिष्ठा के लिए उन्हें विशेष रूप से स्मरण किया जाता है। उन्होंने राजनीति में रहते हुए स्वाभिमान और मूल्यों को प्राथमिकता दी । इंदिरा गांधी से जाकर समर्थन […]

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इतिहास के पन्नों से

उगता भारत राष्ट्र मंदिर : भारत के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल, भाग 5

17 महाप्रयाण घाट – डॉ राजेंद्र प्रसाद महाप्रयाण घाट भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल है। डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जो निरंतर दो बार राष्ट्रपति चुने गए। उनके त्याग, तपस्या, सादगी और साधना के फलस्वरूप उन्हें देश के लोगों का असीम प्यार और सम्मान प्राप्त हुआ। […]

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इतिहास के पन्नों से

उगता भारत राष्ट्र मंदिर : भारत के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल, भाग 4

12 रानी दुर्गावती की समाधि 24 जून 1564 को अपना बलिदान देने वाली रानी दुर्गावती का समाधि स्थल जबलपुर  जिले में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। रानी दुर्गावती देश हित के लिए लड़ते-लड़ते अपनी अंतिम सांस इसी स्थल पर ली थी। उन्होंने तत्कालीन मुग़ल सत्ता को चुनौती दी और देश की स्वाधीनता की रक्षा के लिए […]

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इतिहास के पन्नों से

शिवाजी महाराज के शासनकाल की आर्थिक नीतियां

इतिहास के किसी भी खंडकाल में भारतीय सनातन संस्कृति का अनुपालन करते हुए किए गए समस्त प्रकार के कार्यों में सफलता निश्चित मिलती आई है। ध्यान में आता है कि भारतीय आर्थिक दर्शन भी सनातन संस्कृति के अनुरूप ही रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज भी हमारे वेदों एवं पुराणों में वर्णित नियमों के अनुसार ही […]

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