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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

वैदिक संपत्ति : भारत में विदेशियों के तृतीय दल का आगमन

  गतांक से आगे… विदेशियों के तृतीय दल का आगमन कहलाडे कौन हैं ? दक्षिण में चितपावन जाति से संबंध रखने वाली एक तीसरी जाती और है ,जिसका नाम ‘कहलाडे ब्राह्मण ‘ है ।यह भी बाहर वाले हैं ।विद्वानों का अनुमान है कि यह चीन देश के रहने वाले हैं ।आगे के वर्णन से स्पष्ट […]

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इतिहास के पन्नों से

30 दिसंबर 1943 : ब्रिटिश शासन से मुक्ति घोषित मुक्ति का पहला दिन

30 दिसंबर – एक ऐसा दिन जिसे भारतीय इतिहास के पन्नों से बिलकुल गुम सा कर दिया गया। स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले अमर क्रांतिकारियों की सफलता के इस दिन को क्या सरकार,क्या जनता और क्या मीडिया सभी ने पूरी विस्मृत कर दिया। किसी ने सच ही कहा है “इतिहास जंग याद रखता है शहीद […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्य समाजी भजनोपदेशक स्वामी भीष्म जी के परम शिष्य स्वामी रामेश्वरानंद जी महाराज

  तेरी शान हरजां समाई हूई है, ये दुनिया तुम्हारी बनाई हूई है। शशि में रवि और रवि में भी तुम हो, ये सब चमक तेरी फैलाई हूई है। यहां तू वहां तू इधर तू उधर तू, हर घट पट में ज्योति जगाई हूई है। निकट तू अलग तू तेरा मैं मेरा तू,मगर फिर भी […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाएगी राष्ट्रीय पराक्रम दिवस के रूप में : प्रधानमंत्री मोदी का सराहनीय निर्णय

राष्ट्रीय पराक्रम दिवस*   23 जनवरी –  नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को “राष्ट्रीय पराक्रम दिवस” के रूप में मनाये जाने की घोषणा करके हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को का बार-बार अभिनंदन। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी सुभाष जी के पराक्रम को स्मरण करने के साथ ही उन हज़ारों भूले-बिसरे क्रान्तिकारियों के […]

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इतिहास के पन्नों से

जब सरदार पटेल ने दबा दिया था पंजाब का वह बवाल

पंजाब में यह पहला बवाल नही है।देश आजाद होने केतुरन्त बाद भी यह हुआ था।सरदार पटेल जैसे दूरदर्शी ने इसे दबा दिया।तब यें अलग खालिस्तान का सपना पूरा नही टर सके।धीरे धीरे लक्ष्य की ओर बढे।हिन्दी समाप्त की।आर्यसममाज ने स्वामी आत्मानन्द जी और ओमानन्द जी के नेतृत्व में संघर्ष किया।लोगों ने बलिदान दिया। आन्दोलन कुछ […]

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इतिहास के पन्नों से

ऋषि दयानंद, राजा जयकृष्ण दास और सत्यार्थ प्रकाश

  प्रिय आत्मन। सादर समुचित अभिवादन। सन 1874 में महर्षि दयानंद काशी में पधारे थे। उस समय मुरादाबाद निवासी श्री राजा जयकृष्ण दास सी.एस.आई. वहां के डिप्टी कलेक्टर थे ।उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती से निवेदन किया कि आप के उपदेशों से जो लोग वंचित रह जाते हैं उन तक अपने विचार पहुंचाने के लिए आपको […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

इतिहास को नई धारा देने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी थे गुरु गोविंद सिंह

योगेश कुमार गोयल सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी का 354वां प्रकाश पर्व पटना में तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब में 20 जनवरी को मनाया जा रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 1667 ई. में पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1723 विक्रम संवत् को पटना […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

जब वीर सावरकर ने दी थी कांग्रेसी नेताओं को राष्ट्रीय हिजड़े की उपाधि

  अजय कुमार पिक्चर गैलरी का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिमा गान करते हुए कहा कि सावरकर का व्यक्तित्व सभी देशवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस पर कांग्रेस की ओर से कड़ा एतराज जताया गया। किसी राष्ट्र का इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि देश को आजादी दिलाने […]

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आर्थिकी/व्यापार इतिहास के पन्नों से

विश्व में अद्भुत और सब के कल्याण के लिए बनी है भारतीय धातु कर्म परंपरा

  लेखक:- आर.के.त्रिवेदी (लेखक ऑर्कियोकेमिस्ट हैं) विश्व के कल्याण का भाव लेकर ही भारत में धातुकर्म विकसित हुआ था। धातुकर्म के कारण ही भारत में बड़ी संख्या में विभिन्न धातुओं के बर्तन बना करते थे जो पूरी दुनिया में निर्यात किए जाते थे। धातुकर्म विशेषकर लोहे पर भारत में काफी काम हुआ था। उस परम्परा […]

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इतिहास के पन्नों से

महाराणा संग्राम सिंह की समाधि के उद्धार के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी करें हस्तक्षेप

  भारत का इतिहास ऐसे अनेकों वीर योद्धाओं, वीरांगनाओं के बलिदान और त्याग से भरा हुआ है जिनके कारण आज हम आजाद देश के आजाद नागरिक कहे जाते हैं । देश पर जब विभिन्न आक्रमणकारी गिद्धों की भांति टूट टूट कर पड़ रहे थे तब ऐसे अनेकों योद्धा और वीरांगनाएं रही जिन्होंने उनका डटकर सामना […]

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