भारतवर्ष अनादि काल से ही अपनी समृद्धता के लिये सम्पूर्ण विश्व में आकर्षण का केन्द्र रहा है, अपने ज्ञान व योग के कारण भारतीय संस्कृति आज भी सभी संस्कृतियों की जननी है। दुर्भाग्यवश, अधिकतर मनुष्य समृद्धता का अर्थ भौतिकवादी विचारधारा से ग्रस्त होने के कारण आर्थिक दृष्टिकोण पर मापते हैं, परन्तु भारतीय संस्कृति की समृद्धता […]
Category: इतिहास के पन्नों से
बुद्ध-पूर्णिमा और गौतम बुध* 3
* डॉ डी के गर्ग निवेदन: ये लेख 6 भागो में है ,पूरा पढ़े / इसमें विभिन्न विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो की मदद ली गयी है । कृपया अपने विचार बताये। भाग- 3 –बुद्ध से सम्बंधित कुछ प्रश्नोत्तरी : साभार- विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत प्रश्न -महात्मा बुद्ध के ब्राह्मण और […]
डॉ डी के गर्ग , भाग 1 निवेदन: ये लेख ५ भागो में है ,पूरा पढ़े / इसमें विभिन्न विद्वानों के द्वारा लिखे गए समय समय पर लेखो का संपादन किया है। कृपया अपने विचार बताये। प्रचलित मान्यता: ऐसा कहा जाता है की इस पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध का जन्म भारत के बिहार प्रदेश […]
हमारे क्रांतिकारियों ने हर वर्ष की भांति 1933 के प्रारंभ से ही कई स्थानों पर बम विस्फोट कर करके सरकार की नाक में दम कर दिया था। सरकार का उन दिनों वश चलता तो वह एक क्रांतिकारी को भी छोड़ती नही। परंतु क्रांतिकारियों के पीछे जनता जनार्दन का व्यापक समर्थन था, इसलिए सरकार पूर्णत: क्रूर […]
वास्तव में इस्लाम कोई धर्म नहीं है बल्कि एक ऐसा संक्रामक रोग है जो बड़ी जल्दी फैलता है इस रोग ने कई देश धर्म और संस्कृतियों को नष्ट कर दिया फहले तो यह रोग जिहादियों ने तलवार के जोर से फैलाया था लेकिन अब अज्ञान के काऱण इस्लामी रोग से ग्रस्त रोगियों के संपर्क से […]
आपातकाल के दौरान जनता पर किए गए अत्याचारों से खिन्न भारत का मतदाता कांग्रेस के विरुद्ध हो चुका था। इंदिरा गांधी ने यद्यपि पांचवी लोकसभा का कार्यकाल 1 वर्ष बढ़ा लिया था परंतु अंत में उन्हें जनमत के सामने झुकना पड़ा और देश में आम चुनाव की घोषणा कर दी गई। 16 से 20 मार्च […]
नरसी मेहता 15 वीं शताब्दी के गुजराती भक्तिसाहित्य की श्रेष्ठतम विभूति थे। उनके कृतित्व और व्यक्तित्व की महत्ता के अनुरूप साहित्य के इतिहासग्रंथों में नरसिंह-मीरा-युग नाम से एक स्वतंत्र काव्यकाल का निर्धारण किया गया है जिसकी मुख्य विशेषता भावप्रवण कृष्णभक्ति से अनुप्रेरित पदों का निर्माण है। पदप्रणेता के रूप में गुजराती साहित्य में नरसी का […]
आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी राजा हरिशचंद्र का पुत्र रोहिताश्व था इसका पुत्र हरित था।हरित से चम्प नामक पुत्र हुआ। उसी ने बिहार के भागलपुर जिले में चम्पा नगर बसायी थी। चंपा नगर एक समृद्ध नगर और व्यापार का केंद्र भी था। चंपा के व्यापारी दूर दराज क्षेत्रों में समुद्र मार्ग से व्यापार के लिये […]
कांग्रेस में हुए विभाजन के उपरांत इंदिरा गांधी के लिए सत्ता में बने रहना बड़ा कठिन हो रहा था। उन्हें कई प्रकार की चुनौतियां मिल रही थीं। सिंडिकेट उनके लिए सिरदर्द बन चुका था। क्योंकि सिंडिकेट के नेता उनके लिए दिन प्रतिदिन कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी करते जा रहे थे। देश की अर्थव्यवस्था को […]
#डॉविवेकआर्य असाम ब्रह्मपुत्र नदी और घने जंगलों का सुन्दर प्रदेश चिरकाल से हिन्दू राजाओं द्वारा शासित प्रदेश रहा है। असाम में इस्लाम ने सबसे पहले दस्तक बख्तियार खिलजी के रूप में 13 वीं शताब्दी में दी थी। बंगाल पर चढ़ाई करने के बाद खिलजी ने असाम और तिब्बत पर आक्रमण करने का निर्णय किया। अली […]