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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

आर्य समाज और महात्मा गांधी , भाग 2

  लेखक- पं० चमूपति जी, प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, #डॉविवेकआर्य •अनजाने में मिथ्याकथन महात्मा कहते हैं ऋषि ने अनजाने में मिथ्या कथन किया है। ‘अनजाने में मिथ्या कथन’ से महात्मा का तात्पर्य क्या है? क्या ऋषि ने इन मत मतान्तरों का भाव अशुद्ध समझा? यह सम्भव है! अन्ततोगत्वा ऋषि भी मनुष्य थे। दूसरा यह कि समझा […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत का एक सार्थक प्रसंग जो छू जाता है अंतर्मन को

  हिन्दू नसीब सिंह महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था. युद्धभूमि में यत्र-तत्र योद्धाओं के फटे वस्त्र, मुकुट, टूटे शस्त्र, टूटे रथों के चक्के, छज्जे आदि बिखरे हुए थे और वायुमण्डल में पसरी हुई थी घोर उदासी …. ! गिद्ध , कुत्ते , सियारों की उदास और डरावनी आवाजों के बीच उस निर्जन हो चुकी […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

इंकलाब जिंदाबाद के उद्घोषक सरदार भगत सिंह

23 मार्च/बलिदान-दिवस   क्रान्तिवीर भगतसिंह का जन्म 28 सितम्बर, 1907 को ग्राम बंगा, (जिला लायलपुर, पंजाब) में हुआ था। उसके जन्म के कुछ समय पूर्व ही उसके पिता किशनसिंह और चाचा अजीतसिंह जेल से छूटे थे। अतः उसे भागों वाला अर्थात भाग्यवान माना गया। घर में हर समय स्वाधीनता आन्दोलन की चर्चा होती रहती थी। […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना अध्याय 8 (2) भारतीय समाज पर मुगलों का नकारात्मक प्रभाव

  भारतीय समाज पर मुगलों का प्रभाव भारतीय समाज पर मुगल शासनकाल का यह है गम्भीर प्रभाव है। मुगल काल में आर्य परम्परा के सर्वथा विपरीत आचरण करने वाले लम्पट शासकों को देश का पूजनीय शासक बनाने का चाहे जितना प्रयास किया गया हो, परन्तु भारतीय आर्य परम्परा की श्रेष्ठता की निकृष्टतम श्रेणी में भी […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

स्वामी शंकराचार्य के ईश्वर के अस्तित्व पर शास्त्रार्थ का खोजपूर्ण वर्णन

ओ३म् ============ लगभग 23-24 सौ वर्ष पूर्व सनातन धर्म लुप्त प्रायः होकर देश में सर्वत्र नास्तिक मत छा गया था। इस अवधि में देश में स्वामी शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव होता है। वह वेद ज्ञान व विद्या से सम्पन्न थे। उन्होंने जैनमत के आचार्यों से उनकी अविद्यायुक्त मान्यताओं और वैदिक मत की सत्य मान्यताओं पर […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा गांधी, इस्लाम और आर्य समाज, भाग – 2

  #डॉविवेकआर्य माता कस्तूरबा बा का अपने पुत्र के नाम मार्मिक पत्र -तुम्हारे आचरण से मेरे लिए जीवन भारी हो गया हैं मेरे प्रिय पुत्र हीरालाल , मैंने सुना हैं की तुमको मद्रास में आधी रात में पुलिस के सिपाही ने शराब के नशे में असभ्य आचरण करते देखा और गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा गांधी, इस्लाम और आर्य समाज, भाग- 1

  #डॉविवेकआर्य Mahatma and Islam – Faith and Freedom: Gandhi in History के नाम से मुशीरुल हसन नामक लेखक की नई पुस्तक प्रकाशित हुई हैं जिसमें लेखक ने इस्लाम के सम्बन्ध में महात्मा गाँधी के विचार प्रकट किये हैं। इस पुस्तक के प्रकाश में आने से महात्मा गाँधी जी के आर्यसमाज से जुड़े हुए पुराने […]

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इतिहास के पन्नों से व्यक्तित्व

देश के मूर्धन्य वैज्ञानिकों में से एक थे प्रोफेसर राव

  इंडिया साइंस वायर प्रोफेसर राव ने 1960 में अपने कॅरियर की शुरुआत की और उसके बाद से भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। छुपे हुए प्राकृतिक संसाधनों की खोज करने में उनकी दूर-संवेदी तकनीकें बहुत उपयोगी सिद्ध हुईं। भारत में अंतरिक्ष विज्ञान ने बहुत प्रगति कर […]

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इतिहास के पन्नों से

गुर्जर सम्राट कनिष्क के राज्यारोहण के अवसर पर

चक्रवर्ती सम्राट कनिष्क गुर्जर वंश से थे। कुषाण (कसाना) राजवंश 25 ई. से 380 ई. तक यह न केवल गुर्जर जाति का बल्कि भारतीय इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण राजवंश है। इस वंश के कई सम्राट हुए हैं लेकिन यदि अकेले कनिष्क सम्राट की ही बात करें तो उनका साम्राज्य दक्षिणी चीन और रूस से लेकर […]

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इतिहास के पन्नों से

रामो विग्रहवान धर्म:

  राकेश सैन स्वतन्त्रता पर राज्य मानहानि, न्यायालय-अवमान, सदाचार, राज्य की सुरक्षा, विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध, अपराध-उद्दीपन, लोक व्यवस्था, देश की प्रभुता और अखण्डता को ध्यान में रख कर युक्तियुक्त प्रतिबन्ध लगाया जा सकता है। लोकतंत्र के दो रूप कहे जा सकते हैं, एक दण्डात्मक व दूसरा गुणात्मक। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन […]

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