प्रभुनाथ शुक्ल भारतीय स्वाधीनता संग्राम में वीर सावरकर जैसा व्यक्तित्व होना मुश्किल है। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान वीर सावरकर ने हिंदुत्व की विचारधारा को पल्लवित और पोषित किया। देश के वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक माहौल में सावरकर के विचारों की प्रासंगिकता बेहद अहम हो गई है। लेकिन सावरकर का त्याग और बलिदान भारतीय राजनीति की […]
Category: इतिहास के पन्नों से
** डॉ डी क गर्ग –भाग-11 नोट : प्रस्तुत लेखमाला ९ भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । बौध […]
6 जून पर देवेंद्र सिंह आर्य अध्यक्ष उगता भारत समाचार पत्र की ओर से विशेष विशेष प्रस्तुति आज के महाराष्ट्र में नागपुर व उसके आसपास के क्षेत्र के राजा गुर्जर जाति के थे जो शिवाजी के वंशज थे। शिवाजी का गोत्र बैंसला था। जिसको आज बहुत से साथियों ने बिगाड़ करके बंसल कहने का प्रयास […]
डॉ डी क गर्ग –भाग-10 नोट : प्रस्तुत लेखमाला ९ भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । वैदिक धर्म […]
हमारे महान् शासक राजा पोरस से हारकर सिकंदर अपने देश लौट गया था। विश्व विजेता का संकल्प लेकर भारत की ओर बढ़े सिकंदर के लिए यह बहुत ही दुख का विषय था कि वह भारत के एक छोटे से शासक से हार गया। भारत के इस महान् शासक ने सिकंदर के विश्व विजेता बनने के […]
* डॉ डी क गर्ग –भाग-8 नोट : प्रस्तुत लेखमाला ९ भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । वेदो […]
(सीताराम येचुरी के रामायण, महाभारत के संदर्भ से हिंदुओं को हिंसक बताये जाने पर वामपंथियों को दर्पण कुछ वर्ष पुरानी मेरी पोस्ट पुन: प्रस्तुत है।) ” जीसस के प्रेम के जरिये हम अपने ह्रदय को अपने अंतर्मन से जुड़े भाइयों की तरफ ले जाते हैं जिनके लिये जीसस ने अपना जीवन बलिदान किया।” युवा मार्क्स […]
आज हम आपको पांडवों की माता कुन्ती के बारे में बतायेगें !! कुंती एक अद्भुत महिला थीं। पति की मृत्यु के बाद कैसे उन्होंने अपने पुत्रों को हस्तिनापुर में प्रवेश करवाकर गुरु द्रोणाचार्य से शिक्षा दिलवाई और अंत में उन्हें राज्य का अधिकार दिलवाने के लिए प्रेरित किया यह सब जानना अद्भुत है। एक स्त्री […]
* डॉ डी क गर्ग –भाग-7 नोट : प्रस्तुत लेखमाला ९ भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । महात्मा […]
30 मई/बलिदान-दिवस पर शत शत नमन हिन्दू धर्म और भारत की रक्षा के लिए यों तो अनेक वीरों एवं महान् आत्माओं ने अपने प्राण अर्पण किये हैं; पर उनमें भी सिख गुरुओं के बलिदान का उदाहरण मिलना कठिन है। पाँचवे गुरु श्री अर्जुनदेव जी ने जिस प्रकार आत्मार्पण किया, उससे हिन्दू समाज में अतीव जागृति […]