कोणार्क सूर्य मन्दिर – बाला सर की कम्प्यूटर स्क्रीन पर चक्र आवर्त। चन्द्र हरि संकेत – ध्यान केन्द्रित करो! प्रज्ज्वलित कसौटी अग्निकुंड। अस्सी की एलिस की आँखें दपदप हैं। संकल्प लो! कालसर्प की फुफकारे हैं ये, चन्द्रभागा तट के समुद्र की ध्वनियाँ नहीं हैं, चेतन हो! “चेतन कि सम्मोहन, एलिस?” “चुप्प! बोलो मेरे साथ – […]
Category: इतिहास के पन्नों से
प्राचीन भारत कि तालाब संरक्षण संवर्धन व्यवस्था का उल्लेख कौटिल्य अर्थात आचार्य चाणक्य के रचित अर्थशास्त्र ग्रंथ में मिलता है | प्रथम अध्याय के अध्यक्ष प्रचार भाग में तालाबों का वर्गीकरण किया गया है..| मुख्य तौर पर तालाबों को दो वर्गों में बांटा गया है(1) नित्य जल वाले ( 2) अनित्य जल वाले तालाब| […]
आज १९ दिसम्बर १९२७ को निम्नलिखित पक्तियों का उल्लेख कर रहा हूं जबकि १९ दिसम्बर, १९२७ ई. सोमवार (पौष कृष्णा ११ सम्वत् १९८४ वि.) को साढ़े छह बजे प्रातःकाल इस शरीर को फांसी पर लटका देने की तिथि निश्चित हो चुकी है। अतएव नियत समय पर इहलीला संवरण करनी होगी। यह सर्वशक्तिमान प्रभु की लीला […]
… पश्चिमी तटक्षेत्र का विशाल भूदृश्य है। एक कैनवस जिसमें मैं साक्षी हूँ, कोने पर स्थिर, नभ निहारता तूलिका के दो तीन स्पर्श भर अस्तित्त्व हूँ। जहाँ बैठा हूँ, चट्टान नहीं झूलता कालखंड है। नभ की नीलिमा विलुप्त है। साँवरे कारे मेघ घिरते नीचे उतर आये हैं। दृष्टिपटल पर दूर लघु पर्वतमालाओं का आभास है। […]
…क्षैतिज योजना तो हो गई, अब ऊर्ध्व की बारी। ऊर्ध्व शिखर जिनका स्पर्श कर आँखें मन को भावविभोर कर देती हैं। ऊर्ध्व शिखर जिन पर पंछी हवाई घरौंदे बनाते हैं, जिन पर बादलों की छाँह लुका छिपी खेलती है, जो आतप को सोख अक्षत अनुभूतियों को इतिहास देते हैं, आकार देते हैं। काल की […]
(11 जून को अमर बलिदानी रामप्रसाद जी के जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रचारित) 🎯नशा छोङ राष्ट्र भक्त कैसे बने🌷 पं० रामप्रसाद बिस्मिल जी का जन्म उत्तरप्रदेश में स्थित शाहजहांपुरा में 11 जून 1897 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम मुरलीधर तथा माता का नाम मूलमती था। इनके घर की आर्थिक अवस्था अच्छी […]
“जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को!” (राम प्रसाद बिस्मिल) आज शहीद अमर क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का 122 वा जन्मदिवस है.. बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि सार्थक अर्थों में बिस्मिल को तब ही समर्पित होगी जब रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा देश के […]
(इतिहास निर्माण करने वाली घटना) राजिंदर सिंह गुरु गोविन्द सिंह एक ऐसे सामर्थ्यवान् व्यक्ति की खोज करने लगे जिसको वे भावी नेतृत्व सौंप सकें। अपने दीवानों और सभासदों से विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने नान्देड़ के एक आश्रम में वर्षों से रह रहे वैरागी माधोदास को नेतृत्व सौंपने का मन बना लिया। भट्ट स्वरूप […]
कोणार्क सूर्यमन्दिर इस लेख शृंखला में जो गिनी चुनी टिप्पणियाँ आ रही हैं उनमें प्राय: श्रम पक्ष की बड़ी प्रशंसा रहती है 😉 रविशंकर जी ने एक टिप्पणी में सन्दर्भों को लेख के भीतर स्थान देने की बात कही थी। मित्रों! वास्तविकता यही है कि मुझे बहुत श्रम करना पड़ रहा है लेकिन आनन्द भी […]
जन्म दिवस 11 जून पर विशेष राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ भारतीय क्रांतिकारी स्वाधीनता आंदोलन के एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके नाम से ही क्रांति की मचलन अनुभव होने लगती है। जब वे स्वयं और उनके साथी क्रांति के माध्यम से देश को स्वाधीन करने के महान कार्य में लगे हुए थे तब पूरा देश अपने इन […]