26 अगस्त जन्मदिन पर भारत में गरीबों और बीमारों की सेवा के नाम पर धर्मांतरण कराने वाली ईसाई एजेंट एग्नेस गोंक्सा बोयाजियू उर्फ मदर टेरेसा के नाम के आगे ‘संत’ जोड़ा जा रहा है। पिछले आधी से ज्यादा सदी से भारत और दुनिया भर में मदर टेरेसा का महिमामंडन होता रहा है। जबकि यह बात […]
Category: इतिहास के पन्नों से
पाकिस्तान के स्कूलों में बच्चों को क्या पढ़ाया जाता है ? उसे देखकर आप भी यह अनुमान लगा सकते हैं कि पाकिस्तान के स्कूली पाठ्यक्रम में भारत के विरुद्ध जहर उगला जाता है और मुगल बादशाहों के अत्याचारों को सही ठहराने का प्रयास किया जाता है। 1- “हिन्दू हमेशा से इस्लाम के दुश्मन रहे हैं।” […]
#डॉविवेकआर्य देश के इतिहास में सन् 1921 में केरल के मालाबार में एक गांव में मोपलाओं ने हिन्दू जनता पर अमानवीय क्रूर हिंसा की थी। इस घटना पर देशभक्त जीवित शहीद वीर सावरकर जी ने ‘मोपला’ नाम का प्रसिद्ध उपन्यास लिखा था। हिन्दू विरोधी इस कुकृत्य को जानने के लिए हिन्दू जनता द्वारा इस […]
622 ई से लेकर 634 ई तक मात्र 12 वर्ष में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया ।। 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 16 वर्ष में सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया ।। 640 में […]
#डॉविवेकआर्य नास्तिकों के एक समूह में नीचे दिया गया चित्र दर्शाया गया। इस चित्र में दर्शया गया कि इस्लाम, ईसाई,बुद्ध, जैन आदि धर्मों के जन्मदाता तो ज्ञात हैं। मगर हिन्दू धर्म के जन्मदाता का नाम बताये। इस पोस्ट का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज का उपहास करना था। क्यूंकि साधारण हिन्दू युवक इस पोस्ट से […]
स्वामिनाथन एस अंकलेसरिया अय्यर 15 अगस्त को यह खयाल उभर ही आता है कि क्या 1947 में भारत विभाजन टाला जा सकता था? कुछ लोग कहते हैं कि अंग्रेजों ने बंटवारा हम पर थोप दिया, लेकिन इतिहास का कोई भी छात्र बता देगा कि यह झूठ है। इस बारे में एक राय है, जिस […]
अमृता गोस्वामी लंदन में मदनलाल की मुलाकात महान राष्ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर एवं श्यामजी कृष्ण वर्मा से हुई और लंदन में वह इंडिया हाउस में रहने लगे जो तब भारतीय विद्यार्थियों के राजनैतिक क्रियाकलापों का केन्द्र हुआ करता था। समस्त भारतवर्ष आज आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा है, जो याद दिलाता […]
१. सोने की खुदाई करने वाली चींटियां ग्रीक हेरोडोटस (४८४-४२५ ईपू) ने अपने इतिहास खण्ड ३ में एक अध्याय में केवल भारत की उन चींटियों का वर्णन है जिनसे सोने की खुदायी कर भारत धनी हो गया था। यह पारसी राज्य के पूर्व भाग के भारतीय क्षेत्रों में था। यह मरुभूमि क्षेत्र था जहां की […]
स्वामी दयानंद और चित्तौड़गढ़
राजपूतों के इस संघ में ऋषि दयानंद को महाराणा प्रताप और दुर्गादास राठोड़ की संतान को देखने का अवसर मिला, कहा वह स्वाधीन शेर? क्या यह राज्य और इन्द्रियों के बन्धुए? ऋषि दयानंद ने राजपूतने की दशा को रोते हुए ह्रदय से देखा, जो लोग वीरता के आदर्श थे, मान के पुजारी आयर स्वाधीनता के […]
इतिहास ने जिसे भुला दिया ….. बटुकेश्वर दत्त ! नाम याद है या भूल गए ?? हाँ, ये वही बटुकेश्वर दत्त हैं जिन्होंने भगतसिंह के साथ दिल्ली असेंबली में बम फेंका था और गिरफ़्तारी दी थी। अपने भगत पर तो जुर्म संगीन थे लिहाज़ा उनको सजा-ए-मौत दी गयी । पर बटुकेश्वर दत्त को आजीवन […]