______________________________ सीआईए के एजेंट एडवर्ड स्नोडेन की ही तरह सोवियत रूस के खुफिया विभाग केजीबी के पूर्व एजेंट वसीली मित्रोखिन ने केजीबी के गुप्त दस्तावेजो को प्रकाशित किया था. पुस्तक का नाम “The Mitrokhin Archive II: The KGB and the World” इस प्रकार है जो 1999 में प्रकाशित किया गया था । अपनी पुस्तक में […]
Category: इतिहास के पन्नों से
. जोसेफ लेलीवेल्ड की नई पुस्तक ‘ग्रेट सोलः महात्मा गाँधी एंड हिज स्ट्रगल विद इंडिया’ पर गुजरात में प्रतिबन्ध लगा दिया गया। पुस्तक में विवादास्पद प्रसंग सन 1904-13 का है, जब गाँधीजी की दोस्ती हरमन कलेनबाख (1871-1945) से हुई। गाँधी और कलेनबाख एक-दूसरे को ‘अपर हाऊस’ और ‘लोअर हाऊस’ कहते थे। इसका कोई अर्थ स्पष्ट […]
हम सूफी की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मुसलमान ये बताते हैं कि इस्लाम शांति का धर्म है और सूफी ही इस्लाम का सच्चा चेहरा है । लेकिन सच्चाई ये है कि दरअसल सूफीवाद ही इस्लाम को फैलाने का सबसे बड़ा और मुख्य जरिया है और इसके लिए सूफियों ने काफिरों के रक्तपात से […]
दीक्षित जी कहते हैँ मैंने 3,4 वर्ष अपने भारतीय अधिकारी साथियों के साथ इंग्लैंड के इंडिया हाऊस और पुरातत्व संग्रहालय मे 1857 के स्वाधीनता आंदोलन के प्रपत्र देखे हैं। 1857 स्वतंत्रता संग्राम के पाँच मुख्य केंद्र थे।मेरठ,दिल्ली, कानपुर, झाँसी और बिठूर। बिठूर तांत्याटोपे का गांव था। वहाँ अंग्रेज़ो ने तीन वर्ष में पैंतालीस हजार सैनिक […]
31 अगस्त: आज ही अंग्रेजों के बजाय उनके भारतीय गद्दार मुखबिर को जेल में घुस कर मारा था क्रांतिकारियों ने .. एक ऐसा इतिहास जिसे निगल गए नकली कलमकार स्वाधीनता प्राप्ति के प्रयत्न में लगे क्रांतिकारियों को जहां एक ओर अंग्रेजों ने लड़ना पड़ता था, वहां कभी-कभी उन्हें देशद्रोही भारतीय, यहां तक कि अपने गद्दार […]
#डॉविवेकआर्य एक मित्र ने शंका के माध्यम से पूछा कि क्या आप श्री कृष्ण जी को भगवान् मानते है? मेरा उत्तर इस प्रकार से है- महाभारत में श्री कृष्ण जी के विषय में लिखा है- वेद वेदांग विज्ञानं बलं चाप्यधिकं तथा। नृणां हि लोके कोSन्योSस्ति विशिष्ट: ।। अर्थात आज के समुदाय में वेद वेदांग के […]
राजकुमार जयशाह से पराजित हुए अरब सैनिकों ने बहुत ही निराश, हताश और उदास अरब सैनिकों ने जाकर खलीफा को अपनी पराजय का संदेश सुनाया। जिसे सुनकर खलीफा को पसीना आ गया । जब अरब के लुटेरे दलों की सर्वत्र जय जयकार हो रही थी, तब एक भारत ही ऐसा देश था जिसकी धरती पर […]
संतोष पाठक 1990 के बाद बिहार में एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हुआ जिसे लाने वालों ने इसे सामाजिक न्याय का नाम दे दिया। यह दावा किया गया कि बिहार में सदियों से जो सामाजिक स्तर पर भेदभाव किया गया , उसे बदलने का अब सही वक्त आ गया है। देश के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक […]
डॉ विवेक आर्य इस लेख को पड़ने वाले ज्यादातर वे पाठक हैं जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया.यह हमारा सौभाग्य हैं की आज हम जिस देश में जन्मे हैं उसे आज कोई गुलाम भारत नहीं कहता, उपनिवेश नहीं कहता बल्कि संसार का एक मजबूत स्वतंत्र राष्ट्र के नाम से हमें जाना जाता हैं. इस महान […]
कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष नारायण सिंह आर्य श्री कृष्ण भगवान् को राधा के साथ जोड़ना – अश्लीलता भरा वर्णन करना, प्रेम लीला रास लीला दिखाना,१६१०८ गोपियों से शादी करना। शर्म नहीं आती जब देखो तब कृष्ण राधा से जुड़ी पोस्ट कॉपी पेस्ट कर देते हैं। नकलची बन्दर न कहें तो और क्या कहें ? ये […]